पाकुड़ में चंपाई सोरेन का आदिवासी महासम्मेलन, घुसपैठ पर कड़ा संदेश
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने पाकुड़ में आदिवासी महासम्मेलन के दौरान बांग्लादेशी घुसपैठ और आदिवासी रीति-रिवाजों के संरक्षण पर चर्चा की। भाजपा के आगामी चुनावी कदमों पर भी बयान दिया।
पाकुड़, 16 सितंबर 2024: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन सोमवार को पाकुड़ दौरे पर रहे। उनके साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के पूर्व विधायक लोबिन हेंब्रम भी मौजूद थे। इस दौरान दोनों नेता हिरणपुर प्रखंड के डांगापाड़ा फुटबॉल मैदान में आयोजित "मांझी परगना महासम्मेलन" में शामिल हुए। महासम्मेलन का उद्देश्य आदिवासी समाज की समस्याओं पर चर्चा करना और उनके समाधान पर विचार करना था।
चंपाई सोरेन ने ग्राम प्रधानों से सीधा संवाद करते हुए संथाल परगना में आदिवासी जनसंख्या में हो रही गिरावट, बांग्लादेशी घुसपैठ, और आदिवासी रीति-रिवाजों के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। सोरेन ने कहा, "संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ आदिवासी समाज के लिए एक गंभीर समस्या है। हमें अपने समाज, जमीन और बहन-बेटियों की सुरक्षा के लिए एक निर्णायक लड़ाई लड़नी होगी।"
उन्होंने इस कार्यक्रम से पहले ट्वीट कर भी अपनी बात रखी थी। उन्होंने लिखा था, "झारखंड का आदिवासी समाज आज से बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ अपनी निर्णायक लड़ाई शुरू करेगा।"
इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड की राजनीति में कुछ बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। भाजपा की ओर इशारा करते हुए, उन्होंने कहा कि हाल ही में कोल्हान टाइगर के भाजपा में शामिल होने के बाद भाजपा आदिवासी वोट बैंक को मजबूत करने की योजना बना रही है।
भाजपा की रणनीति पर चर्चा
चंपाई सोरेन ने भाजपा की आगामी रणनीति पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा अब बांग्लादेशी घुसपैठ को एक बड़ा मुद्दा बनाकर आदिवासियों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश करेगी। इसके अलावा, भाजपा 21 सितंबर से "परिवर्तन संकल्प यात्रा" शुरू करने की योजना बना रही है, जो झारखंड के 81 विधानसभा क्षेत्रों में निकाली जाएगी।
महासम्मेलन के दौरान चंपाई सोरेन ने यह भी कहा कि भाजपा का यह कदम आदिवासी समाज को विभाजित करने के लिए उठाया गया है। उन्होंने जनता से एकजुट रहने और अपने अधिकारों की रक्षा करने का आह्वान किया।
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