Simdega Strike: नारकोटिक्स का अब तक का सबसे बड़ा शिकंजा! सिमडेगा NH-143 पर NCB ने 420 किलो गांजा के साथ तस्कर को दबोचा, ट्रॉली के केबिन में बहाँ गुप्त बॉक्स में छिपाया गया था जखीरा
झारखंड के सिमडेगा जिले में NCB की टीम ने सिमडेगा-रांची नेशनल हाईवे (NH-143) पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 420 किलो गांजा जब्त किया और एक तस्कर को गिरफ्तार किया। तस्कर ने गांजा को ट्रॉली वाहन के केबिन के ऊपर एक गुप्त बॉक्स में छिपा रखा था। यह बरामदगी ओडिशा/छत्तीसगढ़ से उत्तर भारत तक सक्रिय ड्रग्स नेटवर्क पर बड़ी चोट है।
झारखंड के सिमडेगा जिले में मंगलवार देर रात नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की टीम ने एक अत्यंत सफल और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। यह कार्रवाई केवल एक गिरफ्तारी या जब्ती नहीं है, बल्कि यह झारखंड को गांजा तस्करी के नए ट्रांजिट रूट के रूप में इस्तेमाल कर रहे ड्रग्स माफियाओं के लिए एक सख्त चेतावनी है। कोलेबिरा के चकरिबंधा साहू पेट्रोल पंप के पास सिमडेगा-रांची नेशनल हाईवे (NH-143) पर छापेमारी करते हुए टीम ने भारी मात्रा में यानी 420 किलो गांजा बरामद किया और एक तस्कर को गिरफ्तार किया।
गुप्त बॉक्स का कोड खुला: तस्करों की नई चाल नाकाम
NCB को गुप्त सूत्रों से इनपुट मिला था कि एक ट्रॉली वाहन (नंबर HR73B 4929) के जरिए गांजा की एक बड़ी खेप तस्करी के लिए ले जाई जा रही है। यह इनपुट झारखंड पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों की बढ़ती सतर्कता का परिणाम है। सूचना के आधार पर टीम ने हाईवे पर नाका लगाकर वाहनों की निगरानी शुरू कर दी।
कुछ ही देर बाद संदिग्ध ट्रॉली वाहन को देखकर NCB टीम ने उसका पीछा किया और पेट्रोल पंप के पास उसे रोक लिया। वाहन की तलाशी के दौरान तस्करों की चालाकी सामने आई: उन्होंने गांजा को वाहन के केबिन के ऊपर विशेष रूप से बनाए गए एक गुप्त बॉक्स में छिपा रखा था। इस बॉक्स से ही 420 किलो गांजा बरामद किया गया।
झारखंड: मादक पदार्थों का सक्रिय ट्रांजिट रूट
NCB की यह कार्रवाई सिर्फ एक जब्ती नहीं है। यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि झारखंड और पड़ोसी राज्यों की सीमाएं मादक पदार्थों की तस्करी के लिए सक्रिय रूट बन चुकी हैं। खासतौर पर ओडिशा और छत्तीसगढ़ से उत्तरी भारत तक गांजा पहुंचाने के लिए तस्कर झारखंड के राष्ट्रीय राजमार्गों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह नेटवर्क राज्य की युवा पीढ़ी के लिए भी एक गंभीर खतरा है, क्योंकि ड्रग्स का यह जाल धीरे-धीरे स्थानीय इलाकों में फैल रहा है।
फिलहाल, NCB ने एक तस्कर को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। वाहन को भी सीज कर लिया गया है। सिमडेगा में हुई यह बड़ी जब्ती यह साबित करती है कि ड्रग्स माफिया एजेंसियों की पकड़ से बचने के लिए अनोखी तरकीबों का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन NCB अब पूरी तरह से सतर्क है। अगर इस तरह की कार्रवाइयां जारी रहीं, तो आने वाले समय में राज्य के युवाओं को नशे के जाल से बचाया जा सकेगा।
आपकी राय में, झारखंड से होकर गुजरने वाले नेशनल हाईवे पर मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने और ऐसे गुप्त बॉक्स वाले वाहनों को पहचानने के लिए NCB और स्थानीय पुलिस को कौन से दो सबसे सख्त और तकनीकी कदम उठाने चाहिए?
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