महापर्व छठ की शुरुआत: नहाय खाय के साथ भक्तिमय माहौल में उमड़ा आस्था का सैलाब
महापर्व छठ का शुभारंभ नहाय खाय से हो रहा है। आदित्यपुर में भक्तों का उत्साह चरम पर है, बाजारों में पूजन सामग्री की खरीदारी जोरों पर है। जानिए छठ व्रत की विशेषताएं और विधि।
सरायकेला, 3 नवंबर 2024: लोक आस्था का महापर्व छठ मंगलवार से नहाय खाय के साथ शुरू हो रहा है। इस दिन को श्रद्धालु कद्दू भात के रूप में मनाते हैं। आदित्यपुर और इसके आसपास के क्षेत्रों में छठ पर्व का खास उत्साह देखा जा रहा है। यहां बिहार और उत्तर प्रदेश से आए लोगों की संख्या काफी अधिक है, जिससे छठ पर्व की रौनक और बढ़ जाती है। व्रती मंगलवार को कद्दू भात के साथ छठ का प्रारंभ करेंगे और अगले कुछ दिन भक्तिभाव से पूजा-अर्चना करेंगे।
छठ पर्व की तैयारियों में लोग कई दिन पहले से जुट गए हैं। हाट और बाजारों में पूजा सामग्री, फलों और कद्दू की खरीदारी के लिए भीड़ उमड़ रही है। मंगलवार को कद्दू भात का भोग लगाकर व्रत का आरंभ होगा। इसके बाद बुधवार को खरना यानी लोहंडा की पूजा होगी। इस पूजा के दौरान छठ व्रत करने वाले प्रसाद ग्रहण करेंगे, जिसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होगा। इस उपवास में व्रती बिना जल ग्रहण किए सूर्य देवता की आराधना करेंगे।
गुरुवार को पहले अर्घ्य की तैयारी में श्रद्धालु जुटेंगे। शाम के समय अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद शुक्रवार को छठ का समापन उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा।
आदित्यपुर के वार्ड 17 स्थित कॉलोनी में छठ की विशेष तैयारियां देखी जा रही हैं। यहाँ 22 वर्षों से छठ का आयोजन कर रही निवर्तमान पार्षद नीतू शर्मा ने बताया कि नहाय खाय और खरना की तैयारी में उन्होंने पहले ही गेहूं, चावल, और चने की दाल चुननी शुरू कर दी है। कॉलोनी में छठ के गीतों की गूंज से भक्तिमय वातावरण बन गया है।
छठ पर्व का यह महोत्सव बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। सूर्य देव की उपासना और जल अर्घ्य से जुड़ा यह पर्व श्रद्धालुओं में गहरी आस्था का प्रतीक है। आदित्यपुर में भी श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है।
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