ग़ज़ल - 1 - डॉ संजय दानी ,दुर्ग
मुश्किलों से रज़ा अगर रखना, हौसलों की दुआ उपर रखना। ....
ग़ज़ल
मुश्किलों से रज़ा अगर रखना,
हौसलों की दुआ उपर रखना।
तेरा वादा था साथ चलने का,
मान वादों का उम्र भर रखना ।
जब नज़ारा हवस की बात करे,
मौसमे -सब्र सा हुनर रखना।
गर मदद चाहते हो ग़ैरों से,
खुद भी इमदाद का जिगर रखना।
ग़ैरों की ग़लती कितनी ढूंढोगे,
अपनी गफलत पे ख़ुद नज़र रखना।
गजलकार
डॉ संजय दानी, दुर्ग
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