चाईबासा, 25 दिसंबर 2024: एमजीएम थाना क्षेत्र के मुखियाडंगा में बुधवार दोपहर एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें 50 वर्षीय नरेश शर्मा की जान चली गई। यह घटना उस वक्त हुई जब नरेश शर्मा बाइक लेकर अपने घर से सड़क पार कर रहे थे और अचानक किसी अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। हादसे के बाद वाहन चालक मौके से फरार हो गया, जिससे नरेश शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए।
कौन थे नरेश शर्मा?
नरेश शर्मा, जो पेशे से वाहन पेंटिंग का काम करते थे, मुखियाडंगा के निवासी थे। वे अपने दो बेटों और एक बेटी के साथ रहते थे। बुधवार दोपहर जब नरेश शर्मा सड़क पार कर रहे थे, तो एक तेज रफ्तार वाहन ने उन्हें टक्कर मारी। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने उन्हें एमजीएम अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इलाज के दौरान नरेश शर्मा की मृत्यु हो गई।
दुर्घटना के बाद क्षेत्र में चिंता का माहौल
यह घटना क्षेत्र में चिंता का कारण बन गई है, क्योंकि मुखियाडंगा जैसे व्यस्त इलाके में अक्सर लोग सड़क पार करते हैं और ऐसे में तेज रफ्तार वाहन चालकों के कारण इस प्रकार के हादसे होना आम हो गया है। हादसे के बाद स्थानीय लोग इस हादसे को लेकर चिंतित हैं और उन्होंने प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग की है।
क्या कहती है पुलिस?
इस मामले में फिलहाल एमजीएम थाना में कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं की गई है, लेकिन पुलिस ने अज्ञात वाहन और उसके चालक की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और दुर्घटना की जांच जारी है।
यह घटना न केवल नरेश शर्मा के परिवार के लिए एक भयानक त्रासदी है, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए सड़क सुरक्षा के संबंध में गंभीर सवाल उठाती है। पुलिस का कहना है कि इस हादसे की जांच में तेजी लाई जाएगी और अज्ञात वाहन का पता जल्द ही लगाया जाएगा।
स्थानीय लोग क्यों चिंतित हैं?
स्थानीय लोग इस घटना से भयभीत हैं और उनका कहना है कि मुखियाडंगा क्षेत्र में यातायात नियमों की सख्ती से पालन की आवश्यकता है। कई बार तेज रफ्तार वाहन, खासकर जब लोग सड़क पार कर रहे होते हैं, के कारण हादसों की घटनाएं बढ़ जाती हैं। स्थानीय लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि गति सीमा और यातायात नियमों को कड़ाई से लागू किया जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार के हादसों को रोका जा सके।
स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि सड़क सुरक्षा उपायों को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है। यह हादसा बताता है कि कभी-कभी सड़क पार करते वक्त छोटी सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है।
सड़क सुरक्षा की बढ़ती आवश्यकता
इस हादसे ने क्षेत्र में सड़क सुरक्षा के महत्व को फिर से उजागर किया है। सड़क पर तेज रफ्तार गाड़ियों के कारण होने वाले हादसे न केवल व्यक्तियों की जान लेते हैं, बल्कि परिवारों को भी अपूरणीय क्षति पहुंचाते हैं। नरेश शर्मा का परिवार अब इस दुखद घटना से जूझ रहा है, लेकिन यह हम सभी के लिए एक कड़ी चेतावनी है कि हमें सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करना चाहिए।
क्या कदम उठाए जाने चाहिए?
स्थानीय लोगों की मांग है कि क्षेत्र में स्पीड ब्रेकर और ट्रैफिक सिग्नल लगाए जाएं ताकि वाहनों की गति नियंत्रित हो सके और दुर्घटनाओं की संभावना कम हो सके। साथ ही, सड़क पार करने के लिए सुरक्षित क्रॉसिंग पॉइंट्स का निर्माण भी किया जाए ताकि पैदल चलने वालों को जोखिम कम हो।
इसके अलावा, प्रशासन को भी वाहन चालकों और सड़कों पर पैदल चलने वालों दोनों के लिए जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है, ताकि सड़क सुरक्षा के उपायों को सभी तक पहुंचाया जा सके।
नरेश शर्मा की याद में
नरेश शर्मा के निधन ने उनके परिवार को गहरे शोक में डाल दिया है। उनके बेटे और बेटी इस दुखद घटना से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। नरेश शर्मा की असामयिक मौत ने उनके परिवार में गहरा खालीपन छोड़ दिया है, और उनके निधन पर क्षेत्र में शोक का माहौल है।