Ranchi License Cancellation: 160 हथियारों के लाइसेंस होंगे रद्द, जानें क्यों हुआ यह बड़ा कदम!
रांची जिले में 160 हथियारों के लाइसेंस रद्द किए जाएंगे, प्रशासन ने इसे लेकर सख्त कदम उठाया है। जानिए इसके पीछे क्या कारण है।
झारखंड के रांची जिले में अब तक का सबसे बड़ा कदम उठाया गया है, जिसमें 160 हथियारों के लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। चुनावी माहौल के बीच प्रशासन ने यह निर्णय लिया है, और इसके पीछे गंभीर कारण भी बताए गए हैं। रांची जिले में कुल 3500 लाइसेंसी हथियार हैं, लेकिन इनमें से 160 के मालिकों को लाइसेंस रद्द करने का नोटिस जारी किया गया है। आइए जानते हैं इस फैसले के बारे में विस्तार से।
रांची में 160 हथियारों के लाइसेंस रद्द होने का कारण
रांची पुलिस ने उन लोगों के लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की है जिन्होंने चुनावी आदेशों का पालन नहीं किया और निर्धारित समय तक अपने हथियार जमा नहीं किए। दरअसल, विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रशासन ने सभी लाइसेंसी हथियारधारकों को अपने हथियार जमा करने का आदेश दिया था। लेकिन, इन 160 लोगों ने न तो हथियार जमा किए और न ही इसके लिए कोई संतोषजनक कारण दिया।
क्या थी प्रशासन की कार्रवाई?
रांची के उपायुक्त ने सभी संबंधित लाइसेंसधारकों को अंतिम नोटिस जारी कर 22 नवंबर तक जवाब देने का निर्देश दिया है। यदि इन 160 लाइसेंसी लोगों ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया, तो उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। रांची पुलिस द्वारा पहले ही इन लोगों को स्पष्टीकरण के लिए नोटिस जारी किया गया था, लेकिन फिर भी उन्होंने अपने हथियार जमा नहीं किए। इसके बाद एसएसपी कार्यालय ने उनके लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश दी है।
चुनावी सुरक्षा और प्रशासन का कड़ा कदम
चुनाव की घोषणा के बाद, जिला प्रशासन ने एक सख्त कदम उठाया था, जिसमें सभी लाइसेंसी हथियारधारकों से हथियारों को संबंधित थानों या शस्त्र विक्रेताओं के पास जमा करने को कहा गया था। इसके लिए 21 अक्टूबर तक का समय निर्धारित किया गया था। इस निर्देश का पालन करते हुए अधिकांश लाइसेंसी धारकों ने अपने हथियार जमा कर दिए थे, लेकिन 160 लोग ऐसे थे जिन्होंने न तो अपने हथियार जमा किए और न ही कोई कारण बताया।
कुछ लोगों को मिली राहत
हालांकि, प्रशासन ने उन लोगों को राहत दी है जिनके लिए हथियार रखना जरूरी था। जैसे कि बैंक के सुरक्षा गार्ड, पेट्रोल पंप कर्मचारियों और व्यापारी जो भारी धनराशि रखते हैं, उन्हें हथियार रखने की छूट दी गई है। इसके लिए एक स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया था, जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त ने की थी। इस कमेटी द्वारा यह तय किया जाता है कि किन्हें हथियार रखने की अनुमति दी जाए और किन्हें नहीं।
रांची में कुल 3500 लाइसेंस
रांची जिले में कुल 3500 हथियारों के लाइसेंस जारी किए गए हैं, जिनमें से 160 लाइसेंसधारकों को चेतावनी दी गई थी। उपायुक्त वरुण रंजन ने सभी लाइसेंसियों को अपने हथियारों का सत्यापन कराने के बाद उसे संबंधित थानों या शस्त्र विक्रेताओं के पास जमा करने का आदेश दिया था। प्रशासन का कहना है कि इस कदम से चुनावी प्रक्रिया में सुरक्षा सुनिश्चित होगी और किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सकेगा।
प्रशासन के कड़े कदम और उसकी जरूरत
इस फैसले ने झारखंड के चुनावी माहौल में एक नया मोड़ ला दिया है। प्रशासन का कहना है कि चुनावों के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा या अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए यह कदम बेहद जरूरी था। यही वजह है कि लाइसेंसी हथियारों के सत्यापन और जमा करने की प्रक्रिया को इतनी सख्ती से लागू किया गया है।
इस कदम से न सिर्फ रांची में बल्कि पूरे झारखंड में लाइसेंसधारकों के लिए एक उदाहरण स्थापित किया गया है। अब यह देखना होगा कि अगले कुछ दिनों में रांची पुलिस इस प्रक्रिया को कैसे पूरा करती है और बाकी लाइसेंसी धारक इस फैसले का पालन कैसे करते हैं।
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