Baghmara police action : सोनारडीह में हथियार के साथ अपराधी गिरफ्तार, बड़ी वारदात की साजिश नाकाम
धनबाद के बाघमारा में पुलिस ने गुप्त सूचना पर हथियार के साथ अपराधी को गिरफ्तार किया। आरोपी बड़ी वारदात की फिराक में था, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई से साजिश नाकाम रही।
अपराध की दुनिया पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस की त्वरित कार्रवाई एक बार फिर चर्चा में है। बाघमारा अनुमंडल पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर बुधवार देर रात एक खतरनाक अपराधी को हथियार के साथ दबोच लिया। माना जा रहा है कि वह किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था, लेकिन पुलिस की सतर्कता ने उसकी योजना ध्वस्त कर दी।
गुप्त सूचना और छापेमारी
बाघमारा डीएसपी पुरुषोत्तम कुमार सिंह ने प्रेसवार्ता कर बताया कि सोनारडीह ओपी क्षेत्र से यह इनपुट मिला था कि एक अपराधी हथियार लेकर वारदात की तैयारी कर रहा है। सूचना मिलते ही त्वरित एक्शन लेते हुए पुलिस ने एक विशेष टीम का गठन किया। रातभर चली छापेमारी के दौरान पुलिस को सोनारडीह ओपी क्षेत्र के बड़ाई बस्ती स्थित शिव मंदिर के पास एक युवक संदिग्ध अवस्था में घूमता मिला।
पकड़े जाने पर युवक ने अपना नाम रितिक शर्मा बताया। जब पुलिस ने उसकी तलाशी ली तो उसके पास से एक कट्टा, एक जिंदा कारतूस और एक रेडमी कंपनी का मोबाइल बरामद हुआ।
पुलिस का बयान और दर्ज मामला
बरामदगी के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आर्म्स एक्ट की धारा 25 (1बी) ए, 26 और 35 के तहत केस दर्ज किया है। फिलहाल आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
डीएसपी सिंह ने कहा,
“यह गिरफ्तारी हमारे लिए बड़ी सफलता है। आरोपी किसी बड़ी आपराधिक वारदात को अंजाम देने वाला था, लेकिन हमारी त्वरित कार्रवाई से उसकी योजना पूरी तरह नाकाम हो गई।”
टीम में कौन-कौन थे शामिल?
इस अभियान में कतरास अंचल इंस्पेक्टर मुकेश कुमार चौधरी, सोनारडीह ओपी प्रभारी दिलीप कुमार पाल, बरोरा थाना प्रभारी साधन कुमार, मधुबन थाना प्रभारी शुभम कुमार, हरिहरपुर थाना प्रभारी राहुल कुमार झा, सअनि राज कुमार सिंह, उदित सिंह और सशस्त्र बल के जवानों ने अहम भूमिका निभाई।
अपराध जगत से जुड़ा इतिहास
धनबाद और उसके आसपास के इलाकों में हथियारबंद अपराधियों की गतिविधियां लंबे समय से पुलिस के लिए चुनौती रही हैं। 90 के दशक में धनबाद के कोयला बेल्ट में कई गैंगवार और खून-खराबे हुए थे, जिनमें अवैध हथियारों की बड़ी भूमिका रही। पिछले एक दशक में पुलिस की लगातार कार्रवाई से इन गतिविधियों में कमी आई है, लेकिन समय-समय पर इस तरह की गिरफ्तारियां बताती हैं कि अपराधी अब भी सक्रिय हैं।
इलाके में दहशत और पुलिस की रणनीति
इस गिरफ्तारी के बाद सोनारडीह क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है। आम नागरिकों का कहना है कि अगर पुलिस समय पर कदम नहीं उठाती तो शायद कोई बड़ी घटना घट सकती थी।
पुलिस का मानना है कि अपराधियों की रीढ़ तोड़ने के लिए लगातार छापेमारी अभियान, सीसीटीवी निगरानी और खुफिया नेटवर्क को मजबूत किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों की अपील
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस की यह कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन ऐसे अपराधियों पर सिर्फ गिरफ्तारी ही नहीं, बल्कि सख्त सजा भी होनी चाहिए ताकि समाज में भय का वातावरण न बने।
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