Hazaribagh Arrest: पांडेय गिरोह के 7 खतरनाक अपराधी दबोचे, जंगल में बड़ी वारदात की खूनी साजिश विफल
हजारीबाग पुलिस रेड, पांडेय गिरोह गिरफ्तारी, विकास तिवारी हजारीबाग, झारखंड अपराध समाचार, कोयलांचल गैंगवार, हथियार बरामदगी न्यूज़, चरही पुलिस एक्शन
हजारीबाग, 17 दिसंबर 2025 – झारखंड के कोयलांचल क्षेत्र में आतंक का दूसरा नाम बन चुके पांडेय गिरोह की जड़ों पर हजारीबाग आरक्षी दल ने बड़ा प्रहार किया है। चरही थाना क्षेत्र के घने इंद्रा जंगल में घेराबंदी करके पुलिस ने सात अत्यंत खतरनाक अपराधियों को धर दबोचा। इनके पास से विनाशकारी हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ है। पकड़े गए ये अपराधी किसी अति विशिष्ट व्यक्ति की हत्या अथवा बड़ी रंगदारी वसूलने की साजिश रच रहे थे।
जंगल में आधी रात को बड़ी घेराबंदी
आरक्षी अधीक्षक को एक अत्यंत विश्वसनीय सूत्र से सूचना मिली थी कि पांडेय गिरोह के गुर्गे इंद्रा जंगल के भीतर एकत्रित हुए हैं। सूचना की गंभीरता को देखते हुए बिष्णुगढ़ अनुमंडल आरक्षी पदाधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष छापामारी दल का गठन किया गया।
-
साहसी कार्यवाही: आरक्षी दल ने पूरी सतर्कता के साथ जंगल को चारों ओर से घेर लिया। पुलिस की भनक लगते ही अपराधियों ने भागने का प्रयास किया, किन्तु दक्ष जवानों ने उन्हें मौके पर ही दबोच लिया।
-
बरामद हथियार: तलाशी के दौरान अपराधियों के पास से एक स्वदेशी कट्टा, एक स्वदेशी पिस्तौल, तीन जीवित कारतूस और सात दूरभाष यंत्र (मोबाइल) मिले हैं।
पांडेय गिरोह का रक्तपात से भरा इतिहास
झारखंड में पांडेय गिरोह (भोला पांडेय-किशोर पांडेय) का इतिहास अत्यंत खौफनाक रहा है। यह गिरोह दशकों से रामगढ़, हजारीबाग, पलामू और लातेहार जैसे जिलों में कोयला व्यवसायियों से रंगदारी वसूलने और गैंगवार के लिए जाना जाता है।
अतीत में भोला पांडेय और फिर किशोर पांडेय की हत्या के बाद, इस गिरोह की कमान विकास तिवारी के हाथों में आ गई। विकास तिवारी वही अपराधी है जिसने हजारीबाग न्यायालय परिसर में सरेआम सुशील श्रीवास्तव की हत्या की थी। वर्तमान में विकास तिवारी हजारीबाग कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, किन्तु पुलिस के अनुसार वह जेल की चारदीवारी के भीतर से ही अपने इस गिरोह का संचालन कर रहा है।
इन क्षेत्रों में था आतंक
पूछताछ में गिरफ्तार अपराधियों ने स्वीकार किया है कि वे कटकमसांडी, केरेडारी, चरही और बरकट्ठा जैसे क्षेत्रों में सक्रिय थे। वे व्यवसायियों को डराने-धमकाने और लेवी वसूलने का काम करते थे। इन सभी का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड रहा है और ये पहले भी जेल की हवा खा चुके हैं।
| विवरण | संख्या / जानकारी |
| गिरफ्तार अपराधी | 07 (पांडेय गिरोह के सदस्य) |
| बरामद पिस्तौल | 01 स्वदेशी |
| जीवित कारतूस | 03 (7.65 एमएम) |
| मुख्य सरगना | विकास तिवारी (जेल से संचालित) |
प्रशासन का मानना है कि इस कार्यवाही से न केवल पांडेय गिरोह कमजोर होगा, बल्कि कोयलांचल क्षेत्र में होने वाली अगामी हिंसक घटनाओं पर भी लगाम लगेगी। पुलिस अब उन सफेदपोश मददगारों की भी तलाश कर रही है जो जेल में बंद विकास तिवारी तक बाहर की सूचनाएं पहुंचाते थे।
नगरवासियों ने पुलिस की इस त्वरित कार्यवाही की सराहना की है, किन्तु दहशत अभी भी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है।
What's Your Reaction?


