छत्तीसगढ़ में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा, न्याय के लिए दर-दर भटक रहीं  श्रीमती सुमन उन्नी

छत्तीसगढ़ के दुर्ग में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के खिलाफ  श्रीमती सुमन उन्नी ने मुख्यमंत्री को आवेदन भेजा है, लेकिन पटवारी और नगर निगम के चक्कर काटने के बावजूद उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है। पढ़ें पूरी खबर।

Oct 9, 2024 - 01:40
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छत्तीसगढ़ में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा, न्याय के लिए दर-दर भटक रहीं  श्रीमती सुमन उन्नी
दुर्ग की  श्रीमती सुमन उन्नी का संघर्ष: सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा, न्याय के लिए मुख्यमंत्री तक पहुंचा मामला

दुर्ग, छत्तीसगढ़: दुर्ग जिले के बोरसी ग्राम की निवासी  श्रीमती सुमन उन्नी पिछले कई महीनों से सरकारी जमीन पर हुए अवैध कब्जे के खिलाफ न्याय के लिए संघर्ष कर रही हैं। सरकारी अधिकारियों और नगर निगम के चक्कर काटने के बावजूद उन्हें अब तक न्याय नहीं मिला है, और अब उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को आवेदन भेजकर मदद की गुहार लगाई है।

श्रीमती सुमन ने दावा किया है कि दुर्ग जिले के पटवारी और नगर निगम के अधिकारी अवैध कब्जाधारियों के पक्ष में काम कर रहे हैं, जिससे उन्हें न्याय प्राप्त करने में बाधाएं आ रही हैं। उन्होंने कहा कि कई बार पटवारी कार्यालय और नगर निगम में शिकायतें कीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उनकी निराशा इतनी बढ़ गई कि उन्हें मुख्यमंत्री को आवेदन प्रेषित करना पड़ा।

अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ कार्रवाई में देरी

 श्रीमती सुमन उन्नी का मामला बोरसी ग्राम में स्थित शासकीय भूमि खाता नंबर 194/1 रकबा 1.368 हेक्टेयर का है, जहां कई व्यक्तियों ने अवैध कब्जा कर लिया है। इस जमीन पर श्री बिरंची चौधरी, श्री जीवन यादव, श्रीमती सुनीता भोंसले, श्री डोमार बंजारे, श्री हेमंत साहू, कुंज साहू, और श्री ज्ञानदास बंजारे सहित सात लोगों ने कब्जा किया हुआ है।

इस मामले में दुर्ग के तहसीलदार कार्यालय ने कब्जाधारियों को नोटिस जारी किए थे, लेकिन न तो उन्होंने कब्जा हटाया और न ही नोटिस का कोई उत्तर दिया। अब अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इस अवैध कब्जे को हटाने के लिए स्थल पर मार्किंग की आवश्यकता है, जिसमें राजस्व निरीक्षक और पटवारी की मदद ली जाएगी।

पटवारी और अधिकारियों पर गंभीर आरोप

 श्रीमती सुमन उन्नी का आरोप है कि इस पूरी प्रक्रिया में स्थानीय पटवारी और नगर निगम के अधिकारी कब्जाधारियों के पक्ष में काम कर रहे हैं। उनका दावा है कि पटवारी की निष्क्रियता और अधिकारियों की ढिलाई की वजह से उनके मामले में देरी हो रही है। अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने के कारण उन्हें बार-बार अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री से न्याय की उम्मीद

अब जब उन्हें स्थानीय स्तर पर न्याय नहीं मिल पा रहा है, श्रीमती नदेशासन सुमन ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को आवेदन भेजकर इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि अगर मुख्यमंत्री उनके मामले में हस्तक्षेप करते हैं, तो ही उन्हें इस भूमि विवाद में न्याय मिलने की उम्मीद है।

अधिकारियों का जवाब और आगामी कार्रवाई

दुर्ग के तहसीलदार कार्यालय से प्राप्त पत्र के अनुसार, कब्जाधारियों द्वारा सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर नोटिस जारी किया गया था, लेकिन अब तक न तो कब्जा हटाया गया है और न ही नोटिस का उत्तर दिया गया है। इसके चलते जमीन पर कब्जा हटाने के लिए स्थल मार्किंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस काम के लिए एक तिथि निर्धारित की जाएगी, जिसमें क्षेत्रीय राजस्व निरीक्षक और पटवारी की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से इस मामले में कोई ठोस कदम उठाया जाता है या नहीं। क्या श्रीमती सुमन उन्नी को न्याय मिलेगा या फिर उन्हें और संघर्ष करना पड़ेगा?

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।