क्या झारखंड सरकार ने शिक्षा और पारा शिक्षकों के लिए बड़ा फैसला लिया? जानें कैबिनेट की बैठक में क्या-क्या हुआ
झारखंड सरकार की कैबिनेट बैठक में शिक्षा विभाग, सहायक आरक्षक, और पारा शिक्षकों के लिए बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। जानें क्या-क्या हुआ इस महत्वपूर्ण बैठक में।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में 20 से ज्यादा प्रस्तावों पर चर्चा हो रही है, जिसमें शिक्षा विभाग से संबंधित बड़े फैसले की संभावना है।
शिक्षा विभाग के लिए बड़ा कदम
बैठक में शिक्षा विभाग को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा हो रही है। जानकारी के अनुसार, नौवीं से बारहवीं के छात्रों के लिए पोशाक के लिए मिलने वाली राशि को 600 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये करने का प्रस्ताव है। इस पर आज मुहर लग सकती है।
सहायक आरक्षकों को बड़ी सौगात
सहायक आरक्षकों को भी इस कैबिनेट से बड़ी सौगात मिल सकती है। उनके मानदेय, एक्सटेंशन सहित अन्य मांगों पर चर्चा हो रही है और संभावना है कि इन पर सहमति बन सकती है।
पारा शिक्षकों को राहत
कैबिनेट में पारा शिक्षकों के मामले पर भी निर्णय लिया जा सकता है। हाल ही में पारा शिक्षकों द्वारा राजधानी में घेराव करने की कोशिश के बाद, यह मुद्दा सरकार के सामने आया है। बीजेपी ने इस मामले को भुनाने की कोशिश की है, इसलिए हेमंत सरकार मास्टर स्ट्रोक खेल सकती है।
मंत्रियों और अधिकारियों के लिए मोबाइल फोन
झारखंड सरकार के मंत्रियों और वरीय अधिकारियों को 60,000 रुपये का मोबाइल फोन दिया जाएगा और हर महीने 3,000 रुपये का रिचार्ज भी मिलेगा। वित्त विभाग ने राज्य सरकार के मंत्रियों और विभिन्न स्तर के पदाधिकारियों के लिए मोबाइल क्रय व रिचार्ज कूपन की नयी अधिसीमा निर्धारित की है। इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की स्वीकृति मिलने की संभावना है।
विभिन्न स्तरों के अधिकारियों के लिए मोबाइल क्रय की सीमा:
- विशेष सचिव स्तर: 45,000 रुपये का मोबाइल और 2,000 रुपये का रिचार्ज
- अपर सचिव, संयुक्त सचिव, अपर निदेशक, संयुक्त निदेशक: 40,000 रुपये का मोबाइल और 1,500 रुपये का रिचार्ज
- उप सचिव, उप निदेशक व वरीय प्रधान आप्त सचिव: 35,000 रुपये का मोबाइल
- अवर सचिव, सहायक निदेशक, प्रधान आप्त सचिव, कोषागार, उप कोषागार पदाधिकारी: 30,000 रुपये का मोबाइल और 750 रुपये का रिचार्ज
सभी पदाधिकारियों को दिए जाने वाले मोबाइल फोन का जीवनकाल चार वर्षों का होगा और इस दौरान फोन की देख-रेख का जिम्मा संबंधित पदाधिकारी का होगा।
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