श्रावणी मेले के बीच देवघर में स्वास्थ्य विभाग का विवाद, एएनएम के तबादलों पर डीसी ने लगाई रोक
देवघर में श्रावणी मेले के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों के तबादलों को लेकर विवाद। डीसी विशाल सागर ने 109 एएनएम के तबादलों पर रोक लगाई। श्रावणी मेले के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों की अहम भूमिका को देखते हुए तबादलों को स्थगित किया गया।
श्रावणी मेले के बीच देवघर में स्वास्थ्य विभाग का विवाद, एएनएम के तबादलों पर डीसी ने लगाई रोक
देवघर स्वास्थ्य विभाग का विवाद: श्रावणी मेले के दौरान एएनएम तबादलों पर रोक
देवघर।
जिले का स्वास्थ्य विभाग इन दिनों सुर्खियों में है, और इस बार वजह स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए नहीं, बल्कि स्वास्थ्य कर्मियों के तबादलों को लेकर है। जबकि श्रावणी मेले के चलते देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु देवघर पहुंच रहे हैं, और व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए राज्य भर से स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई है, इसी बीच जिले के एएनएम का तबादला कर दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, विभाग के अधिकारी निदेशक प्रमुख के उस आदेश का हवाला दे रहे हैं, जिसमें 10 वर्षों से अधिक समय से जमे कर्मियों का तबादला करने की बात कही गई थी। वर्तमान में नियुक्त निदेशक प्रमुख सी के शाही पूर्व में देवघर में नियुक्त थे। उन्हें अच्छी तरह मालूम है कि श्रावणी मेले में स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका कितनी अहम हो जाती है। इसके बावजूद श्रावणी मेले के दौरान तबादला आदेश उचित नहीं जान पड़ता है।
उपायुक्त की रोक
जब मामला उपायुक्त तक पहुंचा, तो उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी विशाल सागर ने राजकीय श्रावणी मेले को ध्यान में रखते हुए सिविल सर्जन द्वारा स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत 109 एएनएम के तबादलों पर रोक लगा दी है। डीसी विशाल सागर ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और हाल ही में हुए सभी एएनएम के तबादलों को तत्काल प्रभाव से श्रावणी मेले तक होल्ड कर दिया है तथा किसी भी प्रकार के तबादले को स्थगित कर दिया है।
स्वास्थ्य कर्मियों की कमी और विरोध की संभावना
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, विभाग में नियमित कर्मियों की संख्या काफी कम है, ऐसे में अनुबंध कर्मियों की बदौलत योजनाओं को अमल कराया जा रहा है। जहां भी नियमित कर्मी कार्यरत हैं, वहां उन्हें इंचार्ज की जिम्मेदारी भी दी गई है। एएनएम के कार्य क्षेत्र से संबंधित होते हैं और बरसाती मौसम में कई नई बीमारियों का आगमन होता है। ऐसे में कर्मियों के ट्रांसफर से असर पड़ सकता है, जिसका विरोध होना स्वाभाविक है।
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