Delhi Interview: संपूर्ण स्त्री की परिभाषा पर हुआ जबरदस्त साक्षात्कार, जानिए क्या कहा विशेषज्ञों ने!

स्त्री शक्ति संगठन के चौथे दिन के कार्यक्रम में 'संपूर्ण स्त्री' पर एक महत्वपूर्ण साक्षात्कार हुआ। जानिए, क्या कहती हैं विशेषज्ञ इस विषय पर?

Mar 5, 2025 - 14:17
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Delhi Interview: संपूर्ण स्त्री की परिभाषा पर हुआ जबरदस्त साक्षात्कार, जानिए क्या कहा विशेषज्ञों ने!
Delhi Interview: संपूर्ण स्त्री की परिभाषा पर हुआ जबरदस्त साक्षात्कार, जानिए क्या कहा विशेषज्ञों ने!

नई दिल्ली: स्त्री शक्ति संगठन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के चौथे दिन एक बेहद रोचक और सूचनात्मक सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र में 'संपूर्ण स्त्री' विषय पर एक खास इंटरव्यू हुआ, जिसमें कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की गई। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि शशि महाजन (नाइजीरिया) और मंच संचालिका डॉ. सुचेता यादव (रोहतक) के बीच संवाद हुआ, जिसमें स्त्री के आत्मनिर्भरता, स्वतंत्रता और आत्मविश्वास को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें सामने आईं।

क्या होती है एक संपूर्ण स्त्री? जानिए विशेषज्ञ की राय

कार्यक्रम के दौरान सबसे पहले यह सवाल उठाया गया कि वैश्विक दृष्टि से एक संपूर्ण स्त्री की क्या परिभाषा हो सकती है? इस पर मुख्य अतिथि शशि महाजन ने बताया कि समय, समाज और संस्कृति के अनुसार स्त्री की परिभाषा बदल सकती है, लेकिन कुछ मूलभूत गुण हमेशा आवश्यक होते हैं, जैसे:

  • आत्मविश्वास: खुद पर विश्वास और अपनी क्षमताओं को पहचानना।

  • करुणा: समाज और परिवार के प्रति संवेदनशीलता।

  • धैर्य: जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने की क्षमता।

  • ज्ञान: सतत शिक्षा और अनुभव से खुद को समृद्ध बनाना।

  • स्वतंत्रता: अपने निर्णय खुद लेने की आज़ादी।

संपूर्ण स्त्री की परिभाषा हर देश में अलग क्यों?

इस सवाल पर चर्चा करते हुए मंच संचालिका डॉ. सुचेता यादव ने कहा कि हर देश और समुदाय में संपूर्ण स्त्री की परिभाषा अलग-अलग होती है। कुछ देशों में स्त्री को उसकी स्वतंत्रता से मापा जाता है, तो कुछ में उसके पारिवारिक और सामाजिक योगदान से। मुख्य अतिथि शशि महाजन ने अपनी राय साझा करते हुए कहा कि एक संपूर्ण स्त्री वह होती है जो आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता को बनाए रखते हुए समाज में सकारात्मक योगदान दे।

महिला स्वास्थ्य का महत्व और आत्मविश्वास कैसे बढ़ाएं?

कार्यक्रम में महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने बताया कि महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए, जिसमें संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और मानसिक शांति के लिए ध्यान (मेडिटेशन) बेहद आवश्यक हैं।

आत्मविश्वास पर बोलते हुए, विशेषज्ञों ने बताया कि महिलाओं को अपनी क्षमताओं को पहचानना चाहिए, खुद को लगातार अपडेट रखना चाहिए और अपनी सोच को सकारात्मक बनाए रखना चाहिए। इसके लिए सामाजिक समर्थन और प्रेरणा भी बेहद महत्वपूर्ण हैं।

क्या है महिलाओं की असली स्वतंत्रता?

कार्यक्रम में यह भी सवाल उठा कि स्त्रियों की स्वतंत्रता का असली अर्थ क्या है? इस पर विशेषज्ञों ने बताया कि स्वतंत्रता केवल वस्त्रों या रिश्तों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विचारों, शिक्षा, करियर और जीवनशैली की स्वतंत्रता भी होनी चाहिए। जब एक स्त्री अपने निर्णय स्वयं लेने में सक्षम हो, तभी उसे असली स्वतंत्रता प्राप्त होती है।

रिश्तों और वैश्विक ज्ञान का महत्व

कार्यक्रम के दौरान यह भी बताया गया कि महिलाओं के जीवन में रिश्तों की भूमिका कितनी अहम होती है। मजबूत और संतुलित रिश्ते ही स्त्री को मानसिक और भावनात्मक रूप से सशक्त बनाते हैं। साथ ही, वैश्विक ज्ञान का भी महिलाओं के लिए बहुत महत्व है, जिससे वे दुनियाभर की संस्कृतियों, आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों से अवगत रहकर अपने निर्णयों को बेहतर बना सकती हैं।

मुख्य अतिथि शशि महाजन का प्रेरणादायक संदेश

कार्यक्रम के समापन पर शशि महाजन ने सभी महिलाओं के लिए एक प्रेरणादायक संदेश दिया:

"प्रिय बहनों, आप अपने जीवन की महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए कभी भी अपने सपनों को न भूलें। आत्मनिर्भर बनें, शिक्षा और ज्ञान को अपनाएं, और एक-दूसरे का समर्थन करें। याद रखें, हम मिलकर ही एक सशक्त समाज का निर्माण कर सकते हैं। स्त्री की शक्ति उसके आत्मविश्वास, करुणा और सहनशीलता में बसती है। हर कदम पर, उसे मिलती है जीत की प्रशंसा।"

कार्यक्रम का शानदार समापन

अंत में, मंच संचालिका और मुख्य अतिथि को शानदार कार्यक्रम के लिए सम्मानित किया गया। संगठन की मुख्य अध्यक्षा ममता शर्मा को भी इस सफल आयोजन के लिए बधाई दी गई और सभी ने मिलकर उज्जवल भविष्य की कामना की।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।