Kolhan University: कुलपति की पहल से शिक्षकों की बड़ी जीत, वेतन और संविदा पर त्वरित कार्रवाई
कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति ने शिक्षकों की मांगों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए वेतन और संविदा नवीनीकरण का समाधान किया। जानें इस ऐतिहासिक कदम की पूरी कहानी।
12 दिसंबर 2024: जमशेदपुर के कोल्हान विश्वविद्यालय में शिक्षकों की लंबित समस्याओं को लेकर एक नई शुरुआत हुई। कुलपति ने कोल्हान वोकेशनल शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं का समाधान किया। कुलपति के इस ऐतिहासिक कदम ने शिक्षकों को न केवल वित्तीय राहत दी, बल्कि उनके मनोबल को भी बढ़ाया।
धरने से पहले संवाद: कुलपति ने दिखाया साकारात्मक रुख
कोल्हान वोकेशनल शिक्षक संघ ने अपनी मांगों को लेकर विश्वविद्यालय मुख्यालय पर एक दिवसीय धरने की योजना बनाई थी।
- तत्काल वार्ता:
कुलपति ने इस संभावित विरोध को समझते हुए शिक्षकों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया। - संविदा नवीनीकरण का निर्देश:
कुलपति ने शिक्षकों की संविदा नवीनीकरण प्रक्रिया को दो दिनों में पूरा करने का आदेश दिया। - वेतन भुगतान पर कदम:
बकाया वेतन के भुगतान को भी तत्काल प्राथमिकता देने और एक सप्ताह में वेतन वृद्धि लागू करने का निर्देश दिया।
शिक्षा जगत के लिए ऐतिहासिक कदम
कुलपति के इस निर्णय को शिक्षकों ने एक ऐतिहासिक पहल बताया। संघ के अध्यक्ष प्रो. अमर नाथ सिंह ने इसे शिक्षकों के हित में एक बड़ी जीत करार दिया।
- संघ का आभार:
संघ ने कुलपति के इस त्वरित फैसले के लिए धन्यवाद व्यक्त किया और इसे शिक्षकों के लिए वित्तीय और मानसिक राहत का बड़ा स्रोत बताया।
शिक्षा और सहयोग का नया अध्याय
कुलपति के इस साकारात्मक दृष्टिकोण ने कोल्हान विश्वविद्यालय में शिक्षकों और प्रशासन के बीच सहयोग और समन्वय को मजबूत किया है।
- संघ के सदस्यों की प्रतिक्रिया:
प्रो. सोमनाथ पड़ेया, प्रो. नाजिया तहसीन, और अन्य शिक्षकों ने इसे एक सकारात्मक परिवर्तन का संकेत बताया। - शिक्षकों की भागीदारी:
वर्कर्स महाविद्यालय, को-ऑपरेटिव महाविद्यालय, ग्रैजुएट महाविद्यालय और टाटा कॉलेज चाईबासा से आए शिक्षकों ने इस पहल का स्वागत किया।
कोल्हान विश्वविद्यालय: स्वर्णिम इतिहास की झलक
कोल्हान विश्वविद्यालय, 2009 में स्थापित, झारखंड राज्य का एक प्रमुख शैक्षणिक संस्थान है।
- स्थापना का उद्देश्य:
क्षेत्र में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देना। - चुनौतियां:
वर्षों से यहां शिक्षकों को वेतन, संविदा और अन्य मुद्दों पर संघर्ष करना पड़ा है।
संघ का संकल्प और भविष्य की उम्मीदें
संघ ने इस अवसर पर कुलपति और विश्वविद्यालय प्रशासन का आभार व्यक्त किया।
- भविष्य की कार्रवाई:
संघ को उम्मीद है कि इसी प्रकार की त्वरित और सकारात्मक पहल भविष्य में भी जारी रहेगी। - शिक्षकों की एकता:
संघ के सचिव प्रो. सोमनाथ पड़ेया ने कहा, "हम शिक्षकों के हितों के लिए हमेशा एकजुट रहेंगे।"
क्या है आगे का रास्ता?
कुलपति की पहल ने शिक्षकों को एक नई उम्मीद दी है।
- वेतन समय पर मिलना:
शिक्षकों को उम्मीद है कि बकाया वेतन का भुगतान जल्द होगा। - शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार:
इस पहल से विश्वविद्यालय का शैक्षिक वातावरण भी बेहतर होगा।
समाज और शिक्षा का बेहतर भविष्य
कुलपति के इस ऐतिहासिक निर्णय ने यह साबित किया कि बातचीत और समन्वय से बड़े से बड़े मुद्दों का समाधान संभव है।
- सकारात्मक पहल:
शिक्षकों और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच सहयोग का यह उदाहरण अन्य संस्थानों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है। - शिक्षा का भविष्य:
यह कदम न केवल शिक्षकों बल्कि विद्यार्थियों के लिए भी बेहतर भविष्य की राह खोलेगा।
कोल्हान विश्वविद्यालय में शिक्षकों और प्रशासन के बीच यह साकारात्मक संवाद शिक्षा जगत के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ। शिक्षकों की समस्याओं का समाधान और वेतन वृद्धि जैसे मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई ने इस घटना को यादगार बना दिया।
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