Betla Incident: Overhead तार गिरा, बड़ा रेल हादसा टला

बेतला के बरकाकाना-गढ़वा रोड रेलखंड पर कंचनपुर के पास 25 हजार वोल्ट का ओवरहेड तार टूटकर गिरा। ग्रामीणों की सतर्कता से बड़ा रेल हादसा टल गया। करीब डेढ़ घंटे तक रेल सेवा बाधित रही।

Nov 25, 2024 - 10:53
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Betla Incident: Overhead तार गिरा, बड़ा रेल हादसा टला
Betla Incident: Overhead तार गिरा, बड़ा रेल हादसा टला

बेतला, प्रतिनिधि। झारखंड के बेतला में रविवार सुबह एक बड़ा रेल हादसा होने से टल गया। बरकाकाना-गढ़वा रोड रेलखंड के केचकी-मंगरा स्टेशन के बीच कंचनपुर गांव के पास डाउन लाइन पर 25 हजार वोल्ट का ओवरहेड तार अचानक टूटकर गिर गया। घटना सुबह करीब 8 बजे की है, जब ग्रामीणों और भाजपा नेता ईश्वरी सिंह ने तत्परता दिखाते हुए स्टेशन मास्टर को सूचित किया।

कैसे टला बड़ा हादसा?

घटना के दौरान मंगरा की ओर एक मालगाड़ी रवाना हो रही थी।

  • जैसे ही ओवरहेड तार गिरा, भाजपा नेता ईश्वरी सिंह और स्थानीय ग्रामीणों ने केचकी स्टेशन मास्टर मनीष केरकेट्टा को फौरन जानकारी दी।
  • स्टेशन मास्टर ने तुरंत कदम उठाते हुए मालगाड़ी को रोकने के लिए सिग्नल लाल कर दिया।
  • यह सक्रियता संभावित बड़े हादसे को रोकने में अहम साबित हुई।

स्टेशन मास्टर ने ग्रामीणों की सराहना करते हुए कहा कि उनकी सतर्कता न होती, तो यह हादसा बड़ा रूप ले सकता था।

डेढ़ घंटे तक बाधित रही सेवा

घटना के बाद करीब डेढ़ घंटे तक रेल सेवा बाधित रही।

  • डाउन लाइन पर कई मालगाड़ियां खड़ी रहीं।
  • मेदिनीनगर से आए विद्युतकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर टूटे हुए तार की मरम्मत की। इसके बाद रेल परिचालन को फिर से शुरू किया जा सका।

घटनास्थल की स्थिति

घटनास्थल, पोल नंबर 269/20-22 के पास, रेलवे के ओवरहेड तार के घिस जाने की वजह से यह हादसा हुआ।

  • स्टेशन मास्टर मनीष केरकेट्टा ने बताया कि तार लंबे समय से उपयोग में था और इसकी मरम्मत की आवश्यकता थी।
  • इस घटना ने रेलवे के रखरखाव पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

इतिहास: रेलवे मेंटेनेंस की चुनौतियां

रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर की अनदेखी के कारण ऐसे हादसे अक्सर होते रहते हैं।

  • 2018: धनबाद रेलखंड में ओवरहेड तार टूटने से 4 घंटे तक रेल सेवा ठप रही।
  • 2020: झारखंड के ही लोहरदगा रेलखंड पर एक ऐसी घटना में बड़ा हादसा होते-होते टला।

रेलवे को नियमित निरीक्षण और समय पर मेंटेनेंस की आवश्यकता है, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

ग्रामीणों की भूमिका बनी मिसाल

इस घटना में स्थानीय ग्रामीणों ने सतर्कता और त्वरित निर्णय लेकर एक बड़ी घटना को टाल दिया।

  • भाजपा नेता ईश्वरी सिंह ने नेतृत्व किया और स्टेशन मास्टर तक सूचना पहुंचाई।
  • स्टेशन मास्टर ने अपनी टीम के साथ तुरंत कार्रवाई कर रेलगाड़ी को सुरक्षित रोका।

रेलवे की जिम्मेदारी बढ़ी

रेलवे प्रशासन को चाहिए कि ऐसे संवेदनशील स्थानों पर मेंटेनेंस का काम तेजी से करवाए।

  • पुराने और घिसे हुए ओवरहेड तारों की जांच प्राथमिकता पर की जाए।
  • स्थानीय लोगों को भी ऐसी घटनाओं से निपटने की ट्रेनिंग दी जाए, ताकि भविष्य में कोई अप्रिय घटना न हो।

आपकी राय महत्वपूर्ण

क्या रेलवे को अपनी मेंटेनेंस नीतियों में सुधार करना चाहिए? आप इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं? अपनी राय नीचे कमेंट सेक्शन में साझा करें।

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