Tatanagar Crash: स्टेशन रोड पर गड्ढे में गिरी बांस लदी गाड़ी, पुलिस पर वसूली और गलत इशारे का आरोप

टाटानगर रेलवे स्टेशन मार्ग पर बांस से लदी एक मालवाहक गाड़ी अनियंत्रित होकर गहरे गड्ढे में पलट गई है। चालक ने यातायात पुलिस पर अवैध वसूली और गलत दिशा निर्देश देने का गंभीर आरोप लगाया है। इस हादसे के कारण स्टेशन जाने वाले यात्रियों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ा।

Dec 17, 2025 - 16:49
 0
Tatanagar Crash: स्टेशन रोड पर गड्ढे में गिरी बांस लदी गाड़ी, पुलिस पर वसूली और गलत इशारे का आरोप
Tatanagar Crash: स्टेशन रोड पर गड्ढे में गिरी बांस लदी गाड़ी, पुलिस पर वसूली और गलत इशारे का आरोप

जमशेदपुर, 17 दिसंबर 2025 – लौहनगरी के सबसे व्यस्त टाटानगर रेलवे स्टेशन मार्ग पर बुधवार को उस वक्त बड़ी अव्यवस्था फैल गई, जब बांस से लदी एक द्रुतगामी मालवाहक गाड़ी अचानक संतुलन खोकर सड़क किनारे बने एक गहरे गड्ढे में जा गिरी। इस आकस्मिक दुर्घटना ने न केवल यातायात को पूरी तरह ठप कर दिया, बल्कि पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। देखते ही देखते स्टेशन रोड पर वाहनों की किलोमीटर लंबी कतार लग गई और यात्री अपनी ट्रेन पकड़ने के लिए सड़क पर पैदल दौड़ते नजर आए।

पुलिस पर लगा अवैध वसूली का आरोप

हादसे के तुरंत बाद गाड़ी के चालक ने जो खुलासा किया, उसने वहाँ मौजूद भीड़ को आक्रोशित कर दिया। चालक का दावा है कि वह नियत गति से स्टेशन की ओर जा रहा था, किन्तु वहाँ तैनात यातायात आरक्षियों ने उसे रुकने का संकेत दिया और अवैध रूप से धन की मांग की। चालक के अनुसार, पुलिस द्वारा बार-बार दिशा बदलने का दबाव बनाया गया, जिसके कारण वह मानसिक दबाव में आ गया और गाड़ी पर से नियंत्रण खो बैठा।

  • बिखरा बांस बना बाधा: गाड़ी पलटते ही उसमें लदे सैकड़ों बांस सड़क के बीचों-बीच बिखर गए। इससे दोपहिया और तिपहिया वाहनों का निकलना भी असंभव हो गया। यद्यपि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ, किन्तु संपत्ति का भारी नुकसान आंका जा रहा है।

टाटानगर स्टेशन मार्ग का ऐतिहासिक महत्व और बढ़ता दबाव

टाटानगर रेलवे स्टेशन, जो देश के सबसे पुराने और महत्वपूर्ण जंक्शनों में से एक है, दशकों से जमशेदपुर की जीवनरेखा रहा है। इतिहास गवाह है कि टाटा समूह की स्थापना के साथ ही इस मार्ग का महत्व बढ़ता गया। किन्तु, बढ़ती आबादी और अनियोजित पार्किंग के कारण यह क्षेत्र अब हादसों का अड्डा बनता जा रहा है। सड़क के किनारे खुले छोड़े गए गड्ढे नगर परिषद और रेलवे प्रशासन के बीच समन्वय की कमी को दर्शाते हैं।

यात्रियों की बढ़ी मुसीबतें

जाम इतना भीषण था कि स्वचालित गाड़ियाँ और निजी वाहन एक इंच भी हिलने में असमर्थ थे। कई यात्री, जिनकी ट्रेन छूटने का समय हो रहा था, अपने भारी-भरकम सामान के साथ सड़क पर पैदल चलने को मजबूर दिखे। स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि यातायात पुलिस का व्यवहार अक्सर व्यापारिक वाहनों के प्रति कठोर रहता है, जिसके कारण ऐसी स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं।

  • प्रशासनिक चुप्पी: जब पुलिस के उच्च अधिकारियों से चालक द्वारा लगाए गए रिश्वत के आरोपों पर पूछा गया, तो उन्होंने फिलहाल कुछ भी कहने से परहेज किया। उनका कहना है कि प्राथमिकता सड़क को साफ कराने और यातायात बहाल करने की है।

देर शाम तक क्रेन की मदद से गाड़ी को गड्ढे से बाहर निकाला गया, तब कहीं जाकर लोगों ने राहत की सांस ली। नगरवासियों की मांग है कि सड़क किनारे के इन खतरनाक गड्ढों को जल्द भरा जाए ताकि भविष्य में ऐसी अनहोनी न हो।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।