Giridih Accident : धार्मिक यात्रा में श्रद्धालुओं से भरा ऑटो पलटा, 2 की मौत और 5 घायल
गिरिडीह में श्रद्धालुओं से भरा ऑटोरिक्शा पलट गया। इस हादसे में 2 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 5 लोग घायल हुए। सभी श्रद्धालु मंदिर दर्शन के लिए जा रहे थे।

झारखंड के गिरिडीह ज़िले से एक दर्दनाक सड़क हादसे की खबर सामने आई है जिसने पूरे इलाके में मातम का माहौल बना दिया। शुक्रवार को एक ऑटो रिक्शा पलट जाने से दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा उस समय हुआ जब श्रद्धालुओं का यह दल एक धार्मिक यात्रा के तहत जमामो माता मंदिर जा रहा था।
हादसा कैसे हुआ?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार श्रद्धालुओं से भरा यह ऑटो रिक्शा तिसरी थाना क्षेत्र से होकर गुजर रहा था। इसी दौरान अचानक संतुलन बिगड़ने से वाहन पलट गया। पलटने की आवाज़ सुनते ही आस-पास के लोग मौके पर पहुंचे और तुरंत पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलते ही पुलिस बल और ग्रामीणों ने घायलों को धनवार अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है। हालांकि, इस दुर्घटना में दो श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस का बयान
इस घटना की पुष्टि करते हुए गिरिडीह के उपमंडल पुलिस अधिकारी (SDPO) राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और घायलों का इलाज जारी है। उन्होंने बताया कि सभी श्रद्धालु धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने के लिए जा रहे थे, इसी बीच यह हादसा हो गया।
श्रद्धालुओं का सफर और मंदिर का महत्व
जमामो माता मंदिर गिरिडीह जिले का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जहां हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा और दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मान्यता है कि यहां माता जमामो की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसी आस्था के कारण श्रद्धालु परिवार सहित यहां पहुंचते हैं।
इसी यात्रा के दौरान यह हादसा हुआ जिसने उत्साह और श्रद्धा की भावना को मातम में बदल दिया। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार यह ऑटो श्रद्धालुओं से पूरी तरह भरा हुआ था और सड़क पर भीड़ के कारण ड्राइवर का संतुलन बिगड़ गया।
हादसे ने दिलाया सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि धार्मिक मेलों और यात्राओं के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर प्रशासनिक इंतज़ाम कितने पुख्ता होते हैं। अक्सर भीड़भाड़ के कारण श्रद्धालु छोटे वाहनों में ठसाठस भरकर सफर करते हैं, जिससे ऐसे हादसों की संभावना बढ़ जाती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे आयोजनों के दौरान प्रशासन को यातायात व्यवस्था, अतिरिक्त वाहनों की उपलब्धता और मेडिकल टीम की तैनाती जैसे कदम उठाने चाहिए ताकि हादसों की संभावना को कम किया जा सके।
इलाके में शोक की लहर
जैसे ही यह खबर फैली, गिरिडीह समेत आसपास के गांवों में शोक की लहर दौड़ गई। मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से पीड़ित परिवारों को मुआवज़ा और घायलों के समुचित इलाज की मांग की है।
गिरिडीह का यह हादसा हमें याद दिलाता है कि धार्मिक आस्था और उत्साह के बीच सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। श्रद्धालु जहां अपनी भक्ति में मग्न होते हैं, वहीं प्रशासन और वाहन चालकों की ज़िम्मेदारी होती है कि उनकी यात्रा सुरक्षित रहे।
इस हादसे ने न सिर्फ दो परिवारों को गहरा घाव दिया है, बल्कि समाज को भी यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि भीड़भाड़ के समय सुरक्षा प्रबंधन कितना अहम है।
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