Jharkhand Blanket Scam: कंबल घोटाले में बड़ा खुलासा, घटिया गुणवत्ता और वजन में भी कमी!
झारखंड सरकार के कंबल वितरण योजना में बड़ा घोटाला! कम वजन और घटिया गुणवत्ता के कंबल बांटे गए। जमशेदपुर के विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर जांच की मांग की।
झारखंड सरकार द्वारा ठंड से बचाव के लिए गरीबों के बीच कंबल वितरण योजना पर सवाल खड़े हो गए हैं। हाल ही में सामने आई रिपोर्ट में कंबलों की गुणवत्ता और वजन में गंभीर खामियां पाई गई हैं। जमशेदपुर के विधायक सरयू राय ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है।
क्या है मामला?
राज्य के सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा 2024-25 वित्तीय वर्ष के लिए झारखंड के 24 जिलों में 30 करोड़ रुपये की लागत से 9,20,245 कंबलों की आपूर्ति का आदेश दिया गया था। यह आपूर्ति ओम शक्ति टेक्सटाइल्स, पानीपत, हरियाणा और बिहारी लाल चौधरी ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड, धनबाद द्वारा की जानी थी।
शर्तों के अनुसार, प्रत्येक कंबल का वजन 2100 ग्राम होना चाहिए था, जो धोने के बाद अधिकतम 5% तक कम हो सकता था। लेकिन वर्तमान में 1596 ग्राम और 1600 ग्राम वजन के कंबल वितरित किए जा रहे हैं, जो तय मानकों से काफी कम हैं।
कंबलों की गुणवत्ता पर सवाल
निविदा शर्तों के अनुसार:
- हैंडलूम से बने होने चाहिए थे, लेकिन पावरलूम के कंबल वितरित किए गए।
- कंबलों में 70% ऊन और 30% सिंथेटिक धागा होना चाहिए था, जबकि अब तक जांच में केवल 35-40% ऊन ही पाया गया है।
- नए पॉलिएस्टर धागे का प्रयोग किया जाना था, लेकिन पुराने कपड़ों के धागों का इस्तेमाल सामने आया है।
वितरण में गड़बड़ी का आरोप
सरयू राय ने आरोप लगाया है कि:
- 10% कंबल उच्च गुणवत्ता के हैं, जो जांच के दौरान प्रस्तुत किए जाते हैं।
- शेष 90% कंबल निम्न गुणवत्ता के हैं और मानकों पर खरे नहीं उतरते।
- निविदा प्रक्रिया में भी गड़बड़ी की गई, जहां पहले वित्तीय मूल्यांकन और फिर तकनीकी मूल्यांकन किया गया, जो नियमों का उल्लंघन है।
इतिहास: झारखंड में सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार
झारखंड में सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी का इतिहास पुराना है। इससे पहले भी पीडीएस घोटाला, मनरेगा घोटाला और धनबाद कोल माफिया जैसे मामलों ने राज्य की साख को धूमिल किया था।
सरयू राय का पत्र और मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखे पत्र में पूरे राज्य में कंबलों की जांच की मांग की है। उन्होंने आग्रह किया है कि:
- सभी जिलों में कंबलों की नमूना जांच कराई जाए।
- दोषी आपूर्तिकर्ताओं पर विधिक कार्रवाई की जाए।
- पिछले वर्ष की तुलना में कंबलों की गुणवत्ता में सुधार के लिए अतिरिक्त बजट आवंटित किया गया, लेकिन गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ।
क्या हो सकती है आगे की कार्रवाई?
- स्वतंत्र जांच समिति गठित की जा सकती है।
- वितरण प्रक्रिया की निगरानी के लिए स्थानीय प्रशासन को सख्त निर्देश दिए जा सकते हैं।
- दोषियों पर कानूनी कार्यवाही के साथ, भविष्य में समान गड़बड़ियों को रोकने के लिए नए दिशा-निर्देश तैयार किए जा सकते हैं।
जनता की सुरक्षा पर सवाल
झारखंड सरकार द्वारा जरूरतमंदों की सहायता के लिए चलाई जा रही योजनाओं में भ्रष्टाचार की ये खबर चिंताजनक है। ऐसे में पारदर्शी जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई से ही जनता का विश्वास बहाल किया जा सकता है।
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