Jamshedpur Yatra Grand: जमशेदपुर में निकलेगी ऐतिहासिक तिरंगा यात्रा, 23 मार्च को दिखेगा देशभक्ति का अद्भुत नज़ारा!
जमशेदपुर में 23 मार्च को ऐतिहासिक "शहीद सम्मान यात्रा सह अखंड तिरंगा यात्रा" निकाली जाएगी। जानिए इस भव्य यात्रा का इतिहास और इसके पीछे की प्रेरणा।

जमशेदपुर: 23 मार्च यानी शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान दिवस पर जमशेदपुर एक बार फिर राष्ट्रभक्ति के जज़्बे से सराबोर होने वाला है। इस दिन जमशेदपुर की सड़कों पर शहीद सम्मान यात्रा सह अखंड तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी, जो अपने 10वें वर्ष में प्रवेश कर रही है। इस यात्रा का आयोजन 'नमन' संस्था द्वारा किया जाता है, जिसकी शुरुआत 2016 में राष्ट्रविरोधी नारों के विरोध में की गई थी।
कैसी होगी इस बार की यात्रा?
यात्रा सुबह 9:55 बजे एग्रिको ट्रांसपोर्ट मैदान से निकलेगी और शहर के प्रमुख स्थानों से होते हुए वापस एग्रिको मैदान में ही समाप्त होगी। यह यात्रा एग्रिको गोलचक्कर, भालुबासा, साकची, बसंत सिनेमा, कालीमाटी रोड, आरडी टाटा चौक से होकर गुजरेगी। इस दौरान पुलिस लाइन स्थित शहीद स्थल पर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।
इस ऐतिहासिक यात्रा का नेतृत्व 'मां भारती रथ' करेगा, जो पूरे मार्ग में तिरंगा लहराते हुए आगे बढ़ेगा। इसके साथ ही, इस बार की यात्रा में चार विशेष झांकियां भी शामिल होंगी, जिनमें देश के वीर बलिदानियों से जुड़े ऐतिहासिक दृश्य प्रस्तुत किए जाएंगे। यात्रा के स्वागत के लिए शहरभर में देशभक्तों की कतारें लगी होंगी।
यात्रा का इतिहास और मकसद
2016 में देश में 'भारत तेरे टुकड़े होंगे' जैसे नारों ने देशभक्तों को झकझोर दिया था। इसी के विरोध में जमशेदपुर से इस भव्य यात्रा की शुरुआत की गई थी। तब से हर साल यह यात्रा 23 मार्च को निकलती है, ताकि देश की नई पीढ़ी को शहीदों के बलिदान की गाथा से अवगत कराया जा सके और राष्ट्रभक्ति का संदेश दिया जा सके।
यात्रा का आयोजन करने वाली 'नमन' संस्था के संस्थापक अमरप्रीत सिंह काले का कहना है कि यह यात्रा न किसी राजनीतिक एजेंडे से जुड़ी है और न ही किसी संप्रदाय से, बल्कि यह पूर्ण रूप से राष्ट्रभक्ति से प्रेरित आयोजन है। इस यात्रा में हर धर्म, वर्ग और समुदाय के लोग शामिल होते हैं।
यात्रा का महत्व और समाज पर प्रभाव
यह यात्रा सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि देशभक्ति और एकता का प्रतीक बन चुकी है। हर साल इसमें हजारों लोग शामिल होते हैं, जिनमें पूर्व सैनिक, समाजसेवी, युवा, महिलाएं, पत्रकार, व्यवसायी और शहर के प्रमुख नागरिक शामिल रहते हैं।
इस यात्रा का मकसद क्या है? ✔ शहीदों की कुर्बानी को याद रखना और उन्हें श्रद्धांजलि देना ✔ युवाओं में देशप्रेम की भावना जगाना ✔ समाज में सौहार्द और भाईचारे का संदेश देना ✔ राष्ट्रध्वज के सम्मान को बढ़ावा देना
यात्रा से पहले शहीदों के परिवारों और पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया जाएगा। इस आयोजन में स्कूली छात्र-छात्राएं भी बड़ी संख्या में हिस्सा लेंगे।
कैसे बनती जा रही है यह यात्रा देश की सबसे भव्य यात्राओं में से एक?
पिछले 9 वर्षों में यह यात्रा झारखंड की सबसे बड़ी देशभक्ति यात्राओं में से एक बन चुकी है। इस यात्रा में हर साल लाखों की संख्या में लोग जुटते हैं, जो हाथों में तिरंगा लिए, भारत माता की जय के नारे लगाते हुए चलते हैं।
इस साल की यात्रा को लेकर भी जमशेदपुर में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। आयोजन समिति की टीम ने इस बार यात्रा को और भव्य बनाने के लिए ड्रोन कैमरों से लाइव कवरेज, LED स्क्रीन पर शहीदों के जीवन की झलकियां और विशेष सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की योजना बनाई है।
नमन संस्था की अपील: आइए, इस यात्रा का हिस्सा बनें!
अमरप्रीत सिंह काले ने शहरवासियों से अपील की है कि वे इस यात्रा में बड़ी संख्या में शामिल होकर इसे भव्य और ऐतिहासिक बनाने में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा—
"यह सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि हमारे शहीदों को श्रद्धांजलि देने और उनकी कुर्बानियों को याद करने का सबसे बड़ा अवसर है। हम सभी को इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।"
अब सवाल यह है कि...
क्या इस साल की यात्रा पिछले साल से भी भव्य होगी? कितने लोग इसमें शामिल होंगे? शहीदों के सम्मान में और क्या नए कार्यक्रम होंगे?
इन सभी सवालों के जवाब 23 मार्च को मिलेंगे, जब जमशेदपुर की सड़कों पर राष्ट्रप्रेम की बयार बहेगी और हर ओर तिरंगा लहराता नजर आएगा!
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