Deoghar Cyber: जंगल में रेड, खजूर पेड़ के नीचे बैठकर लूट रहे थे देश, 3 शातिर ठग दबोचे, PM किसान योजना के नाम पर लगाया लाखों का चूना

देवघर के सारठ स्थित उजवा जंगल में खजूर पेड़ के नीचे छिपे 3 शातिर साइबर ठगों को पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है। पीएम किसान योजना और कैशबैक के नाम पर देश भर के लोगों को अपना शिकार बनाने वाले इस गिरोह के खौफनाक तरीके और देवघर के 'साइबर कैपिटल' बनने के काले इतिहास की पूरी हकीकत यहाँ दी गई है वरना आप भी बैंक अधिकारी बनकर आने वाली इन फर्जी कॉल्स के अगले शिकार बन सकते हैं।

Dec 24, 2025 - 18:12
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Deoghar Cyber: जंगल में रेड, खजूर पेड़ के नीचे बैठकर लूट रहे थे देश, 3 शातिर ठग दबोचे, PM किसान योजना के नाम पर लगाया लाखों का चूना
Deoghar Cyber: जंगल में रेड, खजूर पेड़ के नीचे बैठकर लूट रहे थे देश, 3 शातिर ठग दबोचे, PM किसान योजना के नाम पर लगाया लाखों का चूना

देवघर, 24 दिसंबर 2025 – झारखंड के 'बाबा नगरी' देवघर में साइबर अपराधियों का नेटवर्क एक बार फिर पुलिस की रडार पर है। एसपी के कड़े निर्देश के बाद साइबर थाना की टीम ने सारठ थाना क्षेत्र के उजवा जंगल में चल रहे एक 'ओपन एयर साइबर क्राइम सेंटर' को ध्वस्त कर दिया है। खजूर के पेड़ों के नीचे बैठकर डिजिटल ठगी का जाल बुन रहे तीन शातिर बदमाशों को पुलिस ने उस वक्त दबोचा जब वे किसी मासूम नागरिक का बैंक खाता खाली करने की तैयारी में थे। देवघर पुलिस की इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अपराधी चाहे जंगल के अंधेरे में छिपें या तकनीक की ओट में, कानून के हाथ उन तक पहुँच ही जाते हैं।

इतिहास: देवघर और जामताड़ा—साइबर अपराध का 'एपिक सेंटर'

ऐतिहासिक रूप से देवघर और जामताड़ा का इलाका पिछले दो दशकों में साइबर अपराध की वैश्विक राजधानी के रूप में बदनाम हुआ है। 2010 के बाद जब देश में डिजिटल क्रांति और 'आधार-लिंक्ड' बैंकिंग की शुरुआत हुई, तो इस क्षेत्र के युवाओं ने तकनीक का इस्तेमाल शिक्षा के बजाय ठगी के लिए करना शुरू कर दिया। 2015 के आसपास 'फ़िशिंग' (Phishing) के मामले यहाँ से इतने बढ़े कि नेटफ्लिक्स जैसी बड़ी मनोरंजन कंपनियों ने इस पर वेब सीरीज तक बना डाली। सारठ और करों जैसे ब्लॉक अपनी कठिन भौगोलिक स्थिति और घने जंगलों के कारण अपराधियों के लिए सुरक्षित ठिकाने बन गए, जहाँ से वे मोबाइल टावर का इस्तेमाल कर पूरे देश को चूना लगाते हैं।

जंगल में 'सर्जिकल स्ट्राइक': खजूर पेड़ का वो राज

साइबर थाना की टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि सारठ के उजवा जंगल में कुछ युवक संदिग्ध रूप से लैपटॉप और कई मोबाइलों के साथ सक्रिय हैं।

  • गुप्त घेराबंदी: पुलिस की टीम ने पारंपरिक वाहनों के बजाय सादे लिबास में जंगल के रास्तों से पैदल मार्च करते हुए अपराधियों को चारों तरफ से घेर लिया।

  • रंगे हाथों गिरफ्तारी: खजूर के पेड़ की छांव में बैठे ये ठग उस समय हैरान रह गए जब पुलिस ने उन्हें पीछे से दबोच लिया। भागने का मौका न देते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

  • स्वीकारोक्ति: पूछताछ में आरोपियों ने माना कि वे फर्जी बैंक अधिकारी और सरकारी पदाधिकारी बनकर लोगों को गुमराह करते थे।

नया पैंतरा: 'PM किसान योजना' के नाम पर लूट

पुलिस की पूछताछ में ठगी के जो तरीके सामने आए हैं, वे बेहद चौंकाने वाले हैं।

  1. किसानों पर निशाना: आरोपी PM किसान सम्मान निधि योजना की लंबित राशि दिलाने का झांसा देकर भोले-भाले किसानों को फोन करते थे।

  2. कैशबैक का लालच: कस्टमर केयर प्रतिनिधि बनकर ये ठग लोगों को भारी कैशबैक का लालच देते और उनसे एक लिंक पर क्लिक करवाते या ओटीपी (OTP) मांगते।

  3. डिजिटल सेंधमारी: जैसे ही कोई पीड़ित अपनी जानकारी साझा करता, ये ठग मिनटों में उसका पूरा बैंक खाता साफ कर देते और उस पैसे को अलग-अलग 'वॉलेट्स' के जरिए ठिकाने लगा देते।

साइबर पुलिस ऑपरेशन का संक्षिप्त विवरण (Case Snapshot)

विवरण जानकारी
गिरफ्तारी स्थल उजवा जंगल, सारठ (देवघर)
गिरफ्तार अपराधी 03 शातिर साइबर ठग
मुख्य मोडस ऑपेरंडी PM किसान योजना और कैशबैक फ्रॉड
जब्त सामग्री कई मोबाइल फोन, फर्जी सिम कार्ड
पुलिस टीम देवघर साइबर थाना विशेष टीम

पुलिस की अपील: आपकी सतर्कता ही आपकी सुरक्षा

देवघर एसपी ने आम जनता से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल या मैसेज पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी, बैंक डिटेल्स या ओटीपी साझा न करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी बैंक या सरकारी विभाग कभी भी फोन पर आपसे पिन या पासवर्ड नहीं मांगता। पुलिस अब इन अपराधियों के 'कॉल रिकॉर्ड्स' खंगाल रही है ताकि उनके अंतर-राज्यीय सिंडिकेट का पर्दाफाश किया जा सके।

सलाखों के पीछे 'डिजिटल लुटेरे'

देवघर पुलिस की इस सफलता ने साइबर अपराधियों के बीच खौफ पैदा कर दिया है। जंगल की ओट में बैठकर मासूमों की गाढ़ी कमाई लूटने वाले ये ठग अब जेल की हवा खा रहे हैं। लेकिन असली चुनौती इन अपराधियों की बढ़ती तकनीक से एक कदम आगे रहने की है। अगर आप भी किसी संदिग्ध गतिविधि का अनुभव करते हैं, तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराएं।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।