Ranchi Tragedy: कोयला ट्रेलर, स्कूटी को रौंदकर पलटा मौत का सौदागर, चाचा-भतीजे की दर्दनाक मौत से दहला बंता गांव
रांची के सिल्ली में गैस सिलेंडर लेकर लौट रहे चाचा-भतीजे को कोयला लदे अनियंत्रित ट्रेलर ने कुचल दिया जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद ट्रेलर स्कूटी पर ही पलट गया और आक्रोशित ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग को लेकर सड़क जाम कर दिया है। इस दिल दहला देने वाली घटना और मुआवजे के आश्वासन के बाद खुले जाम की पूरी हकीकत यहाँ दी गई है।
रांची, 22 दिसंबर 2025 – झारखंड की राजधानी रांची के ग्रामीण अंचल सिल्ली में सोमवार की शाम उस वक्त चीख-पुकार मच गई जब एक अनियंत्रित कोयला लदे ट्रेलर ने दो जिंदगी के चिराग बुझा दिए। सिल्ली थाना क्षेत्र के बंता गांव के पास हुई इस भीषण दुर्घटना में चाचा और भतीजे की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। हादसा इतना भयावह था कि टक्कर मारने के बाद ट्रेलर स्कूटी के ऊपर ही पलट गया, जिससे सवार लोगों को बचने का एक मौका भी नहीं मिला। इस घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया और आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क जाम कर इंसाफ की गुहार लगाई।
इतिहास: सिल्ली का कोयला कॉरिडोर और हादसों का खूनी सफर
ऐतिहासिक रूप से रांची-सिल्ली-मुरी मार्ग खनिजों के परिवहन के लिए एक महत्वपूर्ण लाइफलाइन रहा है। जब 19वीं शताब्दी के अंत में बंगाल-नागपुर रेलवे और बाद में सड़कों का विस्तार हुआ, तो यह क्षेत्र औद्योगिक गलियारा बन गया। हालांकि, पिछले एक दशक में भारी वाहनों, विशेष रूप से कोयला लदे ट्रेलरों की संख्या में 200\% की वृद्धि हुई है। बंता गांव और आसपास के इलाके 'ब्लैक स्पॉट्स' के रूप में उभर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि कोयला ट्रेलरों की अनियंत्रित रफ्तार और सुरक्षा नियमों की अनदेखी के कारण यह मार्ग अब 'मौत के गलियारे' में तब्दील हो चुका है, जहाँ मुरली महतो और उनके भतीजे जैसे निर्दोष लोग अपनी जान गंवा रहे हैं।
हादसा: सिलेंडर लेकर घर की दहलीज तक भी नहीं पहुँच सके
सोमवार की दोपहर करीब 4:00 बजे लोवादाग गांव निवासी मुरली महतो अपने भतीजे विवेक कुमार महतो के साथ स्कूटी से गैस सिलेंडर लाने निकले थे।
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खौफनाक टक्कर: गैस सिलेंडर लेकर गांव की ओर लौटते समय, घर से कुछ ही दूरी पर एक तेज रफ्तार कोयला लदे ट्रेलर ने उनकी स्कूटी को जोरदार टक्कर मार दी।
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ट्रेलर का कहर: टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि चालक का नियंत्रण खो गया और कोयले से लदा विशाल ट्रेलर स्कूटी पर ही पलट गया। मुरली और विवेक मलबे के नीचे दब गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
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अस्पताल में मातम: ग्रामीणों की मदद से दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) सिल्ली ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने आधिकारिक रूप से उन्हें मृत घोषित कर दिया।
आक्रोशित ग्रामीणों का सड़क जाम और मुआवजे की मांग
हादसे की खबर फैलते ही लोवादाग और बंता गांव के सैकड़ों ग्रामीण मौके पर जुट गए। लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर था।
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नेताओं की उपस्थिति: गूँज परिवार के जयपाल सिंह, सुनील सिंह, विकास महतो, सिल्ली प्रमुख जितेंद्र बाडईक और जिला उपाध्यक्ष वीणा चौधरी तुरंत अस्पताल पहुँचे और पीड़ित परिवार को सांत्वना दी।
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सड़क जाम: ग्रामीणों ने ट्रेलर चालक की गिरफ्तारी और पर्याप्त मुआवजे की मांग को लेकर घंटों सड़क जाम कर दिया। उनका आरोप था कि भारी वाहनों की रफ्तार पर पुलिस का कोई नियंत्रण नहीं है।
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पुलिस का आश्वासन: काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई और नियमानुसार मुआवजे का भरोसा दिया, जिसके बाद जाम को खुलवाया गया।
सड़क दुर्घटना का संक्षिप्त विवरण (Incident Summary)
| विवरण | जानकारी |
| मृतकों के नाम | मुरली महतो और विवेक कुमार महतो |
| स्थान | बंता गांव, सिल्ली (रांची) |
| वाहन | कोयला लदा ट्रेलर और स्कूटी |
| कारण | ट्रेलर का अनियंत्रित होना |
| वर्तमान स्थिति | पुलिस कार्रवाई जारी, जाम हटाया गया |
सुरक्षा पर सवाल: कब थमेगी भारी वाहनों की रफ्तार?
सिल्ली के लोगों का कहना है कि यह केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है। कोयला ट्रेलरों के लिए अलग समय सीमा या ओवरस्पीडिंग पर सख्त जुर्माने की व्यवस्था न होने के कारण ग्रामीण सड़कों पर चलना मौत को दावत देने जैसा है। लोवादाग गांव के दो चिरागों के बुझने से गांव में चूल्हा तक नहीं जला है।
मुआवजे से नहीं भरती अपनों की कमी
प्रशासन ने मुआवजे और कार्रवाई की बात तो कह दी है, लेकिन विवेक और मुरली के परिवार के लिए यह क्षति अपूरणीय है। सिल्ली की यह घटना एक बार फिर चेतावनी दे रही है कि जब तक भारी वाहनों के लिए सख्त ट्रैफिक नियम लागू नहीं होंगे, तब तक सड़कों पर बेगुनाहों का खून गिरता रहेगा।
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