Dhanbad Inferno: BCCL की लापरवाही! बंद खदान के 'चानक' से ज्वालामुखी की तरह भड़की आग, जहरीले धुएं से दम घुट रहा..
धनबाद के बाघमारा स्थित BCCL एरिया-4 के लकड़का 8 नंबर में बंद खदान के चानक से अचानक भड़की भयानक आग। जहरीले धुएं से घनी आबादी में दहशत, बच्चों और बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत। ग्रामीण BCCL प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं।
Dhanbad Inferno: कोयलांचल धनबाद एक बार फिर जहरीली आग की चपेट में है। यह घटना सिर्फ आग लगने की नहीं, बल्कि सरकारी लापरवाही और घनी आबादी पर मंडराते बड़े खतरे का संकेत है। धनबाद के बाघमारा स्थित बीसीसीएल (BCCL) एरिया-4 के तहत लकड़का 8 नंबर में कतरी नदी के किनारे स्थित बंद खदान के चानक (Ventilation Shaft) से शनिवार की सुबह अचानक आग के भयानक शोले उठने लगे।
यह दृश्य इतना डरावना था कि स्थानीय लोग दहशत में आ गए। देखते ही देखते, आग की लपटें आसमान को छूने लगीं और काले, जहरीले धुएं का गुब्बार दूर-दूर तक फैल गया।
ज्वालामुखी जैसा मंजर: क्यों भड़की ये आग?
धनबाद का इतिहास भूमिगत खदानों में आग की त्रासदी से भरा पड़ा है, जिसे झरिया फायर के नाम से जाना जाता है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह नई घटना भी उसी पुरानी, सुलगती समस्या का विस्तार है।
इलाके के लोगों का कहना है कि यह दृश्य किसी ज्वालामुखी के फटने जैसा लग रहा था। यह आग इसलिए भी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि यह बंद खदान के चानक से निकल रही है, जिसका मतलब है कि भूमिगत कोयला परतों में आग पहले से ही मौजूद थी।
ग्रामीणों ने बीसीसीएल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि कई दिनों से कोयला परतों में आग सुलग रही थी, मगर किसी ने ध्यान नहीं दिया। आज यह छोटी चिंगारी एक विशाल ज्वाला में बदल गई है, जो अब तेजी से फैल रही है।
जहरीला धुआं: घरों के अंदर तक घुसा खतरा
इस Dhanbad Inferno का सबसे भीषण असर आसपास की घनी आबादी पर पड़ रहा है। जिस इलाके से आग के शोले निकल रहे हैं, वह कतरी नदी किनारे की बस्तियों के बिल्कुल करीब है।
आग से लगातार जहरीला धुआं निकल रहा है, जिसने पूरे इलाके को धुंआ-धुंआ कर दिया है। इस धुएं की तेज दुर्गंध से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। सबसे गंभीर बात यह है कि धुआं घरों के अंदर तक भर गया है, जिसके कारण बच्चों और बुजुर्गों को सांस लेने में गंभीर दिक्कतें आ रही हैं। यह जहरीला धुआं स्वास्थ्य के लिए एक सीधा खतरा बन गया है।
प्रशासन पर बड़ा सवाल: निष्क्रियता क्यों?
ग्रामीणों का गुस्सा बीसीसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन की घोर लापरवाही पर फूट पड़ा है। उनका स्पष्ट आरोप है कि आग की गंभीरता को जानते हुए भी अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
स्थानीय निवासियों की सबसे बड़ी चिंता यह है:
"अगर आग पर जल्द नियंत्रण नहीं पाया गया तो नदी किनारे बसी बस्तियां कभी भी ज़मीन धंसने (Subsidence) या आग के सीधे चपेट में आने के कारण खतरे में पड़ सकती हैं।"
ग्रामीणों ने बीसीसीएल के अधिकारियों और जिला प्रशासन से तत्काल मौके पर निरीक्षण कर ठोस कार्रवाई करने की मांग की है। उनका उद्देश्य है कि आग और जहरीले धुएं के फैलाव को तुरंत रोका जाए, ताकि जनजीवन फिर से सामान्य हो सके और कोई बड़ी मानवीय त्रासदी न हो।
Dhanbad Inferno की यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि कोयला केवल ऊर्जा का स्रोत नहीं, बल्कि कोयलांचल के निवासियों के लिए एक स्थायी खतरा भी है।
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