Dhanbad Crisis: अस्पताल में मौत का साया: बिजली कटते ही ऑक्सीजन के लिए तड़पते मरीज!
धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन संकट से मरीजों की जान पर खतरा मंडरा रहा है। पावर कट होते ही इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीज तड़पने लगते हैं। पढ़ें पूरी खबर।

धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SNMMCH) में इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीजों के लिए ऑक्सीजन की किल्लत जानलेवा साबित हो रही है। जैसे ही बिजली गुल होती है, ऑक्सीजन सप्लाई बंद हो जाती है और मरीज तड़पने लगते हैं। अस्पताल में लगे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनें बिजली से संचालित होती हैं, लेकिन लगातार बिजली कटौती के कारण ये बेकार साबित हो रही हैं।
बिजली कटते ही ऑक्सीजन संकट, मरीजों की हालत बिगड़ी!
सोमवार रात करीब 9 बजे अस्पताल की बिजली अचानक गुल हो गई। इस दौरान टुंडी के एक मरीज, जिसे सांस लेने में तकलीफ थी, ऑक्सीजन के बिना तड़पने लगा। 5-7 मिनट तक उसे ऑक्सीजन नहीं मिल सकी, क्योंकि जनरेटर चालू करने में देरी हो गई।
इसी तरह मंगलवार को एक अस्थमा से पीड़ित बुजुर्ग महिला को भी ऑक्सीजन के अभाव में तड़पते देखा गया। अस्पताल प्रशासन अब तक इस समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकाल पाया है।
28 में से 20 बेड के ऑक्सीजन रेगुलेटर खराब!
अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में कुल 58 बेड हैं, जिनमें से 28 बेड पर पाइपलाइन से ऑक्सीजन सप्लाई की सुविधा दी गई है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 20 बेड के ऑक्सीजन रेगुलेटर खराब पड़े हैं।
- कुछ रेगुलेटर चोरी हो गए हैं।
- कुछ मरीजों के परिजनों द्वारा तोड़ दिए गए।
- ज्यादातर रेगुलेटर लंबे समय से खराब पड़े हैं, लेकिन कोई मरम्मत नहीं कराई गई।
कैथलैब के बेड भी ऑक्सीजन सप्लाई से महरूम!
SNMMCH के मेडिसिन विभाग में मरीजों की संख्या अधिक है और बेड सीमित हैं। इस वजह से प्रबंधन ने कैथलैब बिल्डिंग में 30 बेड की नई व्यवस्था की थी, जहां पाइपलाइन से ऑक्सीजन सप्लाई की जानी थी। लेकिन अब यहां लगे ऑक्सीजन रेगुलेटर भी गायब हो चुके हैं।
नतीजा यह हुआ कि कैथलैब में ऑक्सीजन की जरूरत वाले मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है।
ऑक्सीजन की कमी से हो चुकी हैं कई मौतें!
भारत में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत का सिलसिला नया नहीं है।
- कोविड-19 महामारी के दौरान ऑक्सीजन संकट ने हजारों लोगों की जान ले ली थी।
- बिहार और यूपी में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत की कई घटनाएं सामने आई थीं।
- सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था को लेकर अब भी लापरवाही जारी है।
प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन पर उठ रहे सवाल!
अस्पताल के कर्मचारियों का कहना है कि ऑक्सीजन सप्लाई का काम देखने वाली एजेंसी ने बीच में ही काम छोड़ दिया, जिसके कारण यह संकट पैदा हुआ।
अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि जल्द ही सभी बेड पर ऑक्सीजन रेगुलेटर लगाए जाएंगे और गंभीर मरीजों को वैकल्पिक रूप से एसआईसीयू में भर्ती करने के निर्देश दिए गए हैं।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या तब तक मरीजों को इसी तरह ऑक्सीजन के लिए तड़पना पड़ेगा?
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