Garhwal: डॉ. ऋषिका वर्मा को काव्य शिरोमणि सम्मान, नेपाल में हुआ ऐतिहासिक सम्मान समारोह!
उत्तराखंड की प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. ऋषिका वर्मा को नेपाल में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में काव्य शिरोमणि सम्मान से नवाजा गया। जानें उनके साहित्यिक योगदान और सम्मान समारोह की पूरी खबर।
गढ़वाल: उत्तराखंड की प्रसिद्ध साहित्यकार और हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के दर्शन विभाग में सहायक आचार्य के पद पर कार्यरत डॉ. ऋषिका वर्मा को नेपाल के लुंबिनी में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन कार्यक्रम में काव्य शिरोमणि मानद उपाधि सम्मान से नवाजा गया है। यह सम्मान उन्हें उनकी साहित्यिक कृतियों और हिंदी साहित्य में उनके योगदान के लिए दिया गया है।
एक ऐतिहासिक सम्मान
डॉ. ऋषिका वर्मा को यह प्रतिष्ठित सम्मान शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन नेपाल द्वारा आयोजित वैश्विक हिंदी अंतरराष्ट्रीय कविता प्रतियोगिता के दौरान दिया गया। इस प्रतियोगिता में भारत और विदेशों के सैकड़ों रचनाकारों ने भाग लिया था, जिनमें से 100 उत्कृष्ट रचनाकारों को उनके काव्य लेखन के लिए सम्मानित किया गया। डॉ. वर्मा को यह सम्मान हिंदी साहित्य के प्रसार, साहित्यिक प्रतिभाओं के उत्थान और देवनागरी लिपि के संरक्षण के उनके योगदान के लिए मिला है।
पुरस्कार समारोह की महत्वपूर्ण बातें
कार्यक्रम के आयोजक और शब्द प्रतिभा फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष, आनंद गिरि मायालु ने कहा कि, "किसी भी प्रतिभा को प्रोत्साहित करने से उसकी कार्य क्षमता में वृद्धि होती है। इस कार्यक्रम के माध्यम से हम देश और विदेश के साहित्यकारों को प्रोत्साहित करना चाहते हैं। हमारी संस्था ने साहित्य के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई है और हम आगे भी साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देते रहेंगे।"
डॉ. ऋषिका वर्मा की सैकड़ों रचनाएं विभिन्न पत्रिकाओं और साहित्यिक मंचों पर प्रकाशित हो चुकी हैं, और उनके लेखन ने उन्हें व्यापक पहचान दिलाई है। उनका साहित्यिक योगदान न केवल शिक्षा क्षेत्र में, बल्कि साहित्य प्रेमियों के बीच भी सराहा गया है।
भारतीय साहित्य के लिए एक नया अध्याय
शब्द प्रतिभा फाउंडेशन की प्रतिष्ठा अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैल चुकी है, और यह संस्था विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसके अलावा, संस्था ने विश्व में पहली बार साहित्यिक परिचय डायरेक्ट्री के प्रकाशन की योजना बनाई है, जिसमें देश-विदेश के हजारों कवि, लेखक और साहित्यकारों का परिचय प्रकाशित किया जाएगा।
डॉ. ऋषिका वर्मा का योगदान
डॉ. वर्मा ने हमेशा हिंदी साहित्य और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने की कोशिश की है। उनका मानना है कि साहित्य समाज के विकास और संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा, वे हिंदी काव्य शिरोमणि सम्मान जैसे मंचों के माध्यम से नवोदित लेखकों को भी प्रोत्साहित करती हैं। उनका कार्य न केवल साहित्यिक जगत में, बल्कि समाज के विभिन्न पहलुओं में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी प्रेरणादायक है।
वैश्विक हिंदी कविता प्रतियोगिता
यह प्रतियोगिता 1240 रचनाकारों के बीच आयोजित की गई थी, और इसमें भाग लेने वाले रचनाकारों ने अपनी काव्य प्रतिभा का प्रदर्शन किया। चयनित 100 रचनाकारों को काव्य लेखन में उत्कृष्टता के लिए काव्य शिरोमणि सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान न केवल रचनाकारों के लिए एक उपलब्धि है, बल्कि यह हिंदी साहित्य के लिए भी गर्व की बात है।
भविष्य की दिशा
शब्द प्रतिभा फाउंडेशन अब साहित्य के क्षेत्र में अपनी सक्रियता को और बढ़ाने की योजना बना रही है। संस्था का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर हिंदी साहित्य को प्रोत्साहित करना और साहित्यिक प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना है।
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