Hata Accident: पुलिया पर भिड़े दो ट्रेलर, भीषण हादसे में चालक की दर्दनाक मौत!
हाता-चाईबासा मार्ग पर भीषण सड़क हादसा! पुलिया पर ट्रेलर की जोरदार टक्कर से चालक की मौके पर ही मौत, खलासी गंभीर रूप से घायल। जानिए पूरी खबर।

हाता: चाईबासा मुख्य मार्ग (एनएच-220) पर सोमवार सुबह ऐसा दर्दनाक हादसा हुआ जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। मुरुमडीह पुलिया पर एक ट्रेलर ने दूसरे ट्रेलर को इतनी जोरदार टक्कर मारी कि आगे चल रहा ट्रेलर पुलिया के नीचे जा गिरा। इस भयानक दुर्घटना में एक चालक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि खलासी गंभीर रूप से घायल हो गया।
कैसे हुआ भीषण हादसा?
जानकारी के मुताबिक, ट्रेलर (JH 05 DL 4978) पुलिया के पास धीरे चल रहा था, जबकि दूसरा ट्रेलर (BR 02 GA 9889) पीछे से आ रहा था। पुलिया पहले से ही संकरी थी और सामने से एक अन्य वाहन आता देख पहले ट्रेलर के चालक ने ब्रेक लगा दिया। लेकिन पीछे आ रहा ट्रेलर समय रहते रुक नहीं सका और उसने आगे वाले ट्रेलर को जबरदस्त टक्कर मार दी।
टक्कर के बाद पुलिया के नीचे गिरा ट्रेलर!
इस टक्कर का प्रभाव इतना भयावह था कि आगे वाला ट्रेलर सीधे पुलिया से नीचे जा गिरा। गनीमत रही कि उसमें सवार चालक और खलासी किसी तरह बच गए। लेकिन टक्कर मारने वाले ट्रेलर के चालक छोटू लाल प्रसाद (35) की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
आधे घंटे तक केबिन में फंसा रहा शव
हादसे के बाद छोटू लाल प्रसाद का शरीर ट्रेलर के क्षतिग्रस्त केबिन में बुरी तरह फंस गया। स्थानीय लोग तुरंत मदद के लिए पहुंचे, लेकिन शव को बाहर निकालने में करीब आधे घंटे का समय लग गया। इसके बाद 108 एंबुलेंस की मदद से उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, राजनगर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
चालक और खलासी की पहचान हुई
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मृतक चालक छोटू लाल प्रसाद बिहार के नवादा (नागड़ी रजौली) का निवासी था।
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घायल खलासी पिंटू कुमार (32) नीमचौक बाथनी, गया (बिहार) का रहने वाला है।
घायल पिंटू की हालत गंभीर बनी हुई है और उसे बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया है।
स्थानीय लोगों ने क्या कहा?
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अगर ट्रेलर चालक थोड़ा सतर्क रहता और वाहन की गति नियंत्रण में होती, तो यह हादसा टल सकता था। पुलिया संकरी होने के कारण इस तरह की दुर्घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया है।
पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
घटना की जानकारी मिलते ही राजनगर पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी। हादसे के कारण सड़क पर जाम की स्थिति बन गई, जिसे पुलिस ने कुछ देर बाद नियंत्रित कर लिया।
क्या पुलिया की संकीर्णता है हादसों की वजह?
यह कोई पहला मामला नहीं है जब मुरुमडीह पुलिया पर इस तरह का हादसा हुआ हो। पुलिया का संकरा होना और वहां उचित संकेतक न होने की वजह से आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
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भारी वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन पुलिया का विस्तार नहीं किया गया।
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तेज रफ्तार और ब्रेकिंग सिस्टम की विफलता भी बड़े हादसों को न्योता देती है।
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प्रशासन की ओर से सड़क सुरक्षा के इंतजाम न होने के कारण यह क्षेत्र "हॉटस्पॉट" बन चुका है।
भविष्य में कैसे रोका जाए ऐसा हादसा?
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पुलिया के पास स्पीड ब्रेकर और संकेतक लगाए जाएं, ताकि वाहन चालक पहले से सतर्क रहें।
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भारी वाहनों के लिए सख्त गति सीमा तय की जाए और उसका पालन सुनिश्चित किया जाए।
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प्रशासन को चाहिए कि पुलिया को चौड़ा करने की योजना पर जल्द से जल्द काम करे।
अब क्या होगा आगे?
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और हादसे की पूरी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। स्थानीय लोग सड़क सुरक्षा उपायों को लागू करने की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर कितनी तेजी से कार्रवाई करता है या फिर यह मामला भी कागजों में दबकर रह जाता है।
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