Nudity of Bollywood: क्या सरकारी नीतियाँ भारतीय युवाओं को भ्रष्ट करने की साजिश हैं?

चौंकाने वाला खुलासा! क्या बॉलीवुड में बढ़ती नग्नता सरकार की 'चुप्पी' का नतीजा है? जानिए CBFC के नियम, OTT प्लेटफ़ॉर्म की छूट, और भारतीय संस्कृति पर इसके असर की पूरी कहानी।

Jan 31, 2025 - 07:07
Jan 31, 2025 - 12:01
 0
Nudity of Bollywood: क्या सरकारी नीतियाँ भारतीय युवाओं को भ्रष्ट करने की साजिश हैं?
Nudity of Bollywood: क्या सरकारी नीतियाँ भारतीय युवाओं को भ्रष्ट करने की साजिश हैं?

बॉलीवुड, जो कभी "पारिवारिक मनोरंजन" का पर्याय था, आज अश्लीलता के आरोपों से घिरा है। कबीर सिंह से लेकर मिर्ज़ापुर तक, स्क्रीन पर बढ़ती नग्नता ने सवाल खड़े किए हैं: क्या यह सरकार की चुप्पी का नतीजा है, या फिर कलात्मक स्वतंत्रता का गलत इस्तेमाल? आइए, तथ्यों से उधेड़ें इस विवाद का पर्दा।  


1. बॉलीवुड में नग्नता का समयक्रम: टैबू से मुख्यधारा तक 

- 1990–2000 का दौर: चुंबन के दृश्यों को सेंसर किया जाता था; नग्नता नामुमकिन थी।  

- 2010 के बाद का बदलाव: लव सेक्स और धोखा (2010) और उड़ता पंजाब (2016) जैसी फ़िल्मों ने CBFC की हदें आज़माईं।  

- 2020 का धमाका: Netflix और Amazon Prime जैसे OTT प्लेटफ़ॉर्म्स ने सेंसरशिप को दरकिनार कर मिर्ज़ापुर और फ़ोर मोर शॉट्स प्लीज! जैसे कंटेंट से बाज़ार गरम किया।  

2. CBFC के नियम: क्या है अनुमति, क्या नहीं? 

सिनेमैटोग्राफ़ अधिनियम, 1952 के तहत:  

- पूर्ण नग्नता निषेध: पूरी नग्नता वर्जित है, लेकिन "कलात्मक" आंशिक नग्नता (जैसे सिल्हूट) 'A' सर्टिफिकेट के साथ स्वीकार्य है।  

- OTT का फ़ायदा: डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स IT एक्ट, 2001 के तहत चलते हैं, जहाँ नियम ढीले हैं।  

फ़िल्मकार अनुराग कश्यप का तर्क: "सेंसरशिप रचनात्मकता को मारती है। दर्शक यथार्थ चाहते हैं।" 

3. सरकार की भूमिका: मूक दर्शक या साथी?  

- नीतिगत लाचारी: 1952 के बाद से डिजिटल कंटेंट के लिए कोई नए कानून नहीं। 2021 का डिजिटल मीडिया नैतिकता कोड बेअसर है।  

- संस्कृति पर खतरे के दावे: RSS जैसे संगठन सरकार पर "पश्चिमी प्रभाव" को अनदेखा करने का आरोप लगाते हैं।  

- आंकड़ा: लोकनीति-CSDS के 2022 के सर्वे में 68% भारतीय युवाओं (18–35 वर्ष) ने माना कि OTT कंटेंट पारंपरिक मूल्यों को नुकसान पहुँचा रहा है।  

4. युवाओं की दुविधा: सशक्तिकरण या शोषण?

- उदारवादी आवाज़ें: शहरी युवा नग्नता को "शारीरिक स्वीकार्यता" और "अभिव्यक्ति की आज़ादी" बताते हैं।  

- ग्रामीण विरोध: छोटे शहरों के दर्शक "अश्लीलता" के खिलाफ याचिकाएँ दायर करते हैं।  

- मानसिक स्वास्थ्य पर असर: AIIMS की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, नग्न कंटेंट से युवाओं में चिंता और बॉडी इमेज इश्यू बढ़े हैं।  

5. केस स्टडी: जब बॉलीवुड ने पार की सीमाएँ

- पद्मावत (2018): दीपिका पादुकोण के कपड़ों पर विवाद हुआ, लेकिन CBFC ने फ़िल्म पास की।  

- सेक्रेड गेम्स (2018): नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी के न्यूड सीन पर 2,000+ शिकायतें, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं।  

- तांडव (2021): Amazon Prime पर FIR दर्ज हुई, मगर फ़िल्म को सिर्फ एडिट करना पड़ा।  

सवाल: अगर सरकार "नैतिकता" के नाम पर TikTok बैन कर सकती है, तो बॉलीवुड की नग्नता पर चुप क्यों?  

6. वैश्विक प्रभाव बनाम भारतीय मूल्य 

बॉलीवुड की नग्नता हॉलीवुड की नकल है, लेकिन भारत में सुरक्षा उपाय नहीं:  

- यूरोप का मॉडल: फ्रांस में उम्र-आधारित चेतावनी, जर्मनी में हिंसा+यौन दृश्य प्रतिबंधित।  

- भारत की कमी: OTT प्लेटफ़ॉर्म्स पर न तो माता-पिता नियंत्रण, न मनोवैज्ञानिक प्रभाव का अध्ययन।  

7. आगे का रास्ता: सख्त कानून या क्रांति?

- कड़े नियम: BJP के सुब्रमण्यम स्वामी राष्ट्रीय मीडिया आयोग की माँग करते हैं।  

- जागरूकता:संस्कृति बचाओ संगठन जैसे एनजीओ "नैतिक सिनेमा" की वकालत करते हैं।  

- फ़िल्मकारों का बचाव: "हमें क्यों कोसें? समाज की दोहरी मानसिकता देखें—कामसूत्र विरासत है, लेकिन नग्नता वर्जित!"  

असली ज़िम्मेदार कौन? 

बॉलीवुड में नग्नता कोई सरकारी साजिश नहीं, बल्कि वैश्वीकरण, कमज़ोर कानून, और बाज़ार की माँग का नतीजा है। CBFC पुराने नियमों से जूझ रही है, पर असली संकट भारत की सांस्कृतिक पहचान की लड़ाई है। जैसा नसीरुद्दीन शाह ने कहा: "कला के साथ आगे बढ़ें या सेंसरशिप की ज़ंजीरों में जकड़ जाएँ।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Dharambir Singh News Reporter - Jharkhand. ||. ID Exp: 01-NOV-2024. ||. ID Card Valid for Reporting only.||