गांधी जयंती पर झारखंड में हुआ महा-सम्मान समारोह: बापू के विचारों से जिलाधिकारी का स्वच्छता संकल्प

गांधी जयंती के अवसर पर मानगो गांधी मैदान में बापू की प्रतिमा पर झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। जानें कैसे जिला प्रशासन ने बापू के आदर्शों को अपनाकर स्वच्छता और महिलाओं के अधिकारों के लिए संकल्प लिया।

Oct 2, 2024 - 12:07
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गांधी जयंती पर झारखंड में हुआ महा-सम्मान समारोह: बापू के विचारों से जिलाधिकारी का स्वच्छता संकल्प
गांधी जयंती पर झारखंड में हुआ महा-सम्मान समारोह: बापू के विचारों से जिलाधिकारी का स्वच्छता संकल्प

गांधी जयंती के शुभ अवसर पर मानगो गांधी मैदान में एक विशेष आयोजन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। झारखंड के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण मंत्री बन्ना गुप्ता के साथ जिला दण्डाधिकारी-सह-उपायुक्त अनन्य मित्तल, वरीय पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल, ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग, और एसडीएम धालभूम शताब्दी मजूमदार ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस कार्यक्रम में जनसमुदाय की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही, जिससे इस आयोजन की गरिमा बढ़ी।

155वीं जयंती पर बापू के आदर्शों की गूंज

इस विशेष अवसर पर माननीय मंत्री बन्ना गुप्ता ने महात्मा गांधी के विचारों को याद करते हुए उनके आदर्शों और बलिदानों की सराहना की। उन्होंने कहा, "आज हम सभी पूज्य बापू की 155वीं जयंती मना रहे हैं। बापू के सत्य और अहिंसा के बताये मार्ग आज भी हमारे लिए प्रासंगिक हैं। आजादी के आंदोलन में उनके त्याग और बलिदान से हमें प्रेरणा मिलती है। हमें उनके आदर्शों को समझना होगा और अपनाना होगा।"

बन्ना गुप्ता ने यह भी कहा कि बापू का जीवन इस बात का उदाहरण है कि बिना किसी हथियार के भी कैसे बड़े परिवर्तन किए जा सकते हैं। उनका सत्य और अहिंसा पर आधारित संघर्ष ही अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर कर गया। यह प्रेरणा का स्रोत है जो हमें अहिंसा और प्रेम से हर समस्या का समाधान करने का संदेश देता है।

लाल बहादुर शास्त्री को नमन

इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी नमन किया गया। लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से हमें सादगी और ईमानदारी की शिक्षा मिलती है। उनके 'जय जवान, जय किसान' के नारे ने देश की जनता में एक नई ऊर्जा भर दी थी, और इस दिन को उनकी याद में भी मनाना उनके योगदान का सम्मान है।

जिला प्रशासन का स्वच्छता के प्रति संकल्प

जिला दण्डाधिकारी-सह-उपायुक्त अनन्य मित्तल ने राष्ट्रपिता को नमन करते हुए कहा कि महात्मा गांधी द्वारा स्थापित आदर्श हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन स्वच्छता के संबंध में विभिन्न योजनाओं के तहत कृत संकल्पित है। महिलाओं को उनके अधिकारों से जागरूक करने, सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने, और स्वच्छ भारत मिशन को गांव-गांव तक पहुंचाते हुए खुले में शौच मुक्त भारत की दिशा में जिला प्रशासन का संकल्प है।

उपायुक्त ने कहा कि बापू के स्वच्छता और महिलाओं के अधिकारों के प्रति दिए गए संदेश को साकार करना हम सभी का दायित्व है। गांधी जी का स्वप्न था कि भारत एक ऐसा देश बने जहां हर व्यक्ति को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अवसर मिले और प्रशासन इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है। इस अभियान के तहत स्वच्छता के संबंध में जागरूकता फैलाने के लिए गांव-गांव में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

स्वच्छ भारत मिशन: गांव-गांव तक पहुंचाने का प्रयास

महात्मा गांधी का सपना था कि भारत स्वच्छ हो और यहां हर किसी को बराबरी का हक मिले। इसी दिशा में जिला प्रशासन ने स्वच्छ भारत मिशन को गांव-गांव तक पहुंचाने का संकल्प लिया है। उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन ने खुले में शौच मुक्त भारत के लिए ठोस कदम उठाए हैं और इसे साकार करने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है। इसके तहत महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने, शौचालय निर्माण, और स्वच्छता कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास जारी है।

समारोह की खास बातें

इस समारोह में मंत्री बन्ना गुप्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति ने इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया। वेटरनरी कॉलेज मैदान में आयोजित इस आयोजन के जरिए गांधी जी के आदर्शों और शास्त्री जी के योगदान को याद किया गया। जनता के बीच इस समारोह को लेकर उत्साह का माहौल था और बड़ी संख्या में लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

गांधी जयंती पर झारखंड के मंत्री और जिला प्रशासन ने जिस प्रकार से बापू और शास्त्री जी के आदर्शों को याद किया, वह न केवल प्रेरणादायक है बल्कि समाज के हर व्यक्ति को उनके मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। महात्मा गांधी के विचार आज भी हमारे लिए प्रासंगिक हैं और उनकी 155वीं जयंती पर उनका सम्मान कर उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लेना हम सभी का कर्तव्य है।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।