Saraikela Alert: त्योहारों से पहले पुलिस की सख्ती, शांति भंग करने वालों पर नजर

सरायकेला में ईद, सरहुल और रामनवमी पर प्रशासन अलर्ट! सोशल मीडिया पर निगरानी, सीसीटीवी कैमरे और भड़काऊ गानों पर बैन। जानें पूरी खबर।

Mar 26, 2025 - 19:18
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Saraikela Alert: त्योहारों से पहले पुलिस की सख्ती, शांति भंग करने वालों पर नजर
Saraikela Alert: त्योहारों से पहले पुलिस की सख्ती, शांति भंग करने वालों पर नजर

झारखंड के सरायकेला जिले में इस बार ईद, सरहुल और रामनवमी तीनों त्योहार लगातार एक हफ्ते में आ रहे हैं। इसे देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड में है। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर सभी थानों में शांति समिति की बैठकें आयोजित की जा रही हैं, ताकि किसी भी तरह की अफवाह या सांप्रदायिक तनाव से बचा जा सके

तीन बड़े त्योहार, प्रशासन अलर्ट

31 मार्च को ईद, जिसमें ईदगाह और मस्जिदों में नमाज अदा की जाएगी।
31 मार्च को ही सरहुल, जहां आदिवासी समुदाय उपवास रखकर एक अप्रैल को पूजा करेगा।
7 अप्रैल को रामनवमी, जिसमें भव्य शोभायात्राएं निकाली जाएंगी।

सरायकेला एसडीपीओ समीर कुमार सवैयां की अध्यक्षता में हुई शांति समिति बैठक में प्रशासन ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं

सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी

 पुलिस ने लोगों को सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट और अफवाहें फैलाने से सख्त मना किया है।
यदि किसी ने उत्तेजक गाने बजाए या सांप्रदायिक माहौल खराब करने की कोशिश की, तो तुरंत कार्रवाई होगी
शहर के संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके।

शांति बनाए रखने की अपील

बैठक में प्रशासन ने सभी समुदायों से आपसी भाईचारे के साथ त्योहार मनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस बार तीनों त्योहारों का संयोग दुर्लभ है और इसे शांति एवं सौहार्द के साथ मनाना चाहिए

क्या है सरहुल पर्व और इसका ऐतिहासिक महत्व?

सरहुल झारखंड का एक प्रमुख आदिवासी त्योहार है, जिसे मुख्य रूप से मुंडा, उरांव और संथाल जनजातियां मनाती हैं।
 यह बसंत ऋतु के स्वागत का पर्व है, जिसमें सल वृक्ष (सखुआ के फूल) की पूजा की जाती है।
 इसे "धरती की पूजा" भी कहा जाता है, क्योंकि आदिवासी समाज प्रकृति को सर्वोच्च मानता है।
 इस दिन उपवास रखा जाता है, और अगले दिन पूरे रीति-रिवाज के साथ झखरा कुंबा में पूजा होती है।

रामनवमी और शोभायात्रा की तैयारियां

रामनवमी पर भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है, जिसमें भगवा झंडे, अखाड़े और भजन-कीर्तन होते हैं। प्रशासन ने इस बार यात्रा के रूट को तय कर लिया है, ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था न हो

क्या प्रशासन की तैयारियां पर्याप्त हैं?

सरायकेला में एक ही हफ्ते में तीन बड़े त्योहार होने के कारण पुलिस के सामने बड़ी चुनौती है। हालांकि प्रशासन ने हर एहतियाती कदम उठाने की बात कही है, लेकिन सवाल यह है कि क्या इतने बड़े आयोजनों को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होंगे?

अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन की यह तैयारियां शांति बनाए रखने के लिए कारगर साबित होंगी या नहीं

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।