Bokaro Liquor: होली में बहा शराब का सैलाब, 2 करोड़ की दारू गटक गए बोकारोवासी!

होली पर बोकारो में शराब की जमकर बिक्री! 2 करोड़ की दारू और 40 लाख की बीयर उड़ाई गई, लेकिन मनमाने दामों पर बिक्री से ग्राहकों की जेब भी हल्की हो गई। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

Mar 17, 2025 - 14:26
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Bokaro Liquor: होली में बहा शराब का सैलाब, 2 करोड़ की दारू गटक गए बोकारोवासी!
Bokaro Liquor: होली में बहा शराब का सैलाब, 2 करोड़ की दारू गटक गए बोकारोवासी!

बोकारो में होली का खुमार ऐसा छाया कि रंगों से ज्यादा जाम छलकते नजर आए! होली के दो दिन (13 और 15 मार्च) में शराब की बिक्री के सारे रिकॉर्ड टूट गए।

  • महज 48 घंटों में 2 करोड़ रुपये की शराब बिक गई।
  • 40 लाख रुपये की बीयर भी बोकारोवासियों ने गटक ली।
  • शराब दुकानों पर खरीदारों की लंबी कतारें देखने को मिलीं।

बाजार में खत्म हो गए रेगुलर ब्रांड!

होली के मौके पर शहर की 83 सरकारी शराब दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ उमड़ पड़ी।

  • 13 मार्च की शाम तक रेगुलर ब्रांड की शराब खत्म हो गई।
  • 14 मार्च को ड्राय डे घोषित किया गया, जिससे दुकानें बंद रहीं।
  • 15 मार्च को जब दुकानें खुलीं, तो ग्राहकों को जो ब्रांड मिला, उसी से संतोष करना पड़ा।

मनमाने दाम पर बिकी शराब, फिर भी लाइन में लगे रहे लोग!

शराब माफियाओं ने मौके का जमकर फायदा उठाया।

  • एक छोटी बोतल पर 10 रुपये, हाफ पर 20 रुपये और बड़ी बोतल पर 30 रुपये तक अधिक वसूले गए।
  • इसके बावजूद ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ा और शराब खरीदने के लिए लाइनें लगी रहीं।

अवैध शराब और ओवरचार्जिंग पर प्रशासन फेल?

शराब की कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए उत्पाद विभाग ने विशेष टीम बनाई थी, लेकिन इसका कोई असर नहीं दिखा।

  • ज्यादातर दुकानों पर मनमाने दाम वसूले गए।
  • अवैध शराब की बिक्री भी जोरों पर रही।

बोकारो में क्यों बढ़ती है होली पर शराब की खपत?

बोकारो में होली के दौरान शराब की खपत हर साल रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाती है।

  • इसका एक बड़ा कारण यहां की सांस्कृतिक परंपरा भी है, जहां लोग होली पर जाम छलकाने को त्योहार का हिस्सा मानते हैं।
  • इसके अलावा, पड़ोसी राज्यों से भी अवैध रूप से शराब की तस्करी की जाती है, जिससे बाजार में अचानक डिमांड बढ़ जाती है।

इतिहास में भी दर्ज हैं होली और शराब के किस्से!

भारत में होली और शराब का पुराना नाता है।

  • मुगलकाल में भी होली पर शराब और भांग का चलन जोरों पर था।
  • अंग्रेजों के दौर में होली पर शराब की बिक्री सबसे ज्यादा होती थी, जिसे सरकार नियंत्रित करने में नाकाम रही।

क्या होनी चाहिए सख्त कार्रवाई?

अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन को शराब की कालाबाजारी और ओवरचार्जिंग पर सख्त कदम उठाने चाहिए?

  • शराब की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार को विशेष निगरानी करनी चाहिए।
  • अवैध शराब बिक्री करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
  • होली के दौरान शराब की अधिकतम कीमत तय होनी चाहिए ताकि ग्राहक ठगे न जाएं।

आपकी राय?

क्या होली पर शराब की बिक्री पर नियंत्रण लगाया जाना चाहिए या यह त्योहार का हिस्सा बन चुका है? अपनी राय कमेंट में दें!

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।