Birth Certificate Update : जन्म प्रमाण पत्र में बड़ा बदलाव, नाम हिंदी और अंग्रेजी दोनों में दर्ज होंगे
रांची में जन्म प्रमाण पत्र प्रणाली में नया बदलाव लागू। अब बच्चों के नाम हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दर्ज होंगे। इस नई व्यवस्था से 5 सरकारी कामों में बड़ी राहत मिलेगी। हिंदी नाम में आ रही तकनीकी गड़बड़ी दूर होगी।
रांची, 11 दिसंबर 2025 – झारखंड की राजधानी रांची में जन्म प्रमाण पत्र प्रणाली में एक ऐतिहासिक और बड़ा बदलाव लागू किया गया है। अब से जारी होने वाले बच्चों के जन्म प्रमाण पत्रों में नाम अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी दर्ज किए जाएंगे। यह व्यवस्था भविष्य में दस्तावेज सत्यापन और सरकारी कामकाज को पहले से कहीं ज्यादा आसान बना देगी।
इन 5 कामों में सीधा लाभ मिलेगा
इस नए नियम के आने से नागरिकों को कई सरकारी कार्यवाहियों में सीधा लाभ मिलेगा, क्योंकि अक्सर अंग्रेजी नामों की वर्तनी में अंतर के चलते समस्याएं आती थीं।
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स्कूल नामांकन: बच्चों के विद्यालय में दाखिले के समय नामों का मिलान सरल होगा।
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आधार पत्र: आधार पत्र बनवाने या सुधारने में दस्तावेजी विसंगतियाँ खत्म होंगी।
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पारपत्र: विदेश यात्रा के लिए पारपत्र बनवाने की प्रक्रिया में तेजी आएगी।
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सरकारी योजनाएँ: समाज कल्याण से जुड़ी योजनाओं का लाभ लेना सरल होगा।
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ग्रामीण पहचान: विशेषकर ग्रामीण इलाकों में, जहाँ सेविका-सहायिका और सहिया आदि हाथों से लिखे प्रमाण पत्रों के आधार पर पहचान करती हैं, वहाँ यह बदलाव सबसे बड़ा आश्वासन देता है।
तकनीकी चुनौती जो आई सामने
हालांकि, इस क्रांतिकारी बदलाव के साथ शुरुआत में कुछ छोटी तकनीकी समस्याएँ भी आई हैं। नगर निगम के डिजिटल प्रणाली में यह व्यवस्था लागू होने के बाद अंग्रेजी से हिंदी में नाम स्वचालित रूप से बन रहे हैं, जिससे कई बार नामों की वर्तनी गलत दर्ज हो जा रही है।
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उदाहरण: उदाहरण के तौर पर, यदि अंग्रेजी में 'Manoj' नाम सही है, तो स्वचालित रूप से हिंदी में वह 'मानोज' दर्ज हो जा रहा है, जो कि सही नहीं है। इस त्रुटि के कारण अभिभावकों को संशोधित प्रमाण पत्र के लिए दोबारा आवेदन करना पड़ रहा है।
जल्द ही प्रणाली में होगा बड़ा सुधार
नगर निगम के अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि यह समस्या केवल स्वचालित नाम निर्माण की वजह से आ रही है। इस त्रुटि को दूर करने के लिए एक तकनीकी दल लगाया गया है।
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समाधान: अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही प्रणाली में ऐसा सुधार किया जाएगा जिससे अभिभावक स्वयं हिंदी नाम को हाथ से ठीक कर सकेंगे। इसके अलावा, गलत नाम वाले प्रमाण पत्रों के शीघ्र सुधार के लिए विशेष काउंटर भी शुरू किए जा रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि एक बार यह तकनीकी समस्या हल हो जाने के बाद, यह पहल बच्चों के अधिकारिक अभिलेखों को ज्यादा सटीक और भरोसेमंद बनाएगी।
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