Chaibasa Exposed: चाईबासा में 22 लाख की नकली शराब फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ, मुख्य आरोपी फरार हो गया
पश्चिमी सिंहभूम के झींकपानी थाना क्षेत्र के चाड़ाबासा गांव में उत्पाद विभाग ने अवैध विदेशी शराब की मिनी फैक्ट्री पर छापा मारा। 22 लाख रुपये की अवैध शराब, 500 लीटर स्पिरिट, नकली स्टीकर और रंग जब्त किए गए। गुप्त सूचना के बावजूद मुख्य आरोपी फरार होने में सफल हो गया। उत्पाद विभाग के सहायक आयुक्त अरविंद कुजूर अब इस गोरखधंधे में शामिल अन्य अपराधियों की तलाश कर रहे हैं। जानिए झारखंड में नकली शराब के इस बड़े और खतरनाक कारोबार का पूरा सच।
चक्रधरपुर, 13 नवंबर 2025 – झारखंड में नकली शराब का जहर बाजार में घोलने की एक बड़ी साजिश का भंडाफोड़ हुआ है। पश्चिमी सिंहभूम जिले के झींकपानी थाना क्षेत्र के चाड़ाबासा गांव में उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग और जिला पुलिस की संयुक्त टीम ने गुरुवार सुबह छापामारी करके एक अवैध मिनी शराब फैक्ट्री को नष्ट कर दिया। फैक्ट्री से जब्त की गई अवैध शराब और सामग्री का बाजार मूल्य लगभग 22 लाख रुपये आंका गया है। हालांकि, विभाग की तत्परता के बावजूद इस अवैध धंधे का मुख्य आरोपी फरार होने में सफल रहा, जो जांच पर एक गंभीर सवाल खड़ा करता है। आखिर यह मिनी फैक्ट्री इतने गुप्त तरीके से कहां चल रही थी, और बाजार में नकली विदेशी शराब की सप्लाई का यह नेटवर्क कितना बड़ा है?
22 लाख की शराब जब्त: मिला सामानों का जखीरा
उत्पाद विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि चाड़ाबासा गांव में अवैध विदेशी शराब बनाई जा रही है।
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छापेमारी: उत्पाद विभाग के सहायक आयुक्त अरविंद कुजूर ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर एक टीम बनाकर गुरुवार को सुबह में छापेमारी की गई, जिसमें बड़ी सफलता हाथ लगी।
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बरामदगी: छापेमारी के दौरान लगभग 22 लाख रुपये की अवैध शराब जब्त हुई।
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सामग्री का खुलासा: मौके से 101 पेटी तैयार शराब, 500 लीटर स्पिरिट, कांच और प्लास्टिक की खाली बोतलें, नकली शराब में डाले जाने वाले रंग (कैरेमल), नकली स्टीकर और ढक्कन सहित अन्य सामग्री बरामद किए गए। यह दर्शाता है कि यहां बड़े पैमाने पर नकली शराब का उत्पादन हो रहा था।
मुख्य आरोपी फरार: जांच का दायरा बढ़ा
उत्पाद विभाग की टीम को मिनी फैक्ट्री तो मिल गई, लेकिन इसका संचालक मौके से फरार होने में सफल रहा।
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फरार: छापामारी के दौरान मुख्य आरोपी फरार हो गया।
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जांच: सहायक आयुक्त ने कहा कि उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है।
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नेटवर्क: उन्होंने यह भी बताया कि इस अवैध धंधे के पीछे और कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसकी विस्तृत जांच की जा रही है, ताकि पूरे गोरखधंधे में शामिल अन्य अपराधियों का पता चल सके।
यह कार्रवाई झारखंड में शराब माफियाओं के बढ़ते दुस्साहस को दिखाती है, जो आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उत्पाद विभाग को इस नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने की जरूरत है, ताकि नकली शराब का यह अवैध उत्पादन पूरी तरह बंद हो सके।
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