Dhanbad Raid: घर में चल रही थी मिनी शराब फैक्ट्री, गुप्त ठिकाने से सप्लाई!
धनबाद में नकली शराब का बड़ा खुलासा! पुलिस ने छापेमारी कर मिनी फैक्ट्री पकड़ी, छह पेटी शराब और कई ब्रांड के नकली रैपर जब्त। जानें पूरी खबर।

धनबाद: झारखंड के धनबाद थाना क्षेत्र के हीरापुर तेलीपाड़ा में नकली शराब का बड़ा खुलासा हुआ है। शनिवार की रात उत्पाद विभाग की टीम ने छापेमारी कर एक मिनी शराब फैक्ट्री पकड़ी। यहां से विभिन्न ब्रांड की छह पेटी नकली शराब और शराब बनाने का सामान बरामद किया गया। पुलिस के पहुंचने से पहले ही शराब फैक्ट्री का संचालक शंकर साव फरार हो गया।
कैसे हुआ नकली शराब का खुलासा?
उत्पाद विभाग के सब-इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि शंकर साव अपने घर में अवैध रूप से शराब बना रहा है। इस पर टीम बनाकर रात में उसके घर पर छापेमारी की गई। तलाशी के दौरान वहां से विभिन्न ब्रांड की शराब, बोतलों के रैपर, ढक्कन और शराब बनाने के अन्य सामान जब्त किए गए।
धनबाद में क्यों बढ़ रहा है नकली शराब का धंधा?
धनबाद में नकली शराब का गोरखधंधा कोई नई बात नहीं है। कोयलांचल क्षेत्र में अवैध शराब माफियाओं की जड़ें गहरी हैं। इस तरह की मिनी फैक्ट्रियां अक्सर गुप्त ठिकानों पर चलाई जाती हैं और छोटे होटलों व दुकानों में शराब बेची जाती है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, धनबाद, बोकारो और गिरिडीह जैसे इलाकों में नकली शराब का कारोबार सालों से फल-फूल रहा है। अवैध शराब न केवल सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि लोगों की सेहत के लिए भी खतरनाक साबित हो रही है।
कैसे चलता था पूरा खेल?
- घरेलू फैक्ट्री में बनाई जाती थी शराब – शंकर साव अपने घर में ही नकली शराब बनाता था।
- ब्रांडेड पैकिंग का इस्तेमाल – अलग-अलग ब्रांड की बोतलों पर नकली लेबल लगाकर असली जैसा बनाया जाता था।
- गुप्त सप्लाई नेटवर्क – यह शराब छोटे-मोटे होटलों और परचून दुकानों को बेची जाती थी।
- रात के अंधेरे में बिक्री – रात 10 बजे से अल सुबह तक गली-मोहल्लों में घूम-घूम कर शराब बेची जाती थी।
शंकर साव फरार, पुलिस तलाश में जुटी
छापेमारी के दौरान शंकर साव मौके से फरार हो गया। पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
परचुनिया गिरोह भी शामिल!
सूत्रों के अनुसार, नकली शराब को बाजार में बेचने के लिए हीरापुर और स्टेशन रोड के कुछ परचुनिया भी मिले हुए हैं। ये लोग रात के समय मोहल्लों में घूमकर छिपे हुए ग्राहकों तक शराब पहुंचाते थे।
झारखंड में नकली शराब का खतरा!
झारखंड में पिछले कुछ सालों में नकली शराब से मौत के कई मामले सामने आए हैं। 2021 में बोकारो में जहरीली शराब पीने से 7 लोगों की मौत हुई थी। इसी तरह 2023 में गिरिडीह में नकली शराब पीने से 10 लोगों की जान चली गई थी। नकली शराब में मिथेनॉल जैसे खतरनाक केमिकल मिलाए जाते हैं, जिससे लोगों की जान तक जा सकती है।
क्या कर रही है पुलिस?
- अवैध शराब के ठिकानों पर छापेमारी बढ़ाई जाएगी।
- संदिग्ध लोगों की निगरानी के लिए स्पेशल टीम गठित की जाएगी।
- सप्लाई चेन को तोड़ने के लिए होटलों और दुकानों की जांच होगी।
कैसे बचें नकली शराब से?
- सिर्फ लाइसेंसी दुकानों से ही शराब खरीदें।
- बोतल पर लगे सील और बारकोड को चेक करें।
- सस्ती और ऑफर वाली शराब से बचें, क्योंकि नकली शराब सस्ते दामों में बेची जाती है।
- अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति गली-मोहल्लों में घूमकर शराब बेच रहा हो, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।
What's Your Reaction?






