Godda Incident: एक आदिवासी लड़की की रेप और हत्या, क्या झारखंड में आदिवासी बेटियों की सुरक्षा खतरे में है?
झारखंड के गोड्डा जिले में एक आदिवासी लड़की की हत्या और रेप का मामला सामने आया है। क्या यह घटना आदिवासी समुदाय की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाती है? जानें पूरी जानकारी।
झारखंड के गोड्डा जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक आदिवासी लड़की की हत्या कर दी गई। तसरिया गांव में यह मामला तब सामने आया, जब परिवार ने आरोप लगाया कि दूसरे समुदाय के एक लड़के ने उनकी बेटी को उठाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और बाद में उसे मार डाला। इस घटना के बाद स्थानीय लोग उबाल में हैं और पूरे इलाके में आक्रोश फैल गया है।
किशोरी की मां ने घटना के बारे में बताते हुए कहा कि युवक अनवर अंसारी ने उनकी बेटी को जबरदस्ती अपने घर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। उन्होंने आरोप लगाया कि अनवर ने अपनी बेटी को कुछ दिन पहले से परेशान किया था, जबकि वह खुद अपने जाति के लड़के से शादी करना चाहती थी। हालांकि, वह यह नहीं चाहती थी कि वह अनवर के साथ रहे। किशोरी की मां के अनुसार, अनवर ने अपनी बेटी को दवा खिलाकर मार डाला और उसके शव को घर पर छोड़ दिया।
इस घटना के बाद पूरे गांव में कोहराम मच गया, और इलाके के लोग घटनास्थल पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू की है। पुलिस ने किशोरी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और हर पहलू पर बारीकी से जांच कर रही है।
गोड्डा जिले के सांसद, निशिकांत दुबे ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए एक विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने ट्वीट किया कि यह घटना संथालपरगना में बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण हो रही समस्याओं का परिणाम है। उनका कहना था कि कांग्रेस की नीतियों के कारण इस क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठिए आदिवासी समुदाय के लिए खतरा बन गए हैं। उन्होंने दावा किया कि आदिवासी लड़कियों के साथ इस प्रकार के अपराध बढ़ रहे हैं और समाज में आदिवासी की संख्या घट रही है।
वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी ने राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि झारखंड में आदिवासी बेटियों के खिलाफ अत्याचार का सिलसिला कभी थमता नहीं दिखता। उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासी लड़कियों के लिए किए गए वादों का पालन करने में नाकाम रही है और यह मामला इसकी बानगी है। उनका कहना था कि सरकार को अब इस मुद्दे पर गंभीर कदम उठाने की जरूरत है।
झारखंड के आदिवासी समुदाय के लिए यह घटना किसी गंभीर चेतावनी से कम नहीं है। लंबे समय से आदिवासी लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन यह घटना समाज में गहरी चिंता का कारण बनी है। क्या राज्य सरकार और पुलिस अब इस घटना को लेकर सख्त कदम उठाएंगे, या यह मामला भी अन्य घटनाओं की तरह समय के साथ दब जाएगा?
क्या यह घटना झारखंड के आदिवासी समुदाय की सुरक्षा पर सवाल उठाती है? क्या राज्य सरकार अब इस दिशा में कुछ ठोस कदम उठाएगी? इन सवालों का जवाब अब केवल समय ही दे पाएगा, लेकिन एक बात तो साफ है कि झारखंड में आदिवासी समुदाय की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा बन चुका है।
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