मानव तस्करी के शिकार झारखंड के 10 वर्ष से लापता बालक को दिल्ली में कराया गया मुक्त
झारखंड भवन, नई दिल्ली ने एक त्वरित रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर 10 वर्षों से लापता बालक को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया। इस अभियान में मिशन मुक्ति फाउंडेशन ने अहम भूमिका निभाई और बालक को सकुशल उसके परिवार के पास झारखंड भेजा गया।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र, नई दिल्ली द्वारा मानव तस्करी के शिकार 10 वर्ष से लापता बालक को रेस्क्यू किया गया। झारखंड भवन, नई दिल्ली ने त्वरित कार्यवाही करते हुए नई दिल्ली एवं हरियाणा में एक सघन रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बालक को मुक्त कराया।
मानव तस्करी का दर्दनाक सफर
10 साल पहले, जब यह बालक मात्र 13 वर्ष का था, उसे मानव तस्करों द्वारा दिल्ली लाया गया था। तब से वह अपने परिवार से बिछड़ गया था और उसका कोई भी संपर्क नहीं हो पाया था। बालक के पिता ने उसे ढूंढने के कई प्रयास किए, लेकिन सभी बेकार साबित हुए। झारखंड के साहेबगंज जिले के बरहेट थाने में इस संबंध में एक सनहा दर्ज था, लेकिन पुलिस को भी कोई सुराग नहीं मिल पाया।
रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरुआत
पाँच दिन पहले, झारखंड भवन, नई दिल्ली को इस मामले की जानकारी मिली। नोडल ऑफिसर नचिकेता द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए एक टीम का गठन किया गया। बालक के पिता द्वारा दी गई एक प्लेसमेंट एजेंसी वाले का मोबाइल नंबर जांचा गया। उस नंबर से एक ट्रैवलिंग एजेंसी वाले का पता चला।
गुप्त मिशन और सफलता
झारखंड भवन के कर्मचारी राहुल सिंह और निर्मला खलखो एवं मिशन मुक्ति फाउंडेशन के डायरेक्टर वीरेंद्र सिंह ने यात्री बनकर ट्रैवल एजेंसी के मालिक से संपर्क किया और उसके कार्यालय जाकर उसे धर दबोचा। एजेंसी के मालिक ने बताया कि उसी ने बच्चे को काम पर लगवाया था।
मालिक की खोज और बालक की मुक्ति
रेस्क्यू टीम ने मालिक के कार्यालय और आवास पर छापेमारी की, लेकिन बच्चा वहां नहीं मिला। हालांकि, दिल्ली के आवास पर झारखंड का एक 17 वर्षीय बालक मिला, जिससे घर और ऑफिस का काम करवाया जा रहा था। उस बच्चे को रेस्क्यू कर उसकी काउंसलिंग की गई और स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया।
बालक की वापसी और परिवार की खुशी
रेस्क्यू ऑपरेशन के अगले दिन, 10 वर्षों से लापता बालक को सकुशल उसके परिवार के पास झारखंड भेज दिया गया। इस अभियान में मिशन मुक्ति फाउंडेशन के डायरेक्टर वीरेंद्र सिंह और रेस्क्यू फाउंडेशन से अक्षय ने अहम भूमिका निभाई।
झारखंड भवन और महिला एवं बाल विकास विभाग का योगदान
यह सारी कार्यवाही झारखंड भवन के स्थानिक आयुक्त के निर्देश पर की गई। महिला एवं बाल विकास विभाग मानव तस्करी के मामलों में बहुत ही संवेदनशील है और इसी का परिणाम है कि झारखंड के मानव तस्करी के शिकार सैकड़ों बच्चों को अब तक उनके घरों में पुनर्वासित किया गया है और उन्हें सरकार की कई योजनाओं का लाभ भी दिया जाता है।
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