Hazaribagh Success: नक्सली साजिश नाकाम! हजारीबाग-बोकारो सीमा पर पुलिस का बड़ा ऑपरेशन, झाड़ियों में छिपी दो SLR राइफल और 180 जिंदा कारतूस बरामद, लूटे गए हथियारों का खुलासा, एक माह में तीसरी बड़ी सफलता

झारखंड के हजारीबाग और बोकारो सीमा क्षेत्र में पुलिस और सीआरपीएफ को नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता मिली है। दो एसएलआर राइफल, तीन मैगजीन, 180 से अधिक जिंदा कारतूस और नक्सली वर्दी बरामद की गई है। एसपी अंजनी अंजन ने बताया कि नक्सली किसी बड़ी वारदात की साजिश रच रहे थे, जो सतर्कता से टल गई।

Oct 13, 2025 - 13:39
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Hazaribagh Success: नक्सली साजिश नाकाम! हजारीबाग-बोकारो सीमा पर पुलिस का बड़ा ऑपरेशन, झाड़ियों में छिपी दो SLR राइफल और 180 जिंदा कारतूस बरामद, लूटे गए हथियारों का खुलासा, एक माह में तीसरी बड़ी सफलता
Hazaribagh Success: नक्सली साजिश नाकाम! हजारीबाग-बोकारो सीमा पर पुलिस का बड़ा ऑपरेशन, झाड़ियों में छिपी दो SLR राइफल और 180 जिंदा कारतूस बरामद, लूटे गए हथियारों का खुलासा, एक माह में तीसरी बड़ी सफलता

झारखंड का इलाका, विशेषकर हजारीबाग और बोकारो का सीमावर्ती जंगल, हमेशा से ही नक्सलवादियों के लिए एक सुरक्षित पड़ाव रहा है। लेकिन हाल के दिनों में झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त रणनीति ने इन इलाकों में नक्सलियों की नींद हराम कर दी है। हाल ही में तीन हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराने के बाद, पुलिस को एक माह के भीतर यह तीसरी सबसे बड़ी सफलता मिली है, जिससे नक्सलियों की किसी बड़ी साजिश पर पानी फिर गया।

भारतीय इतिहास में झारखंड और बिहार का सीमावर्ती क्षेत्र अतीत में कई बार नक्सली गतिविधियों का केंद्र रहा है। बिहार में आने वाले चुनाव के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ावा देना और अवैध हथियारों के चलन को रोकना एक राष्ट्रीय प्राथमिकता बन गया है। पुलिस की इस सतर्कता से न केवल एक संभावित बड़ी घटना टली है, बल्कि सुरक्षाबलों के हाथ नक्सली नेटवर्क से जुड़े अहम सुराग भी लगे हैं।

जंगल में छिपाकर रखे गए थे हथियार

पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन ने शनिवार को मीडिया को जानकारी दी कि बिहार चुनाव को देखते हुए सीमा क्षेत्र में विशेष नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा था। इसी दौरान रविवार देर रात चले संयुक्त सर्च ऑपरेशन में पुलिस और सीआरपीएफ को बड़ी सफलता मिली।

  • बरामदगी: घने जंगलों में झाड़ियों के बीच कुशलतापूर्वक छिपाकर रखे गए हथियारों का एक बड़ा जखीरा बरामद हुआ। इसमें दो एसएलआर राइफल (SLR Rifle), तीन मैगजीन और 180 से अधिक जिंदा कारतूस शामिल थे।

  • अन्य सामग्री: इसके अलावा, नक्सलियों की वर्दी, पिट्ठू पाउच और उनके दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी बरामद की गईं। इन सामग्रियों से साफ होता है कि यह इलाका नक्सलियों का ठिकाना था।

बड़ी वारदात की साजिश हुई नाकाम

एसपी ने संकेत दिया कि बरामद हथियार पहले नक्सलियों द्वारा सुरक्षाबलों से लूटे गए हथियारों में से होने की संभावना है।

  • साजिश: प्रारंभिक जांच से पता चला है कि इस क्षेत्र में सक्रिय नक्सली दस्ते किसी बड़ी आपराधिक वारदात की साजिश रच रहे थे। पुलिस और सीआरपीएफ की सतर्कता के कारण समय रहते यह योजना नाकाम हो गई।

  • सक्रियता बढ़ाने की कोशिश: बरामद सामग्री से यह भी स्पष्ट है कि नक्सली संगठन फिर से अपनी सक्रियता बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे।

  • आगे की कार्रवाई: फिलहाल, पुलिस ने हथियार जब्त कर जांच शुरू कर दी है और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है।

याद रहे कि 15 सितंबर को हजारीबाग पुलिस ने एक करोड़ के इनामी समेत तीन हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराया था। एक माह के भीतर यह लगातार तीसरी बड़ी सफलता पुलिस के बढ़ते दबाव को दर्शाती है।

आपकी राय में, लूटे गए हथियारों को नक्सलियों के पास पहुंचने से रोकने और हथियारों के स्रोत को नष्ट करने के लिए सुरक्षाबलों को कौन से दो सबसे प्रभावी रणनीतिक कदम उठाने चाहिए?

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।