गालूडीह में कठपुतली नाच का शानदार कार्यक्रम, दर्शकों ने किया आनंदित

गालूडीह के जोड़िसा में रविवार रात कठपुतली नाच का आयोजन किया गया। गिरिधारी काठ पुतुल नृत्य समिति ने दी शानदार प्रस्तुति।

Nov 4, 2024 - 16:28
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गालूडीह में कठपुतली नाच का शानदार कार्यक्रम, दर्शकों ने किया आनंदित
गालूडीह में कठपुतली नाच का शानदार कार्यक्रम, दर्शकों ने किया आनंदित

गालूडीह, 4 नवंबर 2024: गालूडीह के जोड़िसा में रविवार रात एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यहां लोगों की भीड़ कठपुतली नाच देखने के लिए उमड़ पड़ी। इस कार्यक्रम का आयोजन सार्वजनीन काली पूजा कमेटी, जोड़िसा की ओर से किया गया था। कार्यक्रम में विशेष रूप से पश्चिम बंगाल के गिरिधारी काठ पुतुल नृत्य समिति को आमंत्रित किया गया था।

दर्शकों ने की तारीफ

गिरिधारी काठ पुतुल नृत्य समिति की टीम ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कठपुतली के माध्यम से कहानियों को जीवंत किया गया। बच्चों से लेकर बड़ों तक, सभी ने इस अद्भुत कला का आनंद लिया। कठपुतली नाच देखने के लिए लोग काफी उत्साहित थे।

कला की विलुप्ति का खतरा

यह भी ध्यान देने योग्य है कि पहले के समय में कठपुतली नाच देखने के लिए बच्चों से लेकर जवानों तक की भीड़ लगती थी। लेकिन समय के साथ इस कला में कमी आई है। आज के बच्चों को ये पारंपरिक कला शायद ही देखने को मिले। इस कारण यह कला विलुप्ति के कगार पर पहुंच गई है।

सांस्कृतिक महत्व

कठपुतली नाच केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। यह दर्शकों को न केवल हंसाता है, बल्कि उन्हें जीवन की सीख भी देता है। कार्यक्रम के आयोजकों ने इस कला को जीवित रखने के लिए ऐसे आयोजनों की आवश्यकता को समझा है।

कार्यक्रम की सफलता

इस कार्यक्रम की सफलता ने यह दिखा दिया कि लोग अब भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों को पसंद करते हैं। स्थानीय लोगों ने कार्यक्रम की सराहना की और आयोजकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से न केवल मनोरंजन होता है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत भी जिंदा रहती है।

भविष्य की योजनाएं

आयोजकों ने भविष्य में और भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है। उनका उद्देश्य इस कला को युवाओं में पुनर्जीवित करना है ताकि आने वाली पीढ़ी भी कठपुतली नाच का आनंद ले सके।

इस प्रकार, गालूडीह में हुए इस कार्यक्रम ने एक बार फिर से कठपुतली नाच की अद्भुत कला को जन-जन के सामने लाने का काम किया। आशा है कि ऐसे और भी आयोजन होते रहें ताकि हमारी संस्कृति को आगे बढ़ाया जा सके।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।