जबरन जमीन अधिग्रहण के खिलाफ आदिवासियों का उग्र प्रदर्शन: कोल्हान में चक्का जाम, सरायकेला-खरसावां में व्यापक बंद

क्या कोल्हान में जबरन जमीन अधिग्रहण आदिवासियों के सब्र का बांध तोड़ रहा है? जानिए क्यों हुआ पूरे कोल्हान में चक्का जाम और सड़कें बंद।

Jul 31, 2024 - 10:11
Jul 31, 2024 - 10:14
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जबरन जमीन अधिग्रहण के खिलाफ आदिवासियों का उग्र प्रदर्शन: कोल्हान में चक्का जाम, सरायकेला-खरसावां में व्यापक बंद
जबरन जमीन अधिग्रहण के खिलाफ आदिवासियों का उग्र प्रदर्शन: कोल्हान में चक्का जाम, सरायकेला-खरसावां में व्यापक बंद

सरायकेला-खरसावां जिले के तितिरबिला गांव में रैयती परिवार के साथ हुई मारपीट और अन्य पांच मुख्य मांगों को लेकर बुधवार को पूरे कोल्हान क्षेत्र में चक्का जाम कर दिया गया। तितिरबिला गांव में जिला प्रशासन द्वारा जबरन जमीन अधिग्रहण, मुआवजा राशि का भुगतान नहीं करने, आदिवासियों के धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के साथ हुई छेड़छाड़ और अन्य मुद्दों को लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने यह कदम उठाया है।

जमशेदपुर के करनडीह में भी लोगों ने सड़कें जाम कर दीं, टायर जलाकर हंगामा किया और सभी सड़कें बंद कर दीं, जिससे गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं। पुलिस जाम हटाने की कोशिश कर रही है। सरायकेला जिला मुख्यालय और अन्य प्रखंडों में भी बंद का व्यापक असर देखा गया। सड़कों पर जगह-जगह टायर जलाकर आदिवासी संगठनों ने वाहनों को रोक दिया।

तितिरबिला गांव के मुंडा महेंद्र हेंब्रम और आदिवासी हो महासभा के जिला अध्यक्ष गणेश गांगराई के नेतृत्व में जिला मुख्यालय से सरायकेला-टाटा, सरायकेला-खरसावां और सरायकेला-राजनगर की सभी सड़कों को बंद कर दिया गया है। सरायकेला बाजार भी पूरी तरह से बंद है। इस बंद को सफल बनाने में तितिरबिला ग्रामसभा, मानकी मुंडा संघ, आदिवासी छात्र एकता, झारखंड आंदोलनकारी मंच, आदिवासी हो समाज महासभा सरायकेला-खरसावां और आदिवासी युवा महासभा समेत कई सामाजिक संगठनों का योगदान है।

आदिवासी हो महासभा के जिला अध्यक्ष गणेश गांगराई ने कहा कि कोल्हान में आदिवासियों को जबरन उनके जमीन से बेदखल करने की साजिश अब नहीं चलेगी। इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। सीएनटी एक्ट, एसपीटी एक्ट और पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र समेत अन्य संवैधानिक प्रावधानों के रहते हुए भी आदिवासियों को उनके जमीन से जबरन बेदखल कर विस्थापन और पलायन के लिए बाध्य किया जा रहा है। रैयतदारों की जमीन को नियम और प्रावधान के तहत अधिग्रहण किया जाना चाहिए, लेकिन सरकारी पदाधिकारी नियम और प्रावधानों को ताक पर रखकर काम कर रहे हैं।

इससे स्पष्ट होता है कि इसके पीछे एक बड़ी साजिश काम कर रही है। उन्होंने बताया कि यह बंद जबरन जमीन अधिग्रहण और अन्य महत्वपूर्ण मांगों को लेकर आयोजित किया जा रहा है। गणेश गांगराई ने कहा कि इस आंदोलन का उद्देश्य स्थानीय लोगों की समस्याओं को उजागर करना और प्रशासन का ध्यान उनकी ओर आकर्षित करना है। मशाल जुलूस के माध्यम से आंदोलनकारी अपनी एकता और संकल्प को प्रदर्शित कर चुके हैं। कोल्हान बंद से यह संदेश जाएगा कि वे अपनी मांगों के प्रति गंभीर हैं और उन्हें पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।