व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी की चकाचौंध में खो रहे युवाओं के बीच हिंदी साहित्य की आवाज

आज का युवा व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी में खो चुका है, लेकिन हिंदी साहित्य के महान लेखकों का योगदान हमें याद दिलाता है कि हमारी भाषा और संस्कृति ही हमारी असली पहचान है। जानें, कैसे हिंदी साहित्य हमारे समाज को जोड़ता है।

Aug 16, 2024 - 18:00
Aug 16, 2024 - 17:40
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व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी की चकाचौंध में खो रहे युवाओं के बीच हिंदी साहित्य की आवाज
व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी की चकाचौंध में खो रहे युवाओं के बीच हिंदी साहित्य की आवाज

आज के समय में, जब युवा व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी की सतही जानकारी से आकर्षित हो रहे हैं, हमें यह समझना होगा कि इस आभासी दुनिया में ज्ञान का आभास तो है, लेकिन सच्चे साहित्य का रस कहीं खोता जा रहा है। व्हाट्सएप पर मिलने वाली अधूरी जानकारी से भरे मैसेज और वीडियोज ने युवाओं को गुमराह कर दिया है। उन्हें सच्चे साहित्य की उस कला और संवेदनशीलता का कोई ज्ञान नहीं है, जो कभी लेखकों की लेखनी से झलकती थी।

हिंदी साहित्य का अपना एक अनोखा स्थान है, जो हमारे देश की विविधता और संस्कृति को संजोकर रखता है। भारत में आज भी महान हस्तियों की एक बड़ी फौज है, जिन्होंने अपनी विधाओं में महारत हासिल की है। ये लेखक, गज़लकार, हास्यकार और कवि अपने समय के समाज का प्रतिबिंब प्रस्तुत करते हैं और अपनी लेखनी से हमारी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखते हैं।

आज, जब हर ओर अंग्रेजी का बोलबाला है, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारी भाषा ही हमारी पहचान है। जैसे-जैसे हम अंग्रेजी को बढ़ावा दे रहे हैं, हमारी हिंदी उतनी ही धूमिल होती जा रही है। हिंदी हमारे समाज की नींव है, जो विभिन्न धर्मों और समुदायों को जोड़कर रखती है। यह हमारी सांस्कृतिक विरासत है, जिसे संजोकर रखना हमारी जिम्मेदारी है।

https://indiaandindians.in/literature के माध्यम से हम आपको उन महान लेखकों से मिलवाना चाहते हैं, जिन्होंने हिंदी साहित्य को एक नई ऊंचाई दी है। ये लेखक, गज़लकार, हास्यकार और कवि भारत के कुछ अनमोल रत्न हैं, जिनकी लेखनी ने अनगिनत दिलों को छुआ है।

आज का समय इस बात का है कि हम हिंदी के प्रचार-प्रसार में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाएं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी आने वाली पीढ़ी हमारी भाषा और साहित्य के महत्व को समझे। हमारे लेखक और प्रकाशन गृह आज अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्हें हमारी जरूरत है, और हमें भी उनकी जरूरत है, ताकि हमारी संस्कृति और साहित्य जीवित रहे।

इसलिए, आइए हम सभी मिलकर हिंदी को उसकी सही पहचान दिलाने में योगदान दें। यह सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति की धरोहर है, जो हमें एकजुट रखती है और हमारी पहचान को संजोए रखती है

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।