Manoharpur Arrest: बैंक के बाहर नकली नोटों से ठगी, पैसे के बदले थमाया कागज़ का रूमाल
मनोहरपुर में 1.5 लाख के बदले 12 हजार ठगे! बैंक के बाहर 500 रुपये के नोट के आकार के कागज थमाकर तीन शातिर ठगों ने गणेश लकड़ा को बनाया शिकार। पूर्वी चंपारण से आए गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार, 12 हजार नकद और 4 एटीएम बरामद, पढ़ें पूरी साजिश।
मनोहरपुर, 5 दिसंबर 2025 – पश्चिम सिंहभूम जिले के मनोहरपुर थाना क्षेत्र में बैंक के बाहर ठगी करने वाले एक शातिर गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार करके न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। गिरफ्तार आरोपियों ने काशीजोड़ा गांव निवासी गणेश लकड़ा को 1,50,000 रुपये देने का झूठा लालच देकर उनसे 12,000 रुपये ठग लिए थे। इस गिरफ्तारी से इलाके में ठगी करने वालों के मन में भय उत्पन्न हो गया है।
नकली नोटों का लालच और 12 हजार की ठगी
वादी गणेश लकड़ा ने पुलिस को बताया कि वह बीती 3 दिसंबर को मनोहरपुर स्थित केनरा बैंक की शाखा में 12,000 रुपये जमा कराने गए थे। उसी दौरान उन्हें नीरज सहनी, सत्येंद्र सहनी और मुरारी महतो नामक इन तीन आरोपियों ने घेरा।
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शातिर चाल: आरोपियों ने गणेश को "1,50,000 रुपये जमा कराने" के बदले पैसे देने का प्रलोभन दिया। उन्होंने गणेश को एक रूमाल में बंधा हुआ 1,50,000 रुपये के नोटों का प्रारूप भी दिखाया। असल में, रूमाल में 500 रुपये के नोटों के आकार के कागज के टुकड़े लपेटे हुए थे। उन्होंने झांसा देकर गणेश से 12,000 रुपये ले लिए और उसके बदले वह कागज़ का रूमाल थमा दिया।
गिरफ्तार और बरामदगी
ठगी का एहसास होते ही गणेश लकड़ा ने तुरंत मनोहरपुर थाना में शिकायत दर्ज कराई। अच्छी बात यह रही कि गणेश और उनके साथ आए अन्य लोगों ने समझदारी दिखाते हुए तीनों आरोपियों को पकड़ लिया और उन्हें थाने लेकर आए। पुलिस ने मौके पर ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
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बरामद सामान: पुलिस ने गिरफ्तार किए गए तीनों लोगों के पास से ठगी किए गए पूरे 12,000 रुपये बरामद कर लिए। इसके अलावा, चार एटीएम कार्ड, तीन मोबाइल फोन और ठगी में इस्तेमाल किया गया वह कागज से भरा रूमाल भी जब्त कर लिया गया है।
पूर्वी चंपारण से है गिरोह का संबंध
गिरफ्तार किए गए नीरज सहनी, सत्येंद्र सहनी और मुरारी महतो पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया थाना क्षेत्र के चांद परसा गांव के निवासी बताए गए हैं। पुलिस विभाग ने यह भी जानकारी दी है कि यह तीनों आरोपी इससे पहले भी ऐसी कई ठगी की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। इससे साफ होता है कि यह एक अंतर्राज्यीय ठग गिरोह का हिस्सा हो सकते हैं, जिसका जाल कई राज्यों में फैला हुआ है। पुलिस ने तीनों के खिलाफ मामला दर्ज करके उन्हें न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
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