Giridih Horror: आदिवासी छात्रा के साथ दुष्कर्म और हत्या, पूरे गांव में अफरा-तफरी
झारखंड के गिरिडीह में एक 16 वर्षीय आदिवासी छात्रा से दुष्कर्म के बाद हत्या। ग्रामीणों में आक्रोश। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। जानें क्या है इस दिल दहला देने वाली घटना का पूरा सच।

झारखंड का गिरिडीह जिला, जो अपनी शांत वादियों और घने जंगलों के लिए जाना जाता है, आज एक ऐसी भयावह घटना का गवाह बना है जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। एक 16 वर्षीय आदिवासी छात्रा के साथ दरिंदगी और फिर उसकी निर्मम हत्या ने लोगों को सकते में डाल दिया है। यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि मानवता पर एक गहरा दाग है, जिसने पूरे क्षेत्र में गुस्सा और तनाव का माहौल पैदा कर दिया है।
इस तरह की घटनाएं न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं, बल्कि समाज के नैतिक मूल्यों पर भी एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाती हैं। झारखंड के ग्रामीण इलाकों में, जहां लोग आमतौर पर एक-दूसरे से परिचित होते हैं, वहां इस तरह की क्रूरता की उम्मीद नहीं की जाती। इस घटना ने एक बार फिर से इस बात की पुष्टि की है कि दरिंदे अपनी हैवानियत को अंजाम देने के लिए किसी भी रिश्ते या सामाजिक बंधन का लिहाज नहीं करते।
बराकर नदी: जहां एक मासूम की जान गई
शनिवार की दोपहर, आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली यह छात्रा अपनी दो छोटी बहनों और चाची के साथ पास की बराकर नदी पर कपड़े धोने और नहाने गई थी। जब सभी लोग अपना काम खत्म करके घर लौटे, तो छात्रा वहीं रह गई। शायद उसे नहीं पता था कि कुछ ही देर में उसकी मुलाकात एक ऐसे शख्स से होगी, जिस पर उसके परिवार को पूरा भरोसा था।
उसी समय, आरोपी गुलाम मेरुद्दीन (निवासी – कुसमय थोरिया, थाना बिरनी) उनके घर पहुंचा। वह मृतका के पिता के साथ मजदूरी का काम करता था और परिवार से उसके करीबी संबंध थे। इसी करीबी संबंध के कारण किसी को भी उस पर संदेह नहीं हुआ। शायद यही बात आरोपी के लिए सबसे बड़ा हथियार बन गई।
दरिंदगी और हत्या: एक दिल दहला देने वाला सच
पुलिस को दिए गए बयान के अनुसार, परिजनों का आरोप है कि आरोपी गुलाम मेरुद्दीन ने शराब के नशे में इस मासूम छात्रा को अपनी हवस का शिकार बनाया। दुष्कर्म करने के बाद, उसने अपनी पहचान छिपाने के लिए उसे नदी में डुबोकर मार डाला। शव पर मिले चोट के निशान भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि यह कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि एक सोची-समझी हत्या थी।
घटना के दौरान, कुछ स्थानीय ट्रैक्टर चालक वहां से गुजर रहे थे। उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्होंने दो लोगों को नदी में देखा था। उन्हें लगा कि यह एक परिवार है जो स्नान कर रहा है, लेकिन कुछ देर बाद उन्होंने देखा कि एक युवक अकेले नदी से बाहर निकल रहा है, जबकि युवती पानी में डूबी रह गई। इस बयान ने पुलिस के लिए जांच की दिशा को और स्पष्ट कर दिया।
आक्रोश और न्याय की मांग
जैसे ही इस घटना की खबर गांव में फैली, पूरे इलाके में आक्रोश फैल गया। ग्रामीण और स्थानीय संगठन एकजुट होकर आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। इस जघन्य अपराध ने न सिर्फ एक परिवार को सदमा दिया है, बल्कि पूरे समाज को हिलाकर रख दिया है।
कई राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने भी इस घटना की निंदा की है। बगोदर विधायक नागेंद्र महतो, पूर्व विधायक विनोद सिंह, कांग्रेस नेता बासुदेव वर्मा, और आदिवासी एकता मंच ने आरोपी को तुरंत फांसी की सजा देने की मांग की है।
पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी गुलाम मेरुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया है और उसे जेल भेज दिया गया है। हालांकि, ग्रामीणों का गुस्सा अभी भी शांत नहीं हुआ है। वे न्याय के लिए सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। यह घटना एक बार फिर से महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती है और समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर हम किस दिशा में जा रहे हैं।
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