Jamshedpur Appointment: Letter वितरण के साथ स्वास्थ्य मंत्री ने दी नई नियुक्तियों की सौगात, पूरे राज्य में शुरू हुआ विशेष स्वास्थ्य शिविर अभियान
जमशेदपुर में स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने 187 संविदा कर्मियों को नियुक्ति पत्र सौंपा और पूरे राज्य में हाट-बाजार स्वास्थ्य शिविर अभियान की शुरुआत की। साथ ही, तीन नए लेबर रूम और कोल्ड चेन केंद्रों का उद्घाटन किया गया।

जमशेदपुर में रोजगार का उत्सव: राज्य सरकार की ओर से स्वास्थ्य क्षेत्र में एक और बड़ी पहल, जब संविदा पर चयनित 187 अभ्यर्थियों को खुद स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने नियुक्ति पत्र सौंपा। यह सिर्फ नियुक्ति नहीं, बल्कि राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक सशक्त कदम है।
कार्यक्रम का आयोजन सिदगोड़ा स्थित टाउन हॉल में भव्य समारोह के रूप में किया गया, जिसमें शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन, बहरागोड़ा विधायक समीर मोहंती, जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी, जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू और उपायुक्त अनन्य मित्तल समेत प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
इस अवसर पर 130 ANM-RCH, 37 स्टाफ नर्स, 3 GNM, 12 फार्मासिस्ट, 1 सोशल वर्कर, 1 नेत्र सहायक और 3 पोषण सलाहकारों को औपचारिक नियुक्ति पत्र सौंपा गया।
इतिहास में झांकें तो... राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की शुरुआत 2005 में हुई थी और इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाना था। लेकिन वर्षों तक यह मिशन स्टाफ की कमी और संसाधनों की दिक्कतों से जूझता रहा। अब, राज्य सरकार ने इस कमी को दूर करने की ठानी है और इस समारोह के ज़रिए इसका ठोस प्रमाण दिया।
स्वास्थ्य मंत्री की बड़ी घोषणाएं:
डॉ इरफान अंसारी ने सिर्फ नियुक्ति पत्र नहीं दिए, बल्कि तीन नए लेबर रूम और कोल्ड चेन केंद्रों का उद्घाटन भी किया – जो लावजोड़ा पीएचसी, पटमदा पीएचसी और आसनबनी पीएचसी (पोटका) में स्थापित किए गए हैं।
इसके अलावा, उन्होंने राज्यव्यापी "हाट-बाजार स्वास्थ्य शिविर अभियान" का भी शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य साप्ताहिक ग्रामीण हाटों में जाकर वहां के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं देना है।
नियुक्ति के पीछे सरकार की मंशा: मंत्री ने साफ कहा, “स्वास्थ्य और शिक्षा वो दो स्तंभ हैं जिन पर राज्य की तरक्की टिकी होती है। हमारी सरकार हर व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी मेडिकल कॉलेजों, जिला और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की नियमित बहाली कर रही है। यह नियुक्तियां भी उसी अभियान का हिस्सा हैं।
शिक्षा मंत्री ने क्या कहा? रामदास सोरेन ने जानकारी दी कि राज्य में शिक्षा विभाग द्वारा भी शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, विशेषकर जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा में। उन्होंने कहा कि सरकार हर सेक्टर में रोजगार सृजन को प्राथमिकता दे रही है।
ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था पर फोकस:
विधायक समीर मोहंती ने घाटशिला अनुमंडल में डायलिसिस सेंटर की मांग रखी, वहीं मंगल कालिंदी ने ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए अल्ट्रासाउंड मशीनों की आवश्यकता को रेखांकित किया।
उनका कहना था कि अभी महिलाओं को छोटे-छोटे चेकअप के लिए भी शहर आना पड़ता है, जिससे समय और धन दोनों की बर्बादी होती है।
जनता की उम्मीदें और सरकार की चुनौती:
इस पहल से जनता को काफी उम्मीदें हैं, लेकिन असली कसौटी अब नवनियुक्त कर्मियों के समर्पण और प्रशासन की निगरानी पर होगी। यदि इन नियुक्तियों से ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा में सुधार आता है, तो यह राज्य के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।
जमशेदपुर में हुए इस नियुक्ति समारोह ने न केवल स्वास्थ्य क्षेत्र में नई ऊर्जा भरी है, बल्कि यह सरकार की नीयत और नीतियों दोनों की पारदर्शिता का उदाहरण भी बना है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या ये नियुक्तियां और घोषणाएं वास्तव में धरातल पर असर छोड़ पाएंगी या ये भी पुराने वादों की तरह कागज़ों में ही सिमट जाएंगी।
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