सावन के पहले सोमवार को घाटशिला के शिवालयों में उमड़ी भक्तों की भीड़
सावन माह की पहली सोमवारी पर घाटशिला के शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ी। मऊभंडार शिव मंदिर समेत विभिन्न स्थानों पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। भगवान शंकर को जलाभिषेक कर भक्तों ने सुख-समृद्धि की कामना की।
सावन माह की शुरुआत के साथ घाटशिला और इसके आसपास के क्षेत्रों में पूरा वातावरण शिवमय नजर आने लगा है। पहली सोमवारी के पावन अवसर पर मऊभंडार शिव मंदिर समेत विभिन्न शिवालयों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है, और कई स्थानों पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया है। वहीं, सावन की प्रथम सोमवारी पर शिव भक्तों की भीड़ मऊभंडार शिव मंदिर में उमड़ी। श्रद्धालुओं ने पूरे विधि-विधान से भगवान शंकर को जलाभिषेक कर सुख-समृद्धि की कामना की।
भक्तों का उत्साह चरम पर
पहली सोमवारी पर श्रद्धालुओं की सबसे ज्यादा भीड़ सिद्धेश्वर-चापड़ी, मऊभंडार शिव मंदिर, काशिडांगा, गोपालपुर शिव मंदिर समेत कई अन्य स्थानों पर देखने को मिली। मऊभंडार शिव मंदिर में अहले सुबह चार बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। इस मौके पर मऊभंडार शिव मंदिर के महासचिव नवल सिंह ने कहा कि प्रत्येक सोमवार को मऊभंडार शिव मंदिर परिसर में संध्या साढ़े सात बजे आरती का आयोजन होगा। आरती के पश्चात प्रसाद का वितरण भी किया जाएगा।
भक्तों की आस्था और श्रद्धा
श्रद्धालुओं ने पूरे विधि-विधान से भगवान शंकर को जलाभिषेक कर सुख-समृद्धि की कामना की। भक्तों की आस्था और श्रद्धा ने सावन माह के पहले सोमवार को एक दिव्य और पवित्र माहौल बना दिया। सिद्धेश्वर-चापड़ी, काशिडांगा, गोपालपुर शिव मंदिर समेत कई अन्य स्थानों पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। भक्तगण सुबह से ही जलाभिषेक के लिए लंबी कतारों में खड़े रहे।
मऊभंडार शिव मंदिर के विशेष आयोजन
मऊभंडार शिव मंदिर के महासचिव नवल सिंह ने जानकारी दी कि सावन माह के दौरान प्रत्येक सोमवार को विशेष आरती का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शाम 7:30 बजे आरती के बाद प्रसाद का वितरण होगा। इस दौरान भक्तगण भगवान शिव की भक्ति में लीन होकर आरती में भाग लेंगे और प्रसाद प्राप्त करेंगे।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
घाटशिला और आसपास के क्षेत्रों में सावन माह के अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है। इन कार्यक्रमों में भगवान शिव की महिमा का गुणगान किया जाता है और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। यह कार्यक्रम भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देते हैं और उन्हें भगवान शिव के और करीब लाते हैं।
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