Jharkhan Petrol Price Hike : झारखंड में पेट्रोल-डीजल पर सेस, जानिए कैसे महंगा होगा ईंधन और सरकार को मिलेगा 350 करोड़ रुपये का फायदा
झारखंड सरकार पेट्रोल और डीजल पर सेस लगाने जा रही है, जिससे ईंधन महंगा होगा। इस निर्णय से सरकार को 350 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। जानिए इस फैसले से जुड़ी पूरी जानकारी।
रांची, 26 दिसंबर: झारखंड में अब पेट्रोल और डीजल के दाम में इजाफा होने वाला है। राज्य सरकार पेट्रोल और डीजल पर एक नया सेस लगाने की तैयारी में है, जिससे ईंधन की कीमतों में वृद्धि होगी। इस निर्णय के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य राजस्व बढ़ाना है, और अनुमान है कि इससे सरकार को करीब 350 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।
क्या है सेस और कैसे लागू होगा?
झारखंड सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर सेस लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस योजना को लागू करने के लिए पथ निर्माण विभाग ने सेस लगाने के लिए नियमावली का प्रारूप तैयार कर लिया है। साथ ही वाणिज्य कर विभाग ने सेस की वसूली को लेकर अपनी सहमति भी दे दी है।
हालांकि, सेस लगाने से पहले इसे कैबिनेट से मंजूरी लेनी होगी। कैबिनेट की बैठक में यह तय किया जाएगा कि सेस की दर क्या होगी और इसकी वसूली कैसे की जाएगी। फिलहाल इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
350 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व
इस सेस को लागू करने से सरकार को सालाना करीब 350 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हो सकता है। अगर इस प्रक्रिया को समय रहते पूरा कर लिया जाता है, तो उम्मीद जताई जा रही है कि इसे इस सप्ताह के अंत तक लागू कर दिया जाएगा। इस कदम से राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है, खासकर सड़क निर्माण और अन्य विकास कार्यों के लिए।
क्या असर पड़ेगा पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर?
इस समय रांची में पेट्रोल की कीमत 97.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 92.62 रुपये प्रति लीटर है। अब, सेस लगाए जाने के बाद इनकी कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, सेस की सही दर और लागू होने के समय के बारे में अभी कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है।
यह बदलाव आम जनता के लिए बड़ा असर डाल सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो रोजाना पेट्रोल और डीजल का इस्तेमाल करते हैं। अगर सेस की दर अधिक होती है, तो ईंधन की कीमतों में एक अहम बढ़ोतरी देखी जा सकती है, जो लोगों के खर्चों पर प्रभाव डाल सकती है।
सरकार का उद्देश्य
झारखंड सरकार का यह कदम मुख्य रूप से राज्य के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। पेट्रोल और डीजल पर सेस लगाने से प्राप्त होने वाला राजस्व सड़क निर्माण, सुधार और अन्य विकास कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इससे राज्य में सड़कें और अन्य परिवहन सुविधाएं बेहतर हो सकती हैं, जो राज्य की समग्र आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद करेगी।
इतिहास में यह कदम किस तरह से देखा जा सकता है?
यह पहला मौका नहीं है जब राज्य सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर सेस लगाने की योजना बनाई है। इससे पहले भी कई राज्यों में पेट्रोल और डीजल पर अतिरिक्त टैक्स लगाए गए हैं, जिनसे सरकारों को राजस्व प्राप्त हुआ है। इस तरह के कदम आम तौर पर विकास कार्यों के लिए जरूरी वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए उठाए जाते हैं।
झारखंड में भी यह कदम उसी दिशा में उठाया गया है, जिससे राज्य सरकार को अपने विकास कार्यों को गति देने के लिए वित्तीय सहायता मिल सके।
झारखंड में पेट्रोल और डीजल पर सेस लगाने का निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जो सरकार को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सहायक सिद्ध होगा। हालांकि, इससे ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी होगी, जो आम जनता के लिए मुश्किल हो सकती है। अब देखने वाली बात यह होगी कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद सरकार इसे कब और कैसे लागू करती है, और इसके प्रभाव राज्य की जनता पर किस तरह से पड़ते हैं।
What's Your Reaction?