Azerbaijan Extradition: अजरबैजान से गैंगस्टर मयंक सिंह प्रत्यर्पित, झारखंड पुलिस का पहला सफल ऑपरेशन
झारखंड एटीएस ने अजरबैजान से गैंगस्टर मयंक सिंह को प्रत्यर्पित कर रांची लाया। यह झारखंड पुलिस के इतिहास का पहला सफल प्रत्यर्पण है। मयंक सिंह पर 50 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं।

झारखंड पुलिस के लिए शनिवार का दिन ऐतिहासिक रहा। झारखंड आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने गैंगस्टर मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को अजरबैजान से प्रत्यर्पित कर रांची लाने में सफलता पाई। यह झारखंड पुलिस के इतिहास का पहला सफल प्रत्यर्पण है, जिससे पूरे राज्य की सुरक्षा एजेंसियों का मनोबल बढ़ा है।
प्रत्यर्पण की प्रक्रिया
जानकारी के अनुसार, झारखंड एटीएस के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ऋषव कुमार झा के नेतृत्व में एक विशेष दल अजरबैजान गया था। दोनों देशों के बीच मौजूद प्रत्यर्पण संधि के तहत कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद गैंगस्टर को भारत लाया गया।
सुबह रांची हवाई अड्डे पर उतरने के बाद एसपी ऋषव कुमार झा ने इसे राज्य पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा—
“यह झारखंड पुलिस के इतिहास का पहला सफल प्रत्यर्पण है। हमें उम्मीद है कि विदेश में छिपे अन्य अपराधियों को भी जल्द ही प्रत्यर्पण या निर्वासन के जरिए भारत लाया जाएगा।”
50 से अधिक मामलों में वांछित
पुलिस अधिकारियों के अनुसार मयंक सिंह पर झारखंड, राजस्थान और पंजाब समेत कई राज्यों में 50 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह कुख्यात अमन साहू गिरोह का प्रमुख सदस्य माना जाता है। साथ ही राजस्थान में रहने वाले अन्य गैंगस्टरों से संपर्क साधने में भी उसकी बड़ी भूमिका रही है।
एसपी झा ने बताया कि—
“मयंक सिंह का सीधा जुड़ाव अमन साहू और कई अन्य गैंगस्टरों से रहा है। उससे आगे की पूछताछ की जाएगी ताकि आपराधिक नेटवर्क के बारे में और जानकारी मिल सके।”
कोर्ट में पेशी और पुलिस हिरासत की मांग
रांची आने के बाद एटीएस ने योजना बनाई है कि गैंगस्टर को रामगढ़ की अदालत में पेश किया जाएगा और पुलिस हिरासत की मांग की जाएगी। पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण खुलासे हो सकते हैं, जिनसे आपराधिक गिरोहों की गतिविधियों पर नकेल कसी जा सकेगी।
अजरबैजान में हुई गिरफ्तारी
मयंक सिंह को अक्टूबर 2024 में अजरबैजान के दातू क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था। तब से वह वहां की पुलिस की कस्टडी में था। झारखंड पुलिस और केंद्र सरकार की पहल पर भारत सरकार ने अजरबैजान से लगातार संपर्क बनाए रखा और अंततः प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी हुई।
राज्य सरकार और पुलिस की उपलब्धि
एसपी झा ने इस सफलता का श्रेय पुलिस महानिदेशक, मुख्यमंत्री और राज्य व केंद्र सरकार के सहयोग को दिया। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि से न केवल अपराधियों में डर पैदा होगा बल्कि राज्य पुलिस का मनोबल भी बढ़ेगा।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, झारखंड से जुड़े कई बड़े अपराधी विदेशों में छिपे हुए हैं। अब इस सफलता के बाद उन्हें भी प्रत्यर्पण के जरिए भारत लाने की प्रक्रिया तेज होगी।
अपराध की दुनिया में मयंक सिंह
मयंक सिंह का नाम झारखंड के कई संगीन अपराधों में सामने आ चुका है। हत्या, रंगदारी, अवैध वसूली और हथियारों की तस्करी जैसे मामलों में उसका नाम दर्ज है। पुलिस के अनुसार, वह अमन साहू गैंग का सक्रिय सदस्य रहा है और उसके नेटवर्क को मजबूत करने का काम करता था।
झारखंड पुलिस की इस सफलता ने साफ संदेश दिया है कि चाहे अपराधी कितनी भी दूर क्यों न हो, कानून के शिकंजे से बचना नामुमकिन है। अजरबैजान से मयंक सिंह का प्रत्यर्पण न सिर्फ राज्य पुलिस के लिए मील का पत्थर है बल्कि आने वाले दिनों में अपराध नियंत्रण की दिशा में यह एक बड़ी पहल साबित होगी।
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