Dhanbad Notice: 2000 व्यापारियों को मिला जीएसटी बकाया नोटिस, बड़े कारोबारी भी रडार पर!
धनबाद में 2000 व्यापारियों को जीएसटी बकाया को लेकर नोटिस जारी, कई बड़े कारोबारी भी सूची में शामिल। मार्च तक बकाया नहीं चुकाने पर सख्त कार्रवाई संभव!

धनबाद के व्यापारियों के लिए जीएसटी विभाग की सख्ती अब चिंता का विषय बन गई है। राज्य कर विभाग ने जिले में 2000 से अधिक व्यापारियों को नोटिस जारी किया है, जिन पर 1,000 रुपये से लेकर 70-80 लाख रुपये तक का बकाया है। जीएसटी भुगतान की इस कार्रवाई में कई बड़े कारोबारियों के नाम भी शामिल हैं, जिन्हें मार्च 2025 तक का समय दिया गया है। अगर इस निर्धारित अवधि के भीतर कर का भुगतान नहीं किया गया, तो विभाग कानूनी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा।
क्यों भेजा गया नोटिस?
राज्य सरकार जीएसटी बकायेदारों से राजस्व वसूली को लेकर पूरी तरह सक्रिय हो गई है। विभाग के अनुसार, कई व्यापारियों ने जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं किए हैं या बकाया कर का भुगतान नहीं किया है, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसीलिए, अब इन सभी व्यापारियों को या तो बकाया चुकाने या फिर अपील करने का अंतिम अवसर दिया गया है।
बड़े व्यापारी भी निशाने पर!
सूत्रों के अनुसार, इस सूची में कई नामी कारोबारी और बड़ी व्यावसायिक संस्थाएं भी शामिल हैं। जिन व्यापारियों पर लाखों रुपये की बकाया राशि है, उन्हें विशेष रूप से नोटिस भेजकर चेतावनी दी गई है कि वे जल्द से जल्द जीएसटी जमा करें, अन्यथा सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
अब आगे क्या होगा?
मार्च 2025 तक बकाया राशि जमा करने की समय सीमा तय की गई है।
नोटिस में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि व्यापारी या तो कर जमा करें या अपील करें।
समय सीमा बीतने के बाद कर विभाग की ओर से कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।
व्यापारियों के लिए क्या हैं विकल्प?
राज्य कर विभाग के अधिकारियों के अनुसार, व्यापारियों के पास अब दो ही विकल्प हैं:
समय पर जीएसटी बकाया चुकाना – जिससे किसी भी कानूनी पचड़े से बचा जा सकता है।
अपील दायर करना – अगर व्यापारी किसी तकनीकी या वैध कारण से जीएसटी का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं, तो वे अपील कर सकते हैं।
सरकार की सख्ती क्यों?
राजस्व बढ़ाने और कर चोरी पर लगाम लगाने के लिए सरकार यह कदम उठा रही है।
झारखंड में व्यापारिक पारदर्शिता और ईमानदारी को प्रोत्साहित करना मुख्य उद्देश्य है।
व्यापारियों को यह संदेश देना कि कर चोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
धनबाद के 2000 से अधिक व्यापारियों को जीएसटी बकाया को लेकर राज्य कर विभाग की ओर से नोटिस भेजा गया है। इस सूची में कई बड़े कारोबारी भी शामिल हैं, जिन्हें मार्च 2025 तक बकाया भुगतान करने का अंतिम मौका दिया गया है। सरकार की इस कार्रवाई का उद्देश्य राजस्व बढ़ाना और कर चोरी को रोकना है। अब यह देखना होगा कि व्यापारी तय समय सीमा में कर जमा करते हैं या फिर कानूनी कार्रवाई का सामना करते हैं!
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