Bihar Election 2025 : टिकट पर झगड़ा! बिहार चुनाव से पहले NDA में महाभारत, JDU के विधायक गोपाल मंडल CM आवास के बाहर धरने पर बैठे, सांसद ने इस्तीफे की पेशकश की, संजय झा ने कहा 'ऑल इज वेल' तो विपक्ष ने फैलाई भ्रांतियां, आज शाम तक सीटों पर होगा फाइनल ऐलान!
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सीट बंटवारे को लेकर NDA में बढ़ते तनाव के बीच JDU के विधायक गोपाल मंडल CM आवास के बाहर धरने पर बैठ गए, वहीं भागलपुर सांसद अजय मंडल ने इस्तीफे की पेशकश की। हालांकि, संजय झा और सम्राट चौधरी समेत गठबंधन के अन्य नेताओं ने एकजुटता का दावा करते हुए कहा कि सीटों पर अंतिम फैसला आज शाम तक हो जाएगा।
बिहार की राजनीति में सत्ता और सीटों की खींचतान कोई नई बात नहीं है। लेकिन जब चुनाव का शंखनाद हो चुका हो और गठबंधन के भीतर ही विद्रोह की आग भड़क उठे, तो पूरे सियासी गलियारों में भूचाल आना स्वाभाविक है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की रणभेरी बजने के बाद राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) के भीतर सोमवार रात से ही सीट बंटवारे को लेकर बड़ा घमासान मचा हुआ है। मंगलवार की सुबह जहां गठबंधन के वरिष्ठ नेता 'ऑल इज वेल' का दावा कर रहे थे, वहीं राजधानी पटना में उठा एक धुआं साफ बता रहा था कि 'सब ठीक नहीं' है।
बिहार की राजनीति के इतिहास में सीट बंटवारे को लेकर नेताओं के बीच तकरार हमेशा से चलता रहा है। लेकिन इस बार मामला मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने तक पहुंच गया है। इस अंदरूनी उहापोह ने विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा दे दिया है।
JDU के भीतर क्यों फूटा विद्रोह का ज्वालामुखी?
NDA में सीट बंटवारे पर शीर्ष स्तर पर बातचीत चलने की अटकलों के बीच JDU के दो कद्दावर नेताओं ने बगावत का झंडा उठा लिया।
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गोपाल मंडल का धरना: JDU विधायक गोपाल मंडल सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास के बाहर धरने पर बैठ गए। वह अपनी पारंपरिक गोपालपुर विधानसभा सीट से टिकट की मांग कर रहे हैं। किसी मौजूदा विधायक का सीएम आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करना गठबंधन के अंदर की गंभीर खटास को दर्शाता है।
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सांसद ने मांगा इस्तीफा: उधर, भागलपुर से JDU सांसद अजय मंडल ने तो सीधे सांसद पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि स्थानीय सांसद होने के बावजूद टिकट वितरण में उनसे कोई सलाह नहीं ली गई, इसलिए उनका पद पर बने रहना अनुचित है।
गठबंधन के शीर्ष नेताओं का डैमेज कंट्रोल
अंदरूनी झगड़े के बावजूद NDA के वरिष्ठ नेताओं ने फौरी तौर पर स्थिति को संभालने की कोशिश की है।
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संजय झा: JDU के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी दलों को अपनी हार पता चल चुकी है, इसलिए वे NDA में भ्रांतियां और निराधार स्टोरी फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव संभव है और आज शाम तक सीटों का फाइनल ऐलान हो जाएगा।
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सम्राट चौधरी: उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी कठबंधन की एकजुटता को दुहराया और कहा कि सीट बंटवारे पर बातचीत अंतिम चरण में है।
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उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान: गठबंधन के दोनों युवा चेहरे उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान ने भी सोशल मीडिया पर एकसमान पोस्ट करते हुए एकजुटता का संदेश दिया और कहा कि 'बिहार है तैयार'।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी स्पष्ट किया कि सीटों का ऐलान हो चुका है और आज शाम तक प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की जा सकती है। कुल मिलाकर, एक तरफ नेताओं के बयान गठबंधन के शांत होने का दावा कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ विधायकों और सांसदों का विद्रोह यह बता रहा है कि सत्ता की कुर्सी तक पहुंचने के लिए NDA को अभी भी अपने घर के भीतर का झगड़ा सुलझाना होगा।
आपकी राय में, किसी भी गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर होने वाले इस तरह के विद्रोह को रोकने और वरिष्ठ नेताओं की सलाह को सुनिश्चित करने के लिए पार्टी नेतृत्व को कौन से दो सबसे प्रभावी आंतरिक सुधार या प्रक्रियाएँ लागू करनी चाहिए?
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