Chaibasa Mystery: स्वर्णरेखा नदी से युवक का शव बरामद, सूरज की गुमशुदगी ने शहर में फैलाई सनसनी
चाईबासा के सिमुलडांगा मिशन घाट से स्वर्णरेखा नदी में सूरज गोराई का शव बरामद। 19 सितंबर से लापता सूरज की मौत ने इलाके में फैलाई सनसनी। पुलिस जांच में जुटी।
पश्चिमी सिंहभूम जिले के सिमुलडांगा मिशन घाट पर रविवार 21 सितंबर की सुबह स्वर्णरेखा नदी से एक युवक का शव बरामद होने के बाद पूरे इलाके में अफरातफरी और सनसनी फैल गई। शव की पहचान शुरुआती जांच और परिजनों के अनुसार सूरज गोराई के रूप में की जा रही है, जो 19 सितंबर से लापता था।
घटनास्थल पर मिली सनसनी
मृतक युवक काले रंग की जीन्स, सफेद चेक शर्ट और काले जूते पहने हुए था। यह वही कपड़े हैं जिनमें सूरज गोराई 19 सितंबर को घर से निकला था। परिजनों ने भी कपड़ों की पहचान कर इसकी पुष्टि की और आशंका जताई कि यह बरामद शव सूरज का ही हो सकता है।
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग और पुलिस एमजीएम थाना के अधिकारी मौके पर पहुंचे। पूरे इलाके में हलचल मच गई और आसपास के लोग घटनास्थल पर जमा होने लगे।
सूरज की बुलेट मोटरसाइकिल मिली थी सोनारी डोबो न्यू ब्रिज से
गौरतलब है कि सूरज गोराई की बुलेट मोटरसाइकिल 19 सितंबर को सोनारी डोबो न्यू ब्रिज से बरामद हुई थी। उस समय पुलिस ने बताया था कि सूरज ने अपने एक मित्र को फोन पर आखिरी बार कहा था,
"मैं जा रहा हूँ, ध्यान रखना।"
उसके बाद से ही सूरज घर नहीं लौटा और परिवार सहित पूरे शहर में उसकी तलाश शुरू हो गई। मोटरसाइकिल मिलने के बावजूद सूरज का कोई सुराग नहीं मिल सका।
पुलिस जांच और रहस्य
एमजीएम थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सावधानीपूर्वक जांच शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार:
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शव की प्रारंभिक पहचान कपड़ों और परिजनों की जानकारी से की जा रही है।
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सूरज के लापता होने और अब शव मिलने की परिस्थितियों पर गहन जांच की जा रही है।
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पुलिस स्थानीय लोगों और आसपास के इलाकों में साक्ष्य जुटाने की कोशिश कर रही है।
इस घटना ने पूरे शहर में रहस्य और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। युवा सूरज की गुमशुदगी और अब शव बरामद होने की कहानी कई सवाल छोड़ गई है।
ग्रामीण और सामाजिक प्रतिक्रिया
स्थानीय लोग और सूरज के परिवार ने प्रशासन से मांग की है कि सभी पहलुओं की जांच हो और इस रहस्य को सुलझाया जाए। लोग चिंता जता रहे हैं कि नदी किनारे ऐसे हादसे कितनी बार होते रहते हैं, लेकिन अक्सर उनका खुलासा नहीं होता।
इतिहास में देखा जाए तो स्वर्णरेखा नदी और आसपास के इलाकों में कई बार युवकों के गुम होने और रहस्यमय घटनाओं की खबरें सामने आती रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि लापरवाही, मानसिक दबाव या किसी आपराधिक घटना के कारण ऐसे हादसे होते हैं।
सूरज गोराई की गुमशुदगी और अब नदी से शव मिलने की घटना ने न केवल उसके परिवार को झकझोर दिया है, बल्कि पूरे सिमुलडांगा क्षेत्र को चौंका दिया है।
पुलिस और प्रशासन की कोशिश है कि जल्द से जल्द मामले की सच्चाई सामने आए। इस रहस्यमय घटना ने यह साबित कर दिया कि छोटी सी गुमशुदगी भी कभी-कभी बड़े सस्पेंस और डरावने परिणाम में बदल सकती है।
अब सवाल यह है कि सूरज की मौत स्वाभाविक थी या किसी साजिश का हिस्सा, और पुलिस जांच इस रहस्य को कब तक सुलझा पाएगी।
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