Dhanbad Picnic Accident: पिकनिक में खुशी का माहौल मातम में बदला, झरने में डूबे दो मासूम
धनबाद के तोपचांची में पिकनिक के दौरान दो सगे मासूम भाइयों की झरने में डूबकर मौत। गिरिडीह-कोडरमा सीमा पर हुई इस घटना ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया।
झारखंड के धनबाद जिले में एक दुखद घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। तोपचांची के मदैयडीह से पिकनिक के लिए गए गिरधारी साव के दो सगे मासूम बेटों की हदहदवा झरने में डूबने से मौत हो गई। घटना रविवार को घोड़थंभा ओपी क्षेत्र के कोदवारी गांव के पास स्थित हदहदवा झरने पर हुई, जो गिरिडीह-कोडरमा जिले की सीमा पर बहती है।
पिकनिक की मस्ती, झरने में बदल गई मातम में
मदैयडीह के गिरधारी साव और उनके भाई झरी साव अपने परिवार के साथ गुंडरी गांव में अपने मामा के घर आए थे। रिश्तेदारों के साथ हंसी-खुशी का माहौल बनाते हुए सभी लोग हदहदवा नदी पर पिकनिक मनाने पहुंचे थे।
जब परिजन पिकनिक की तैयारियों में जुटे थे, तभी गिरधारी साव का 13 वर्षीय बेटा विशाल गुप्ता और 5 वर्षीय विक्रम कुमार खेलते-खेलते झरने की ओर बढ़ गए। झरने के करीब पहुंचकर दोनों फिसलकर गहरे पानी में गिर गए।
मौत से मचा कोहराम
घटना के तुरंत बाद परिजनों ने शोर मचाया और बच्चों को झरने से बाहर निकाला। आनन-फानन में दोनों को धनवार रेफरल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
विशाल और विक्रम की मौत ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। उनके पिता, गिरधारी साव, झारखंड पुलिस में आरक्षी हैं और वर्तमान में देवघर में तैनात हैं।
झरने का इतिहास और खतरनाक पहलू
हदहदवा झरना, जो गिरिडीह और कोडरमा जिलों की सीमा पर स्थित है, झारखंड का एक प्राकृतिक आकर्षण है। यह झरना सालभर स्थानीय और बाहरी पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है।
लेकिन इस खूबसूरती के साथ खतरा भी जुड़ा हुआ है। झरने के गहरे पानी और फिसलन भरे इलाके में पहले भी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि उचित सुरक्षा इंतजाम न होने और लापरवाही के कारण यहां हादसों का सिलसिला जारी है।
विधायक ने दी सांत्वना
घटना की जानकारी मिलते ही डुमरी विधायक जयराम महतो पीड़ित परिवार के घर पहुंचे। उन्होंने परिजनों को सांत्वना दी और इस दुखद घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की। विधायक ने प्रशासन से अपील की कि ऐसे संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा के इंतजाम बढ़ाए जाएं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
झरनों में सुरक्षा का अभाव: एक बड़ी समस्या
झारखंड के कई झरने और पिकनिक स्पॉट राज्य के पर्यटन मानचित्र पर तो खास जगह रखते हैं, लेकिन सुरक्षा के अभाव में यहां अक्सर हादसे होते हैं।
- झरने के पास चेतावनी बोर्ड और लाइफ गार्ड की व्यवस्था का अभाव इन दुर्घटनाओं को बढ़ाता है।
- स्थानीय प्रशासन को ऐसे क्षेत्रों में सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने की आवश्यकता है।
पिकनिक के दौरान रखें ये सावधानियां
- बच्चों पर विशेष ध्यान: प्राकृतिक स्थलों पर बच्चों को अकेला न छोड़ें।
- सावधान रहें: झरने के किनारे खड़े होने या गहरे पानी के पास जाने से बचें।
- सुरक्षा उपकरण: झरनों या नदियों में जाते समय सुरक्षा उपकरण जैसे लाइफ जैकेट का इस्तेमाल करें।
- स्थानीय नियमों का पालन: झरने के पास लगे निर्देशों और संकेतों का ध्यान रखें।
परिवार का दर्द और भविष्य की चेतावनी
इस दुखद घटना ने एक बार फिर झरने जैसे खूबसूरत स्थलों पर सुरक्षा की कमी को उजागर कर दिया है। प्रशासन और लोगों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि प्राकृतिक स्थलों की खूबसूरती जिंदगियों को खतरे में न डाले।
विशाल और विक्रम की मौत का गम हर किसी की आंखों में आंसू ला रहा है। यह हादसा परिवार और समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि प्राकृतिक स्थलों पर सुरक्षा से समझौता न किया जाए।
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