Ranchi Loot: बीच सड़क पर युवक से लूट, लेकिन फिर जो हुआ वो चौंका देगा!
रांची में मोबाइल लूट की एक अनोखी वारदात! स्कूटी सवार बदमाशों ने युवक से मोबाइल छीना, लेकिन भागते वक्त खुद ही फंस गए! जानिए पूरी घटना, कौन है आरोपी और क्या कर रही है पुलिस?

रांची के लालपुर थाना क्षेत्र में देर रात एक सनसनीखेज वारदात सामने आई, जहां स्कूटी सवार बदमाशों ने एक युवक से मोबाइल छीनने की कोशिश की। लेकिन किस्मत का खेल देखिए— लूट करने आए तीनों बदमाश खुद ही सड़क पर गिरकर फंस गए!
इस घटना में पुलिस ने एदलहातू टोंटे चौक निवासी रोहित तिर्की को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो अन्य आरोपी रीशु उरांव और बॉबी लोहरा अभी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है।
लेकिन सवाल यह है कि रांची में इस तरह की लूटपाट की घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं? क्या झारखंड की राजधानी अब लुटेरों का नया अड्डा बन चुकी है?
कैसे हुई वारदात? लूट के बाद भाग रहे थे, फिर जो हुआ वो चौंकाने वाला था!
यह घटना 17 मार्च की देर रात की है। बोकारो के बालीडीह थाना क्षेत्र के निवासी सूरज कुमार राजवार रांची के करमटोली इलाके में स्थित एक रेस्टोरेंट में काम करते हैं। उस रात वह अपनी एक महिला स्टाफ को छोड़ने के लिए करमटोली चौक गए थे।
जब वह लौट रहे थे, तभी स्कूटी सवार तीन युवकों ने उन्हें रोका और पैसे की मांग करने लगे। सूरज ने पैसे देने से इनकार किया, तो बदमाशों ने उन्हें धमकाया और उनका मोबाइल छीन लिया।
लेकिन नसीब ने उसी वक्त पलटी मारी!
लूट कर भागने के दौरान तीनों बदमाशों की स्कूटी एक बाइक से टकरा गई और वे सड़क पर गिर पड़े।
गिरने के बाद गिरफ्तार आरोपी रोहित तिर्की स्कूटी के नीचे दब गया, जबकि दो अन्य आरोपी भागने में सफल रहे।
पीड़ित सूरज कुमार ने हिम्मत दिखाते हुए एक आरोपी को धर दबोचा और पुलिस को सूचना दे दी।
लालपुर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से स्कूटी और मोबाइल बरामद कर लिया।
अब सवाल यह है कि आखिर रांची में इस तरह की वारदातें क्यों बढ़ रही हैं? क्या पुलिस का डर खत्म हो गया है, या अपराधी बेखौफ हो चुके हैं?
रांची में लूट-डकैती क्यों बढ़ रही है?
झारखंड की राजधानी रांची एक समय सिर्फ अपनी हरियाली और शिक्षण संस्थानों के लिए मशहूर थी। लेकिन अब यह अपराधियों का गढ़ बनता जा रहा है।
चोरी और लूट के पीछे तीन बड़े कारण:
युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी – बिना काम के घूमने वाले युवा जल्द पैसा कमाने के लिए अपराध का रास्ता अपना रहे हैं।
पुलिस की लापरवाही – अपराधी जानते हैं कि अगर पकड़े भी गए तो जल्द ही छूट जाएंगे। इसलिए वे बिना डरे वारदात को अंजाम देते हैं।
शहर में बढ़ती आबादी – रांची में बाहरी लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे अपराधियों को छिपने का ज्यादा मौका मिल जाता है।
क्या यह सिर्फ एक आम लूटपाट थी, या फिर इसके पीछे कोई बड़ा गैंग काम कर रहा है?
क्या फरार दो आरोपी रीशु उरांव और बॉबी लोहरा किसी अपराधी गैंग से जुड़े हैं?
क्या पुलिस इस तरह के मामलों में गंभीरता से जांच कर रही है, या सिर्फ औपचारिकता निभा रही है?
पुलिस क्या कर रही है? क्या रांची अब सुरक्षित नहीं रही?
इस घटना के बाद लालपुर पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी रोहित तिर्की को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, लेकिन बाकी दो आरोपियों की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो सकी है।
अब सवाल यह है कि क्या पुलिस ऐसे अपराधियों पर नकेल कस पाएगी?
अगर स्कूटी ना गिरती तो क्या अपराधी पकड़े जाते?
आखिर पुलिस इन अपराधियों को ट्रैक क्यों नहीं कर पा रही?
क्या आने वाले दिनों में इस तरह की वारदातें और बढ़ेंगी?
क्या रांची अब अपराधियों का नया ठिकाना बन चुका है?
झारखंड में अपराध तेजी से बढ़ रहा है और रांची में लूटपाट की घटनाएं अब आम हो गई हैं।
अब जरूरी सवाल यह है कि:
क्या सरकार रांची में अपराध रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी?
क्या पुलिस सिर्फ केस दर्ज करने तक सीमित रह जाएगी?
क्या जनता खुद अपनी सुरक्षा के लिए कोई कदम उठाएगी?
रांची की सड़कों पर अगर ऐसे ही अपराध होते रहे, तो वह दिन दूर नहीं जब यह शहर देश के सबसे असुरक्षित शहरों में गिना जाएगा।
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