Jamshedpur Suicide: खाने के विवाद में नवविवाहित जोड़े ने उठाया बड़ा कदम, गांव में मचा हड़कंप!
जमशेदपुर के बारेडीह गांव में नवविवाहित जोड़े ने आत्महत्या का प्रयास किया, जहां पत्नी की मौत हो गई और पति अस्पताल में भर्ती है। जानें इस घटना का पूरा सच!

जमशेदपुर: कोवाली थाना क्षेत्र के बारेडीह गांव में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक नवविवाहित जोड़े ने मामूली विवाद के बाद आत्महत्या करने का प्रयास किया। इस दर्दनाक घटना में पत्नी की मौत हो गई, जबकि पति अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है।
कैसे हुआ पूरा मामला?
मंगलवार शाम करीब 5 बजे बारेडीह गांव में अचानक चीख-पुकार मच गई। गांव में सरहूल पर्व की खुशियां चल रही थीं, और 11 मार्च को डीजे का भी आयोजन किया गया था। पूरा गांव उत्सव के रंग में डूबा था, लेकिन इसी बीच नवविवाहित पिंटू सरदार और उनकी पत्नी शेफाली मुंडा के बीच खाने को लेकर विवाद हो गया।
चश्मदीदों के मुताबिक, यह विवाद इतना बढ़ गया कि गुस्से में आकर दोनों ने आत्महत्या करने का फैसला कर लिया। घर में मौजूद पिंटू सरदार की बहन ने जब यह देखा, तो उसने शोर मचाकर ग्रामीणों को बुलाया। ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए पिंटू को बचा लिया, लेकिन शेफाली को बचाया नहीं जा सका।
कौन थी शेफाली मुंडा?
शेफाली मुंडा छोटा नागपुर कॉलेज हातातरिंग की रहने वाली थी। पिंटू और शेफाली की मुलाकात फेसबुक पर हुई थी, और तीन महीने पहले दोनों ने प्रेम विवाह किया था। दोनों की शादी पूरे गांव में चर्चा का विषय रही थी, लेकिन कोई नहीं जानता था कि यह रिश्ता इतनी जल्दी दुखद मोड़ ले लेगा।
गांव में क्या चल रही है चर्चा?
बारेडीह गांव के लोग इस घटना को लेकर स्तब्ध हैं। ग्रामीण वास्ता सरदार ने बताया कि सरहूल पर्व के दौरान हर साल पूरा गांव एकजुट होता है, लेकिन इस बार खुशियों के बीच यह घटना सभी को झकझोर गई। कई लोगों का कहना है कि यह मामला जितना साधारण दिख रहा है, उतना है नहीं।
क्या कह रही है पुलिस?
फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। बुधवार को मृतका शेफाली मुंडा के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। वहीं, आत्महत्या का प्रयास करने वाले पिंटू सरदार का इलाज पोटका अस्पताल में चल रहा है।
इतिहास से क्या सीख मिलती है?
भारत में आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, खासकर नवविवाहित जोड़ों में। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल हजारों लोग रिश्तों में तनाव, घरेलू विवाद और मानसिक दबाव के कारण आत्महत्या जैसा कदम उठाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि छोटे-छोटे विवादों को गंभीर न बनाते हुए समाधान निकालना जरूरी है।
समाज को क्या करना चाहिए?
इस घटना ने फिर से यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम मानसिक स्वास्थ्य और रिश्तों को संभालने में सक्षम हैं? हमें इस दिशा में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है, ताकि लोग छोटे-छोटे मुद्दों पर अपनी जिंदगी को खत्म करने की बजाय समाधान तलाशें।
यह मामला सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि एक सबक है कि रिश्तों में संवाद बनाए रखना कितना जरूरी है। उम्मीद है कि इस दर्दनाक घटना के बाद लोग अपने रिश्तों को बेहतर समझने और सुलझाने की दिशा में कदम उठाएंगे।
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