Dhanbad Protest: अस्पताल में इलाज में लापरवाही, मरीज की मौत पर परिजनों का हंगामा!
धनबाद के एसएनएमएमसीएच अस्पताल में मरीज की मौत पर परिजनों का हंगामा! इलाज में लापरवाही के आरोप, डॉक्टरों पर गुस्सा, पुलिस ने कराया मामला शांत। पूरी खबर पढ़ें।

धनबाद: एसएनएमएमसीएच (शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल) में इलाज में लापरवाही के आरोपों के बीच सोमवार को परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। मेडिसिन वार्ड के कैथलैब में भर्ती मरीज की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया।
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परिजनों ने अस्पताल स्टाफ और डॉक्टरों से गाली-गलौज की और लगभग दो घंटे तक प्रदर्शन किया।
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इस दौरान अस्पताल में मौजूद अन्य मरीजों को भी काफी परेशानी हुई।
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सूचना मिलने पर सरायढेला पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया।
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अंततः अस्पताल प्रबंधन ने एम्बुलेंस की व्यवस्था कर शव को घर भेजा।
कैसे हुई मौत?
घटना सोमवार शाम करीब 4 बजे की है, जब बाबूडीह जिला स्कूल के पास रहने वाले दिनेश कुमार सिंह (50) को लो बीपी और कमजोरी महसूस हुई।
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परिजन उन्हें तुरंत इलाज के लिए धनबाद के एसएनएमएमसीएच अस्पताल ले गए।
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मरीज को कैथलैब के मेडिसिन वार्ड में भर्ती किया गया।
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दिनेश के भाई अवधेश कुमार महतो ने अस्पताल पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया।
परिजनों का आरोप: "इलाज नहीं किया, समय पर डॉक्टर तक नहीं बुलाया!"
मृतक के भाई अवधेश कुमार महतो ने कहा कि,
"मेरे भाई को भर्ती करने के बाद कोई डॉक्टर देखने तक नहीं आया! बार-बार कहने के बावजूद स्वास्थ्यकर्मियों ने डॉक्टर को बुलाने की जहमत तक नहीं उठाई। अगर समय पर इलाज मिलता, तो शायद मेरे भाई की जान बच सकती थी!"
परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि,
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अस्पताल में मरीजों की देखभाल में भारी लापरवाही बरती जा रही है।
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कर्मचारियों का रवैया बेहद गैर-जिम्मेदाराना था, जिससे समय पर इलाज नहीं मिला।
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जब मरीज की मौत हो गई, तब जाकर अस्पताल स्टाफ सक्रिय हुआ।
धनबाद का हेल्थकेयर सिस्टम सवालों के घेरे में!
धनबाद के एसएनएमएमसीएच में लापरवाही के आरोप पहली बार नहीं लगे हैं।
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अस्पताल की कार्यप्रणाली को लेकर पहले भी कई बार विवाद हो चुके हैं।
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मरीजों को समय पर इलाज न मिलना, डॉक्टरों की लापरवाही और मेडिकल स्टाफ की उदासीनता जैसी घटनाएं अक्सर सामने आती हैं।
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जनवरी 2024 में भी इसी अस्पताल में इलाज में देरी के कारण एक मरीज की मौत हो गई थी, जिसके बाद परिजनों ने हंगामा किया था।
पुलिस ने कैसे कराया मामला शांत?
हंगामा बढ़ता देख अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को सूचना दी।
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सरायढेला थाना पुलिस मौके पर पहुंची और प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाने की कोशिश की।
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पुलिस ने परिजनों को आश्वासन दिया कि मामले की जांच की जाएगी।
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अंततः, अस्पताल प्रशासन ने एम्बुलेंस की व्यवस्था कर शव को घर भेज दिया।
अब सवाल यह उठता है कि:
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अगर अस्पताल प्रबंधन समय पर इलाज करता, तो क्या दिनेश कुमार सिंह की जान बच सकती थी?
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क्या अस्पतालों में इस तरह की लापरवाही जारी रहेगी?
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धनबाद के स्वास्थ्य तंत्र में कब सुधार होगा?
प्रशासन और सरकार की चुप्पी क्यों?
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मरीजों की मौत पर बार-बार अस्पतालों में लापरवाही के आरोप लगते हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता।
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स्वास्थ्य विभाग को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
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अगर प्रशासन सख्ती से पेश नहीं आया, तो ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति होती रहेगी।
क्या होगा आगे?
अब देखना यह होगा कि इस मामले की जांच होगी या फिर यह भी बाकी केसों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा। फिलहाल, परिजनों में आक्रोश है और लोग धनबाद के हेल्थकेयर सिस्टम पर सवाल उठा रहे हैं।
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